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ED गवाह अशोक पर लगा सीसीए अवैध, हाई कोर्ट ने कहा- जल्द करें रिहा, तीन दिन के भीतर राज्य सरकार को दूसरा झटका

पिछले तीन दिन के अंदर कोर्ट से राज्य सरकार को दूसरा झटका लगा है. झारखंड सरकार को सीसीए मामले में एक और बड़ा झटका लगा है. हाई कोर्ट ने ईडी गवाह अशोक यादव पर लगाए गये क्राइम कंट्रोल एक्ट यानी सीसीए को अवैध करार देते हुए रिहा करने का आदेश दिया है.

CCA imposed on ED witness
CCA imposed on ED witness
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Published : Jul 14, 2023, 2:31 PM IST

Updated : Jul 14, 2023, 2:55 PM IST

रांचीः झारखंड सरकार को सीसीए मामले में एक और बड़ा झटका लगा है. हाई कोर्ट ने ईडी गवाह अशोक यादव पर लगाए गये क्राइम कंट्रोल एक्ट यानी सीसीए को अवैध करार देते हुए रिहा करने का आदेश दिया है. अशोक यादव से जुड़े मामले की सुनवाई के बाद न्यायाधीश एस. चंद्रशेखर की अदालत ने सीसीए निरस्त करने का फैसला सुनाया है. पूर्व में इसपर फैसला लेने के लिए राज्य सरकार को आवेदन दिया गया था. लेकिन राज्य सरकार ने कोई फैसला नहीं लिया. इसके बाद अशोक यादव ने झारखंड हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी. उसकी याचिका के स्वीकार कर सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है.

इसे भी पढ़ें- Criminals Will Tightened In Jharkhand: झारखंड में अपराधियों पर नकेल कसने की कवायद शुरू, 82 के खिलाफ सीसीए लगाने की मिली मंजूरी

10 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने भी साहिबगंज जेल में बंद पत्थर व्यवसायी और अवैध खनन में ईडी के गवाह जयप्रकाश उर्फ मुंगरी यादव पर लगे सीसीए को खारिज करते हुए उसी दिन शाम 5 बजे तक रिहा कर सूचित करने का आदेश दिया था. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद मुंगेरी यादव को उसी दिन देर शाम तक जेल से रिहा कर दिया गया था. उसकी गिरफ्तारी 22 जुलाई 2022 को आर्म्स एक्ट के मामले में हुई थी. उसके खिलाफ राजमहल थाना में मामला दर्ज हुआ था.

दरअसल, ईडी का दावा है कि संथाल क्षेत्र में हजार करोड़ से ज्यादा के अवैध खनन हुआ है. इस मामले में ईडी ने अशोक यादव को गवाह बनाया था. लेकिन साहिबगंज पुलिस ने न सिर्फ उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था बल्कि राज्य सरकार की अनुशंसा पर सीसीए भी लगा दिया था. अशोक यादव साहिबगंज के मुफ्फसिल थाना क्षेत्र के सकरी नाला का निवासी है.

बता दें कि अवैध खनन मामले में ईडी ने पूर्व में सीएम के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा के ठिकानों पर छापेमारी की थी. उस दौरान ईडी को नकद और कई कागजात हाथ लगे थे. उसी समय ईडी ने जब्ती सूची तैयार कर अशोक यादव से बतौर गवाह हस्ताक्षर करवाया था. याचिकाकर्ता की ओर से बताया गया कि ईडी का गवाह बनने की वजह से राज्य सरकार ने उसपर जानबूझकर सीसीए एक्ट लगा दिया और पुलिस ने जेल में नजरबंद कर दिया था. संथाल के चर्चित अवैध पत्थर उत्खनन मामले में पंकज मिश्रा समेत कई आरोपी सलाखों के पीछे हैं.

रांचीः झारखंड सरकार को सीसीए मामले में एक और बड़ा झटका लगा है. हाई कोर्ट ने ईडी गवाह अशोक यादव पर लगाए गये क्राइम कंट्रोल एक्ट यानी सीसीए को अवैध करार देते हुए रिहा करने का आदेश दिया है. अशोक यादव से जुड़े मामले की सुनवाई के बाद न्यायाधीश एस. चंद्रशेखर की अदालत ने सीसीए निरस्त करने का फैसला सुनाया है. पूर्व में इसपर फैसला लेने के लिए राज्य सरकार को आवेदन दिया गया था. लेकिन राज्य सरकार ने कोई फैसला नहीं लिया. इसके बाद अशोक यादव ने झारखंड हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी. उसकी याचिका के स्वीकार कर सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है.

इसे भी पढ़ें- Criminals Will Tightened In Jharkhand: झारखंड में अपराधियों पर नकेल कसने की कवायद शुरू, 82 के खिलाफ सीसीए लगाने की मिली मंजूरी

10 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने भी साहिबगंज जेल में बंद पत्थर व्यवसायी और अवैध खनन में ईडी के गवाह जयप्रकाश उर्फ मुंगरी यादव पर लगे सीसीए को खारिज करते हुए उसी दिन शाम 5 बजे तक रिहा कर सूचित करने का आदेश दिया था. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद मुंगेरी यादव को उसी दिन देर शाम तक जेल से रिहा कर दिया गया था. उसकी गिरफ्तारी 22 जुलाई 2022 को आर्म्स एक्ट के मामले में हुई थी. उसके खिलाफ राजमहल थाना में मामला दर्ज हुआ था.

दरअसल, ईडी का दावा है कि संथाल क्षेत्र में हजार करोड़ से ज्यादा के अवैध खनन हुआ है. इस मामले में ईडी ने अशोक यादव को गवाह बनाया था. लेकिन साहिबगंज पुलिस ने न सिर्फ उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था बल्कि राज्य सरकार की अनुशंसा पर सीसीए भी लगा दिया था. अशोक यादव साहिबगंज के मुफ्फसिल थाना क्षेत्र के सकरी नाला का निवासी है.

बता दें कि अवैध खनन मामले में ईडी ने पूर्व में सीएम के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा के ठिकानों पर छापेमारी की थी. उस दौरान ईडी को नकद और कई कागजात हाथ लगे थे. उसी समय ईडी ने जब्ती सूची तैयार कर अशोक यादव से बतौर गवाह हस्ताक्षर करवाया था. याचिकाकर्ता की ओर से बताया गया कि ईडी का गवाह बनने की वजह से राज्य सरकार ने उसपर जानबूझकर सीसीए एक्ट लगा दिया और पुलिस ने जेल में नजरबंद कर दिया था. संथाल के चर्चित अवैध पत्थर उत्खनन मामले में पंकज मिश्रा समेत कई आरोपी सलाखों के पीछे हैं.

Last Updated : Jul 14, 2023, 2:55 PM IST
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