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झारखंड के 137 पारा शिक्षक नौकरी से बर्खास्त, जानिए वजह - 137 para teachers sacked

झारखंड के 137 पारा शिक्षक नौकरी से निकाले गए हैं. विभाग इन शिक्षकों पर एफआईआर करने की तैयारी कर रही है.

Jharkhand Education Project Council sacked 137 para teachers
झारखंड मंत्रालय
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Published : Jan 12, 2023, 10:05 PM IST

रांची: झारखंड के सरकारी स्कूलों में 137 पारा शिक्षकों (सहायक शिक्षक) की सेवा समाप्त कर दी गई है. ये शिक्षक सरकार के सामने अपना शैक्षणिक प्रमाण पत्र नहीं पेश कर सके. सरकार ने राज्य के सभी 62318 पारा शिक्षकों के प्रमाण पत्रों की जांच की प्रक्रिया कुछ महीने पहले शुरू की थी. इन्हें 31 दिसंबर 2022 तक हर हाल में प्रमाण पत्र जांच के लिए जमा करने को कहा गया था. इनमें से 106 शिक्षक अपना शैक्षणिक प्रमाण नहीं दे पाए, जबकि 36 ने प्रमाण पत्र जमा करने के बदले स्वत: इस्तीफा दे दिया.

ये भी पढ़ें- झारखंड के सरकारी स्कूलों में पाए गए 100 से ज्यादा 'फर्जी गुरुजी', अब बर्खास्तगी की तैयारी

आधिकारिक सूत्रों से मिला जानकारी के अनुसार अब तक कुल 53 हजार 51 पारा शिक्षकों के प्रमाण पत्र जांचे जा चुके हैं. इनमें से 395 ऐसे हैं, जिनके प्रमाण पत्रों के फर्जी होने का संदेह है. 100 से ज्यादा मामलों में तो प्रमाण पत्र फर्जी होने की पुष्टि हो चुकी है. इसके अलावा 13 पारा शिक्षक आपराधिक मामलों के अभियुक्त पाए गए हैं. इनपर भी कार्रवाई हो सकती है. झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद ऐसे शिक्षकों की सेवा समाप्त करने और उनके खिलाफ एफआईआर कराने की तैयारी कर रही है, जिनके प्रमाण पत्र फर्जी पाए गए हैं.

इनमें से कई अभ्यर्थियों ने हरियाणा, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर के राज्यों से निर्गत प्रमाण पत्र जमा किए थे. बता दें कि सरकार ने पारा शिक्षकों के वेतन में बढ़ोतरी के लिए आकलन परीक्षा लेने का निर्णय लिया है. इस परीक्षा में वैसे पारा टीचर ही बैठ पाएंगे, जिनके सर्टिफिकेट का सत्यापन हो चुका है. राज्य में वर्ष 2003-04 से ग्राम शिक्षा समितियों की अनुशंसा पर एक फिक्स मानदेय पर लगभग 81 हजार पारा शिक्षकों की नियुक्ति की गई थी. अब इनकी संख्या 62318 रह गई है. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि जिन पारा शिक्षकों के प्रमाण पत्र फर्जी पाए गए हैं, उनकी बर्खास्तगी के लिए उपायुक्तों और जिला शिक्षा अधीक्षकों को पत्र भेजा जा रहा है.

इनपुट-आईएएनएस

रांची: झारखंड के सरकारी स्कूलों में 137 पारा शिक्षकों (सहायक शिक्षक) की सेवा समाप्त कर दी गई है. ये शिक्षक सरकार के सामने अपना शैक्षणिक प्रमाण पत्र नहीं पेश कर सके. सरकार ने राज्य के सभी 62318 पारा शिक्षकों के प्रमाण पत्रों की जांच की प्रक्रिया कुछ महीने पहले शुरू की थी. इन्हें 31 दिसंबर 2022 तक हर हाल में प्रमाण पत्र जांच के लिए जमा करने को कहा गया था. इनमें से 106 शिक्षक अपना शैक्षणिक प्रमाण नहीं दे पाए, जबकि 36 ने प्रमाण पत्र जमा करने के बदले स्वत: इस्तीफा दे दिया.

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आधिकारिक सूत्रों से मिला जानकारी के अनुसार अब तक कुल 53 हजार 51 पारा शिक्षकों के प्रमाण पत्र जांचे जा चुके हैं. इनमें से 395 ऐसे हैं, जिनके प्रमाण पत्रों के फर्जी होने का संदेह है. 100 से ज्यादा मामलों में तो प्रमाण पत्र फर्जी होने की पुष्टि हो चुकी है. इसके अलावा 13 पारा शिक्षक आपराधिक मामलों के अभियुक्त पाए गए हैं. इनपर भी कार्रवाई हो सकती है. झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद ऐसे शिक्षकों की सेवा समाप्त करने और उनके खिलाफ एफआईआर कराने की तैयारी कर रही है, जिनके प्रमाण पत्र फर्जी पाए गए हैं.

इनमें से कई अभ्यर्थियों ने हरियाणा, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर के राज्यों से निर्गत प्रमाण पत्र जमा किए थे. बता दें कि सरकार ने पारा शिक्षकों के वेतन में बढ़ोतरी के लिए आकलन परीक्षा लेने का निर्णय लिया है. इस परीक्षा में वैसे पारा टीचर ही बैठ पाएंगे, जिनके सर्टिफिकेट का सत्यापन हो चुका है. राज्य में वर्ष 2003-04 से ग्राम शिक्षा समितियों की अनुशंसा पर एक फिक्स मानदेय पर लगभग 81 हजार पारा शिक्षकों की नियुक्ति की गई थी. अब इनकी संख्या 62318 रह गई है. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि जिन पारा शिक्षकों के प्रमाण पत्र फर्जी पाए गए हैं, उनकी बर्खास्तगी के लिए उपायुक्तों और जिला शिक्षा अधीक्षकों को पत्र भेजा जा रहा है.

इनपुट-आईएएनएस

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