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मनरेगा के साथ केंद्र ने किया सौतेला व्यवहार, आलोक दुबे ने रामेश्वर उरांव के दिल्ली जाने पर भी दी सफाई

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Published : Feb 2, 2021, 8:29 PM IST

आम बजट 2021 में मनरेगा की हिस्सेदारी घटाए जाने पर झारखंड कांग्रेस के प्रवक्ता आलोक दुबे ने चिंता व्यक्त की है‌. उन्होंने कहा कि कोरोना काल में लोगों को मनरेगा का बड़ा साथ मिला है, लेकिन इस बजट में मनरेगा के आवंटन में 15 फीसदी की कमी कर दी गई है.

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झारखंड कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता आलोक दुबे

रांची: झारखंड कांग्रेस के प्रवक्ता आलोक दुबे ने आम बजट 2021 में मनरेगा की हिस्सेदारी घटाए जाने पर चिंता व्यक्त की है‌. उन्होंने कहा कि वैश्विक महामारी के दौर में मनरेगा की वजह से ही ग्रामीण अर्थव्यवस्था बची रही, लेकिन इस आम बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मनरेगा के आवंटन में 15 फीसदी की कमी कर दी. इससे साफ है कि केंद्र की मोदी सरकार को गरीब और अकुशल मजदूरों की कोई चिंता नहीं है.

आलोक दुबे का बयान

केंद्र सरकार को नहीं है मजदूरों की चिंता

दुबे ने कहा कि कोरोना महामारी के समय दूसरे राज्यों से जब मजदूर लौटे थे उस समय झारखंड के ग्रामीण विकास विभाग की पहल पर रिकॉर्ड मानव दिवस का सृजन किया गया था. झारखंड बनने के बाद से लेकर अब तक कभी इतना मानव दिवस का सृजन नहीं हुआ था. जाहिर है कि मनरेगा के कारण गांव के मजदूरों को काम मिलता रहा है. केंद्र सरकार को मजदूरों की चिंता होती तो मनरेगा का आवंटन बढ़ाया गया होता.

ये भी पढ़ें-लड़की को कार में उठा कर ले गए युवक, बेहोशी की हालत में सहेली के घर फेंका

मंत्री रामेश्वर उरांव के दिल्ली जाने पर सवाल

आलोक दुबे से यह पूछा गया कि क्या बिहारी और मारवाड़ी समाज को लेकर दिए गए बयान के कारण ही वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव को दिल्ली तलब किया गया है. इसके जवाब में उन्होंने कहा कि ऐसा बिल्कुल नहीं है. उन्होंने कहा कि दिल्ली में संगठन को लेकर समय-समय पर चर्चा होते रहती है. आने वाले कुछ महीनों में कई राज्यों में चुनाव भी होने हैं. इसी के मद्देनजर उन्हें दिल्ली बुलाया गया है.

रांची: झारखंड कांग्रेस के प्रवक्ता आलोक दुबे ने आम बजट 2021 में मनरेगा की हिस्सेदारी घटाए जाने पर चिंता व्यक्त की है‌. उन्होंने कहा कि वैश्विक महामारी के दौर में मनरेगा की वजह से ही ग्रामीण अर्थव्यवस्था बची रही, लेकिन इस आम बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मनरेगा के आवंटन में 15 फीसदी की कमी कर दी. इससे साफ है कि केंद्र की मोदी सरकार को गरीब और अकुशल मजदूरों की कोई चिंता नहीं है.

आलोक दुबे का बयान

केंद्र सरकार को नहीं है मजदूरों की चिंता

दुबे ने कहा कि कोरोना महामारी के समय दूसरे राज्यों से जब मजदूर लौटे थे उस समय झारखंड के ग्रामीण विकास विभाग की पहल पर रिकॉर्ड मानव दिवस का सृजन किया गया था. झारखंड बनने के बाद से लेकर अब तक कभी इतना मानव दिवस का सृजन नहीं हुआ था. जाहिर है कि मनरेगा के कारण गांव के मजदूरों को काम मिलता रहा है. केंद्र सरकार को मजदूरों की चिंता होती तो मनरेगा का आवंटन बढ़ाया गया होता.

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मंत्री रामेश्वर उरांव के दिल्ली जाने पर सवाल

आलोक दुबे से यह पूछा गया कि क्या बिहारी और मारवाड़ी समाज को लेकर दिए गए बयान के कारण ही वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव को दिल्ली तलब किया गया है. इसके जवाब में उन्होंने कहा कि ऐसा बिल्कुल नहीं है. उन्होंने कहा कि दिल्ली में संगठन को लेकर समय-समय पर चर्चा होते रहती है. आने वाले कुछ महीनों में कई राज्यों में चुनाव भी होने हैं. इसी के मद्देनजर उन्हें दिल्ली बुलाया गया है.

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