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देवघर रोपवे हादसा: सरकार के जवाब पर हाई कोर्ट नाराज, सीआईएमएफआर और बीआईटी मेसरा को भी पार्टी बनाने का निर्देश

झारखंड हाई कोर्ट ने देवघर रोपवे हादसा पर स्वत: संज्ञान लेते हुए सुनवाई की. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने सरकार के जवाब पर नाराजगी जाहिर करते हुए सीआईएमएफआर और बीआईटी मेसरा को भी प्रतिवादी बनाने का निर्देश दिया है.

Jharkhand High Court directs CIMFR and BIT Mesra to be defendants in Trikut Ropeway Incident
Jharkhand High Court directs CIMFR and BIT Mesra to be defendants in Trikut Ropeway Incident
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Published : Apr 25, 2022, 7:06 PM IST

रांची: देवघर त्रिकुट पहाड़ पर रोपवे में हुई दुर्घटना पर झारखंड हाई कोर्ट में स्वत: संज्ञान याचिका पर सुनवाई हुई. अदालत ने सरकार के जवाब पर कड़ी नाराजगी व्यक्त की. कोर्ट ने सीआईएमएफआर और बीआईटी मेसरा को प्रतिवादी बनाने का निर्देश दिया है. साथ ही राज्य सरकार को 1 सप्ताह का समय देते हुए जांच रिपोर्ट पेश करने को कहा है. मामले की अगली सुनवाई 6 मई को होगी.

ये भी पढ़ें- त्रिकूट रोपवे ऑपरेशन ओवरः एयरफोर्स, सेना और स्थानीय लोगों ने बचाई 60 जिंदगियां, कब क्या हुआ? पढ़ें रिपोर्ट

झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत में सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से अदालत को जानकारी दी गई कि मामले की जांच चल रही है. जिस पर अदालत ने कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए शीघ्र मामले की जांच कर अदालत में रिपोर्ट पेश करने को कहा है. कोर्ट ने सीआईएमएफआर और बीआईटी मेसरा को प्रतिवादी बनाने का भी निर्देश दिया है.

अधिवक्ता धीरज कुमार
त्रिकुट रोपवे हादसा पर हाई कोर्ट ने मामले पर स्वत: संज्ञान लेते हुए जनहित याचिका में बदलकर सुनवाई करने का आदेश दिया. अदालत ने राज्य सरकार को मामले की जांच कर विस्तृत रिपोर्ट पेश करने को कहा था. उन्हें अपने जवाब में यह बताने को कहा था कि दुर्घटना कैसे हुई? कितने लोग दुर्घटनाग्रस्त हुए? मौके पर राज्य सरकार के द्वारा क्या किया गया? क्या पूर्व में भी दुर्घटना हुई थी? उसके बाद दुर्घटना रोकने के लिए कुछ कदम उठाए गए थे क्या? इन तमाम बिंदुओं पर अद्यतन बिंदुवार जवाब पेश करने को कहा था. बता दें कि देवघर के त्रिकुट पहाड़ पर रोपवे में बड़ा हादसा हो गया था. इस हादसे में 3 लोगों की मृत्यु हो गई थी और कई लोग घायल हो गए थे.

रांची: देवघर त्रिकुट पहाड़ पर रोपवे में हुई दुर्घटना पर झारखंड हाई कोर्ट में स्वत: संज्ञान याचिका पर सुनवाई हुई. अदालत ने सरकार के जवाब पर कड़ी नाराजगी व्यक्त की. कोर्ट ने सीआईएमएफआर और बीआईटी मेसरा को प्रतिवादी बनाने का निर्देश दिया है. साथ ही राज्य सरकार को 1 सप्ताह का समय देते हुए जांच रिपोर्ट पेश करने को कहा है. मामले की अगली सुनवाई 6 मई को होगी.

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झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत में सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से अदालत को जानकारी दी गई कि मामले की जांच चल रही है. जिस पर अदालत ने कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए शीघ्र मामले की जांच कर अदालत में रिपोर्ट पेश करने को कहा है. कोर्ट ने सीआईएमएफआर और बीआईटी मेसरा को प्रतिवादी बनाने का भी निर्देश दिया है.

अधिवक्ता धीरज कुमार
त्रिकुट रोपवे हादसा पर हाई कोर्ट ने मामले पर स्वत: संज्ञान लेते हुए जनहित याचिका में बदलकर सुनवाई करने का आदेश दिया. अदालत ने राज्य सरकार को मामले की जांच कर विस्तृत रिपोर्ट पेश करने को कहा था. उन्हें अपने जवाब में यह बताने को कहा था कि दुर्घटना कैसे हुई? कितने लोग दुर्घटनाग्रस्त हुए? मौके पर राज्य सरकार के द्वारा क्या किया गया? क्या पूर्व में भी दुर्घटना हुई थी? उसके बाद दुर्घटना रोकने के लिए कुछ कदम उठाए गए थे क्या? इन तमाम बिंदुओं पर अद्यतन बिंदुवार जवाब पेश करने को कहा था. बता दें कि देवघर के त्रिकुट पहाड़ पर रोपवे में बड़ा हादसा हो गया था. इस हादसे में 3 लोगों की मृत्यु हो गई थी और कई लोग घायल हो गए थे.
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