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ST, SC, OBC के लिए प्रदेश सरकार ने तैयार कराया 374.80 करोड़ रुपये का प्रस्ताव, स्वीकृति के लिए भेजी जाएगी केंद्र सरकार के पास

रांची में सीएस हेमंत सोरेन ने केंद्र सरकार को वित्तीय वर्ष 2020-21 के तहत स्वीकृति के लिए भेजी जाने वाली योजनाओं के प्रस्ताव की विभागीय अधिकारियों के साथ समीक्षा की. प्रदेश सरकार ने इस मद से स्वीकृति के लिए 374.80 करोड़ रुपये का प्रस्ताव तैयार कराया है, जिसे केंद्र सरकार के पास भेजा जाएगा.

cm soren review
सीएम ने की समीक्षा
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Published : Sep 12, 2020, 9:26 AM IST

Updated : Sep 12, 2020, 10:33 AM IST

रांची: सीएम हेमंत सोरेन ने अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, अल्पसंख्यक और पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग की ओर से केंद्र सरकार को वित्तीय वर्ष 2020-21 के तहत स्वीकृति के लिए भेजी जाने वाली योजनाओं के प्रस्ताव की विभागीय अधिकारियों के साथ समीक्षा की. इसमें संविधान की धारा 275 (1) के तहत संचालित होनेवाली योजनाओं, विशेष केंद्रीय सहायता-अनुसूचित जनजाति उपयोजना, कंजर्वेशन कम डेवलमेंट के तहत आनेवाली योजनाओं और एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय से संबंधित योजनाओं की पड़ताल की गई. इन चार श्रेणियों के अंतर्गत जिन योजनाओं का प्रस्ताव तैयार किया गया है, उसकी कुल राशि 374.80 करोड़ रुपये है. मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि जो भी योजनाएं बनाई जाएं, उसका बेहतर तरीके से क्रियान्वयन होना सुनिश्चित किया जाए. उन्होंने कहा कि इन योजनाओं का लाभ ज्यादा से ज्यादा लोगों को मिलना चाहिए.

इन योजनाओं का प्रस्ताव तैयार

मुख्यमंत्री को विभागीय अधिकारियों ने बताया कि संविधान की धारा 275 (1) के तहत ऐतिहासिक स्थलों के संरक्षण और विकास, सरायकेला में बिरसा स्टेडियम के उन्नयन, अनुसूचित क्षेत्रों में पीसीसी पथ, कलवर्ट और पुलिया निर्माण, अनुसूचित क्षेत्रों में संचालित मेसो अस्पतालों और जीएनएम हॉस्टल की जीर्णोद्धार, आवासीय और एकलव्य विद्यालयों में इंफ्रास्ट्रक्चर विकास से संबंधित योजनाओं का प्रस्ताव तैयार किया गया है. इन योजनाओं के लिए कुल 124.93 करोड़ रुपये खर्च किए जाने का प्रस्ताव है.

अनुसूचित जनजाति उपयोजना के तहत 124. 50 करोड़ रुपये की योजना

विभाग की ओर से केंद्र को विशेष केंद्रीय सहायता-अनुसूचित जनजाति उपयोजना के तहत तालाब निर्माण, डीप बोरिंग, लिफ्ट एरिगेशन, अनुसूचित जनजाति के युवाओं के उद्यमिता विकास, सिंचाई, अनुसूचित जनजाति की महिलाओं के बीच सिलाई मशीन का वितरण, मधुमक्खी पालन समेत अन्य योजनाओं के लिए 96 करोड़ रुपये का प्रस्ताव बनाकर भेजा जाना है. मुख्यमंत्री ने इन सभी योजनाओं की अधिकारियों से विस्तृत जानकारी ली और आवश्यक निर्देश दिए. इसके अलावा अनुसूचित जनजाति उपयोजना के तहत जनजातीय समुदाय के लिए सांस्कृतिक भवन आजीविका संवर्धन से जुड़ी योजना भी केंद्र को भेजी जाएगी. वहीं आश्रम और एकलव्य विद्यालयों में छात्रावास समेत अन्य निर्माण कार्यों से संबंधित योजनाओं का प्रस्ताव है. इन सभी योजनाओं के लिए 124. 50 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. इसके अलावा कंजर्वेशन कम डेवलपमेंट के तहत 28.60 करोड़ रुपये की योजना बनाई गईं हैं और एकलव्य विद्यालयों के संचालन के लिए 72.70 करोड़ रुपये का प्रस्ताव केंद्र को स्वीकृति के लिए भेजा जाएगा.

ये लोग रहे मौजूद

इस बैठक में मंत्री चंपई सोरेन, मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का और अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, अल्पसंख्यक एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के सचिव अमिताभ कौशल मौजूद रहे.

रांची: सीएम हेमंत सोरेन ने अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, अल्पसंख्यक और पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग की ओर से केंद्र सरकार को वित्तीय वर्ष 2020-21 के तहत स्वीकृति के लिए भेजी जाने वाली योजनाओं के प्रस्ताव की विभागीय अधिकारियों के साथ समीक्षा की. इसमें संविधान की धारा 275 (1) के तहत संचालित होनेवाली योजनाओं, विशेष केंद्रीय सहायता-अनुसूचित जनजाति उपयोजना, कंजर्वेशन कम डेवलमेंट के तहत आनेवाली योजनाओं और एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय से संबंधित योजनाओं की पड़ताल की गई. इन चार श्रेणियों के अंतर्गत जिन योजनाओं का प्रस्ताव तैयार किया गया है, उसकी कुल राशि 374.80 करोड़ रुपये है. मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि जो भी योजनाएं बनाई जाएं, उसका बेहतर तरीके से क्रियान्वयन होना सुनिश्चित किया जाए. उन्होंने कहा कि इन योजनाओं का लाभ ज्यादा से ज्यादा लोगों को मिलना चाहिए.

इन योजनाओं का प्रस्ताव तैयार

मुख्यमंत्री को विभागीय अधिकारियों ने बताया कि संविधान की धारा 275 (1) के तहत ऐतिहासिक स्थलों के संरक्षण और विकास, सरायकेला में बिरसा स्टेडियम के उन्नयन, अनुसूचित क्षेत्रों में पीसीसी पथ, कलवर्ट और पुलिया निर्माण, अनुसूचित क्षेत्रों में संचालित मेसो अस्पतालों और जीएनएम हॉस्टल की जीर्णोद्धार, आवासीय और एकलव्य विद्यालयों में इंफ्रास्ट्रक्चर विकास से संबंधित योजनाओं का प्रस्ताव तैयार किया गया है. इन योजनाओं के लिए कुल 124.93 करोड़ रुपये खर्च किए जाने का प्रस्ताव है.

अनुसूचित जनजाति उपयोजना के तहत 124. 50 करोड़ रुपये की योजना

विभाग की ओर से केंद्र को विशेष केंद्रीय सहायता-अनुसूचित जनजाति उपयोजना के तहत तालाब निर्माण, डीप बोरिंग, लिफ्ट एरिगेशन, अनुसूचित जनजाति के युवाओं के उद्यमिता विकास, सिंचाई, अनुसूचित जनजाति की महिलाओं के बीच सिलाई मशीन का वितरण, मधुमक्खी पालन समेत अन्य योजनाओं के लिए 96 करोड़ रुपये का प्रस्ताव बनाकर भेजा जाना है. मुख्यमंत्री ने इन सभी योजनाओं की अधिकारियों से विस्तृत जानकारी ली और आवश्यक निर्देश दिए. इसके अलावा अनुसूचित जनजाति उपयोजना के तहत जनजातीय समुदाय के लिए सांस्कृतिक भवन आजीविका संवर्धन से जुड़ी योजना भी केंद्र को भेजी जाएगी. वहीं आश्रम और एकलव्य विद्यालयों में छात्रावास समेत अन्य निर्माण कार्यों से संबंधित योजनाओं का प्रस्ताव है. इन सभी योजनाओं के लिए 124. 50 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. इसके अलावा कंजर्वेशन कम डेवलपमेंट के तहत 28.60 करोड़ रुपये की योजना बनाई गईं हैं और एकलव्य विद्यालयों के संचालन के लिए 72.70 करोड़ रुपये का प्रस्ताव केंद्र को स्वीकृति के लिए भेजा जाएगा.

ये लोग रहे मौजूद

इस बैठक में मंत्री चंपई सोरेन, मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का और अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, अल्पसंख्यक एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के सचिव अमिताभ कौशल मौजूद रहे.

Last Updated : Sep 12, 2020, 10:33 AM IST

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