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हाईकोर्ट ने जैप सिपाहियों के ट्रांसफर पर लगाई रोक, मांगा जवाब

झारखंड हाई कोर्ट ने जैप चार के सिपाहियों के स्थानांतरण को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए डीआईजी के द्वारा किए गए स्थानांतरण आदेश पर तत्काल रोक लगा (Jharkhand High Court Bans Transfer of JAP Constables) दी है. मामले की अगली सुनवाई तक विभाग को अपना जवाब पेश करने को कहा है.

Jharkhand High Court
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Published : Nov 30, 2022, 2:06 PM IST

रांची: झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश आनंद सेन की अदालत में जैप चार के सिपाहियों के स्थानांतरण को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई हुई. अदालत ने मामले में दोनों पक्षों को सुनने के बाद डीआईजी के द्वारा किए गए स्थानांतरण आदेश पर तत्काल रोक लगा दी है (Jharkhand High Court Bans Transfer of JAP Constables). मामले की अगली सुनवाई 21 दिसंबर को तय की गई है. इस बीच विभाग को अपना जवाब पेश करना है तब तक के लिए मामले की सुनवाई को स्थगित कर दी गई है

यह भी पढ़ें: नक्शा स्वीकृति में पैसों के खेल मामले में झारखंड हाई कोर्ट ने लिया स्वत: संज्ञान, महाधिवक्ता को उपस्थित रहने का दिया निर्देश

क्या है पूरा मामला: झारखंड हाई कोर्ट ने मोहन प्रसाद यादव और अन्य की याचिका पर सुनवाई करते हुए जैप 4 के 66 सिपाहियों के ट्रांसफर पर रोक लगा दी है. 23 नवंबर 2022 को एडीजी जैप ने आदेश निकाल कर 66 सिपाहियों को अलग-अलग वाहिनी में तत्काल प्रभाव से ट्रांसफर करने का आदेश दिया था. इसके बाद इनमें से 22 सिपाहियों ने एडीजी जैप को आवेदन देकर ट्रांसफर रोकने की गुहार लगाई थी. उसके बाद एडीजी जैप ने समादेष्टा जैप 4, बोकारो को आदेश दिया कि जिन 22 लोगों ने ट्रांसफर रुकवाने के लिए आवेदन दिया है, उन्हें तत्काल प्रभाव से विरमित करते हुए उनका तबादला सुनिश्चित किया जाए.

एडीजी के ट्रांसफर आदेश पर रोक: एडीजी के उसी आदेश को चुनौती देते हुए प्रार्थी ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की. प्रार्थी की ओर से कहा गया कि उनके ट्रांसफर का आदेश न्याय संगत नहीं है. पुलिस मैनुअल के नियम 778 की अवहेलना है. प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता दिवाकर उपाध्याय ने पैरवी की. कोर्ट ने एडीजी के 23 नवंबर 2022 के ट्रांसफर आदेश पर रोक लगा दी. साथ ही राज्य सरकार को मामले में शपथ पत्र दाखिल करने का निर्देश दिया है.

रांची: झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश आनंद सेन की अदालत में जैप चार के सिपाहियों के स्थानांतरण को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई हुई. अदालत ने मामले में दोनों पक्षों को सुनने के बाद डीआईजी के द्वारा किए गए स्थानांतरण आदेश पर तत्काल रोक लगा दी है (Jharkhand High Court Bans Transfer of JAP Constables). मामले की अगली सुनवाई 21 दिसंबर को तय की गई है. इस बीच विभाग को अपना जवाब पेश करना है तब तक के लिए मामले की सुनवाई को स्थगित कर दी गई है

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क्या है पूरा मामला: झारखंड हाई कोर्ट ने मोहन प्रसाद यादव और अन्य की याचिका पर सुनवाई करते हुए जैप 4 के 66 सिपाहियों के ट्रांसफर पर रोक लगा दी है. 23 नवंबर 2022 को एडीजी जैप ने आदेश निकाल कर 66 सिपाहियों को अलग-अलग वाहिनी में तत्काल प्रभाव से ट्रांसफर करने का आदेश दिया था. इसके बाद इनमें से 22 सिपाहियों ने एडीजी जैप को आवेदन देकर ट्रांसफर रोकने की गुहार लगाई थी. उसके बाद एडीजी जैप ने समादेष्टा जैप 4, बोकारो को आदेश दिया कि जिन 22 लोगों ने ट्रांसफर रुकवाने के लिए आवेदन दिया है, उन्हें तत्काल प्रभाव से विरमित करते हुए उनका तबादला सुनिश्चित किया जाए.

एडीजी के ट्रांसफर आदेश पर रोक: एडीजी के उसी आदेश को चुनौती देते हुए प्रार्थी ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की. प्रार्थी की ओर से कहा गया कि उनके ट्रांसफर का आदेश न्याय संगत नहीं है. पुलिस मैनुअल के नियम 778 की अवहेलना है. प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता दिवाकर उपाध्याय ने पैरवी की. कोर्ट ने एडीजी के 23 नवंबर 2022 के ट्रांसफर आदेश पर रोक लगा दी. साथ ही राज्य सरकार को मामले में शपथ पत्र दाखिल करने का निर्देश दिया है.

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