गाजियाबादः गाजियाबाद में रविवार को एक सोसाइटी में गार्ड का काम करने वाली 19 साल की झारखंड की रहने वाली युवती के साथ उसके सुपरवाइजर ने 2 साथियों के साथ मिलकर गैंगरेप किया था. पीड़िता को गंभीर हालत में उसके सहयोगियों ने अस्पताल में भर्ती कराया था, जहां से उसे सफदरजंग अस्पताल रेफर कर दिया गया था. सोमवार को युवती की मौत हो गई.
बता दें कि इस मामले में पुलिस ने सुपरवाइजर को पहले ही गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस मामले की जांच कर रही है. मौत से पहले मजिस्ट्रेट के सामने पीड़िता ने दुष्कर्मी का नाम लिख दिया था. पीड़िता के मौसेरे भाई का आरोप है कि दुष्कर्म के बाद आरोपियों ने कोल्डड्रिंक में जहर मिलाकर जबरदस्ती उसे पिला दी. पीड़िता डेढ़ महीने पहले ही नौकरी के लिए गाजियाबाद आई थी. रविवार को ही इस मामले में मुख्य आरोपी सिक्योरिटी सुपरवाइजर अजय को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था.
झारखंड निवासी युवती क्रॉसिंग रिपब्लिक थाना क्षेत्र में अपनी मौसी के घर रहती थी. वो एक सोसाइटी में बतौर सिक्योरिटी गार्ड तैनात थी. रविवार दोपहर युवती के मौसेरे भाई ने डायल-112 को कॉल करके उसके साथ तीन युवकों द्वारा गैंगरेप करने की जानकारी दी. पुलिस के पहुंचने से पहले ही सहकर्मी पीड़िता को ग्रेटर नोएडा के एक अस्पताल ले गए. लेकिन, हालत गंभीर होने के कारण उसे सफदरजंग के लिए रेफर कर दिया गया.
इस मामले में पीड़िता के मौसेरे भाई ने सिक्योरिटी सुपरवाइजर अजय और दो अज्ञात युवकों पर गैंगरेप, मारपीट करने, कपड़े फाड़ने की एफआईआर दर्ज कराई है. डीसीपी विवेक चंद्र यादव ने बताया कि सूचना मिलते ही पुलिस हॉस्पिटल पहुंची. जहां डॉक्टरों ने बताया कि युवती ने कुछ जहरीला पदार्थ खाया है. इससे उसकी हालत बिगड़ गई है. इसी बीच, मजिस्ट्रेट भी बयान दर्ज करने के लिए हॉस्पिटल पहुंच गए. पीड़िता बहुत ज्यादा बोलने की स्थिति में नहीं थी, लेकिन कागज पर लिखकर बयान दिया. इसमें उसने घटना में अजय के शामिल होने की बात लिखी है. बाकी दो अज्ञात युवकों का जिक्र लिखित बयान में नहीं है. इस आधार पर पुलिस ने फौरन कार्रवाई करते हुए सिक्योरिटी सुपरवाइजर अजय को गिरफ्तार कर लिया. उससे पूछताछ की जा रही है.
डीसीपी ने बताया कि घटना सोसाइटी के बेसमेंट की है. जहां सिक्योरिटी सुपरवाइजर का कमरा है. इस पूरे मामले में गहनता से जांच की जा रही है. वहां पर मौजूद अन्य सुरक्षाकर्मियों के बयान भी दर्ज किए जा रहे हैं. पुलिस अधिकारियों का कहना है कि पीड़िता ने मजिस्ट्रेट को दिए बयान में सिर्फ अजय का नाम लिखा है. अन्य दो युवकों का कोई जिक्र नहीं किया है. ऐसे में इस बात की जांच की जा रही है कि घटना में सिर्फ एक ही व्यक्ति शामिल था या तीन अन्य थे. पुलिस का कहना है कि सोसाइटी के सीसीटीवी कैमरों की फुटेज देखी गई है. लेकिन, उसमें कुछ नजर नहीं आ रहा है. (इनपुट-आईएएनएस)