रांची: राजेश ठाकुर के प्रदेश अध्यक्ष का कमान संभाले चार महीने होने को हैं मगर अभी तक प्रदेश कार्यसमिति की घोषणा नहीं हो पाई है. इससे पहले डॉ. रामेश्वर उरांव का कार्यकाल भी प्रदेश कार्यसमिति के गठन के बिना ही पूरा हो गया. इससे सवाल उठ रहे हैं. इधर चार कार्यकारी अध्यक्ष की बदौलत संगठन की नैया पार लगाने में जुटे प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने आश्वस्त किया कि जल्द ही कार्यसमिति का गठन कर कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारी दी जाएगी.
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झारखंड कांग्रेस के नए ठाकुर बने राजेश ठाकुर अभी तक झारखंड कांग्रेस कार्यसमिति का गठन नहीं कर पाए हैं. इसको लेकर तरह-तरह की अटकलें लगाई जा रहीं हैं, फिर कार्यसमिति के गठन में देरी से उनकी राह आसान नहीं होने की ओर इशारा कर रही है. इससे पहले डॉ. रामेश्वर उरांव का कार्यकाल भी बीत गया था और झारखंड कांग्रेस की प्रदेश कार्यसमिति गठित नहीं हो पाई थी. उनके कार्यकाल के दौरान कार्यकारी अध्यक्ष ही बनाए जा सके थे. अब राजेश ठाकुर भी उसी राह पर चलते नजर आ रहे हैं.
राजेश को रास आया आलाकमान का फॉर्मूला
राजेश ठाकुर के झारखंड कांग्रेस की कमान पाए चार महीने बीत चुके हैं लेकिन वे अभी तक चार कार्यकारी अध्यक्ष ही बना पाए हैं. इसी की बदौलत वे झारखंड कांग्रेस की नैया पार लगाने में जुटे हैं. उनको आलाकमान का यह फॉर्मूला रास भी आ रहा है. उन्होंने कहा कि बगैर कमेटी अभी तक हमने अच्छा काम किया है. चुनाव तक जीते हैं. इसके लिए वे पार्टी आलाकमान की तारीफ करते नहीं थकते. हालांकि झारखंड प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर का यह भी कहना है कि जल्द ही कार्यसमिति का गठन कर कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारी दी जाएगी.
इधर, पिछले चार वर्षों से बगैर कार्यसमिति के कार्यकारी अध्यक्ष के सहारे चल रहे संगठन के कामकाज पर राजेश ठाकुर ने कहा कि पार्टी आलाकमान का यह फार्मूला कई मायनों में सफल रहा है, जिसके कारण हम विधानसभा चुनाव में बेहतर प्रदर्शन करने में सफल हुए हैं.
जमीन से जुड़े कार्यकर्ताओं को मिलेगी जगहः राजेश ठाकुर
फिलहाल झारखंड प्रदेश कांग्रेस की नैया पार लगाने की जिम्मेदारी प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर के अलावा चार कार्यकारी अध्यक्ष बंधु तिर्की, गीता कोड़ा, जलेश्वर महतो और शहजादा अनवर पर है. इससे पहले अगस्त 2021 में पार्टी संगठन में बड़ा फेरबदल करते हुए डॉ. रामेश्वर उरांव के स्थान पर झारखंड की नई टीम का गठन किया गया था.
गैर आदिवासी कार्ड के कारण राह हुई थी आसान
गैर आदिवासी कार्ड के कारण राजेश ठाकुर की राह आसान हुई थी और संतुलन के लिए दो आदिवासी चेहरों को कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया था. पद संभालते ही राजेश ठाकुर ने राज्यभर का दौरा कर समर्पित और कार्यशील कार्यकर्ताओं को टटोलना शुरू किया.
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ठाकुर की तलाश नहीं हो रही पूरी
पार्टी के अंदर खेमेबाजी और पूर्व की गलतियों से वाकिफ राजेश ठाकुर मानते हैं कि इस बार वैसे ही लोगों को मौका मिलेगा जो जमीन से जुड़े हैं ना कि किसी नेता की पर्ची पर लिखे नाम के बल पर वे जगह बनाएंगे. उन्होंने कहा कि गणेश परिक्रमा करनेवाले को कमिटी में जगह नहीं मिलेगी. वैसे कार्यकर्ता जिन्होंने विधानसभा और लोकसभा चुनाव के वक्त बतौर प्रभारी बेहतरीन काम किया है उन्हें भी प्रदेश कमिटी में जगह मिले इसकी समीक्षा की जा रही है. लेकिन कार्यकारिणी के गठन में देरी से लगता है झारखंड कांग्रेस अध्यक्ष की तलाश पूरी नहीं हुई है.