रांची: असिस्टेंट इंजीनियर नियुक्ति परीक्षा को चुनौती देने वाली याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश संजय कुमार द्विवेदी की अदालत ने गुरुवार को अपना फैसला सुना दिया है. अदालत ने विज्ञापन को रद्द कर फिर से विज्ञापन निकालने का आदेश दिया है. ऐसे में कल से असिस्टेंट इंजीनियर नियुक्ति के लिए होने वाली मुख्य परीक्षा टल सकती है.
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झारखंड हाई कोर्ट के अधिवक्ता धीरज कुमार ने बताया कि असिस्टेंट इंजीनियर नियुक्ति मामले में गरीब सवर्णों को 10% आरक्षण दिए जाने को झारखंड हाई कोर्ट में चुनौती दी गई थी. हाई कोर्ट के न्यायाधीश संजय कुमार द्विवेदी की अदालत में सुनवाई हुई थी. इसके साथ ही न्यायाधीश संजय कुमार द्विवेदी की अदालत ने मामले पर सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों को सुनने के बाद आदेश सुरक्षित रख लिया था. सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता रंजीत कुमार की ओर से अधिवक्ता सौरव शेखर ने अदालत को बताया था कि, असिस्टेंट इंजीनियर नियुक्ति में गरीब सवर्णों को आरक्षण का लाभ देना उचित नहीं होगा, क्योंकि असिस्टेंट इंजीनियर की जो नियुक्ति हो रही है, उसमें जो रिक्त पद हैं वह वर्ष 2019 से पूर्व के हैं और गरीब सवर्णों को आरक्षण देने का जो नियम बना है, वह वर्ष 2019 में बना है. इसलिए पूर्व के रिक्त पदों पर आरक्षण देना असंवैधानिक होगा. वहीं सरकार की ओर से अदालत को बताया गया था कि, सरकार द्वारा दिया गया यह आरक्षण सही है, क्योंकि विज्ञापन निकालने के समय सरकार का जो नियम होता है, उसी के तहत उसमें आरक्षण की व्यवस्था की जाती है. अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद आदेश सुरक्षित रख लिया था.
ये है मामला
बता दें कि झारखंड लोक सेवा आयोग ने वर्ष 2019 में असिस्टेंट इंजीनियर के 634 पदों पर नियुक्ति के लिए विज्ञापन निकाला था. पीटी परीक्षा ले ली गई थी, पीटी का रिजल्ट भी प्रकाशित किया गया था, उसके बाद शुक्रवार 22 जनवरी से मुख्य परीक्षा होनी थी. लेकिन अब विज्ञापन रद्द हो जाने के कारण परीक्षा टलने की आशंका पैदा हो गई है.