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ईडी की कार्रवाई के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंची झारखंड सरकार, जनवरी में होगी सुनवाई - डीएसपी प्रमोद मिश्र

ईडी की कार्रवाई को लेकर झारखंड सरकार की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई के लिए तैयार हो गया है (Jharkhand government petition in Supreme Court against ED). दिसंबर की छुट्टियों के बाद जनवरी में इस मामले की सुनवाई होगी.

Jharkhand government petition in Supreme Court against ED
Jharkhand government petition in Supreme Court against ED
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Published : Dec 14, 2022, 6:54 PM IST

रांची: सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड सरकार की उस याचिका को सुनवाई के लिए स्वीकार कर लिया है, जिसमें ईडी की ओर से झारखंड पुलिस के अफसरों को समन भेजे जाने को चुनौती दी गई है (Jharkhand government petition in Supreme Court against ED). बुधवार को झारखंड सरकार ने इस मामले को सुप्रीम कोर्ट में मेंशन किया. कोर्ट ने कहा कि दिसंबर में हो रही छुट्टियों के बाद जनवरी में इस मामले की सुनवाई की जाएगी.

ये भी पढ़ें- प्रमोद मिश्रा को ईडी ने दोबारा भेजा समन, 15 दिसंबर जोनल कार्यालय में हाजिर होने के निर्देश

झारखंड सरकार ने जिस मामले में ईडी की कार्रवाई को गलत और अधिकार क्षेत्रों का उल्लंघन बताते हुए याचिका दायर की है, वह 2020 में साहिबगंज जिले के बड़हरवा टोल प्लाजा टेंडर विवाद से संबंधित है. इस विवाद को लेकर शंभु भगत नामक एक ठेकेदार द्वारा झारखंड सरकार के मंत्री आलमगीर आलम और सीएम हेमंत सोरेन के विधानसभा क्षेत्र प्रतिनिधि पंकज मिश्र समेत 11 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई थी. एफआईआर दर्ज होने के बाद 24 घंटे के अंदर इसका सुपरविजन करने वाले डीएसपी प्रमोद मिश्र ने मंत्री आलमगीर एवं पंकज मिश्र को क्लीन चिट दे दी थी. ईडी ने इस मामले में पैसे के लेन-देन के एंगल पर जांच शुरू की है और झारखंड पुलिस के डीएसपी प्रमोद मिश्रा को पूछताछ के लिए समन किया है. हालांकि डीएसपी प्रमोद मिश्र ईडी के समन के बावजूद पिछले 13 दिसंबर को पूछताछ के लिए उपस्थित नहीं हुए थे. इसके बाद ईडी ने उन्हें दोबारा समन जारी कर 15 दिसंबर को पूछताछ के लिए समन भेजा है.

ईडी की इस कार्रवाई के विरोध में झारखंड सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में जो याचिका डाली है, उसमें कहा गया है कि ईडी को अपने केस के सिलसिले में किसी से पूछताछ करने का अधिकार है, लेकिन वह अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर राज्य पुलिस से जुड़े मामले में पुलिस अफसरों को समन कर रही है. झारखंड सरकार ने इसे राज्य के अधिकारों का अतिक्रमण बताते हुए ईडी की कार्रवाई पर रोक लगाने की मांग सुप्रीम कोर्ट से की है.

इनपुट-आईएएनएस

रांची: सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड सरकार की उस याचिका को सुनवाई के लिए स्वीकार कर लिया है, जिसमें ईडी की ओर से झारखंड पुलिस के अफसरों को समन भेजे जाने को चुनौती दी गई है (Jharkhand government petition in Supreme Court against ED). बुधवार को झारखंड सरकार ने इस मामले को सुप्रीम कोर्ट में मेंशन किया. कोर्ट ने कहा कि दिसंबर में हो रही छुट्टियों के बाद जनवरी में इस मामले की सुनवाई की जाएगी.

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झारखंड सरकार ने जिस मामले में ईडी की कार्रवाई को गलत और अधिकार क्षेत्रों का उल्लंघन बताते हुए याचिका दायर की है, वह 2020 में साहिबगंज जिले के बड़हरवा टोल प्लाजा टेंडर विवाद से संबंधित है. इस विवाद को लेकर शंभु भगत नामक एक ठेकेदार द्वारा झारखंड सरकार के मंत्री आलमगीर आलम और सीएम हेमंत सोरेन के विधानसभा क्षेत्र प्रतिनिधि पंकज मिश्र समेत 11 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई थी. एफआईआर दर्ज होने के बाद 24 घंटे के अंदर इसका सुपरविजन करने वाले डीएसपी प्रमोद मिश्र ने मंत्री आलमगीर एवं पंकज मिश्र को क्लीन चिट दे दी थी. ईडी ने इस मामले में पैसे के लेन-देन के एंगल पर जांच शुरू की है और झारखंड पुलिस के डीएसपी प्रमोद मिश्रा को पूछताछ के लिए समन किया है. हालांकि डीएसपी प्रमोद मिश्र ईडी के समन के बावजूद पिछले 13 दिसंबर को पूछताछ के लिए उपस्थित नहीं हुए थे. इसके बाद ईडी ने उन्हें दोबारा समन जारी कर 15 दिसंबर को पूछताछ के लिए समन भेजा है.

ईडी की इस कार्रवाई के विरोध में झारखंड सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में जो याचिका डाली है, उसमें कहा गया है कि ईडी को अपने केस के सिलसिले में किसी से पूछताछ करने का अधिकार है, लेकिन वह अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर राज्य पुलिस से जुड़े मामले में पुलिस अफसरों को समन कर रही है. झारखंड सरकार ने इसे राज्य के अधिकारों का अतिक्रमण बताते हुए ईडी की कार्रवाई पर रोक लगाने की मांग सुप्रीम कोर्ट से की है.

इनपुट-आईएएनएस

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