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आम बजट को लेकर कांग्रेस का सुझावः रोजगार सृजन, शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, खिलाड़ियों पर हो फोक्स - केंद्रीय बजट

1 फरवरी 2021 को आम बजट आने वाली है. इसको लेकर राजनैतिक दलों ने भी अपनी ओर से सुझाव दिए हैं. झारखंड कांग्रेस ने आम बजट में रोजगार सृजन, शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, खिलाड़ियों के उत्थान पर फोकस करे की बात कही है.

jharkhand congress gave suggestion regarding aam budget in ranchi
झारखंड कांग्रेस
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Published : Jan 28, 2021, 5:24 PM IST

रांचीः 1 फरवरी 2021 को आने वाली आम बजट पर एक साल तक देश की पूरी अर्थव्यवस्था निर्भर करती है. प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता राकेश सिन्हा ने गुरुवार को कहा कि गलत नीतियों, असक्षम आर्थिक प्रबंधन और हाथों से जाते अवसरों को सामने रखकर आम बजट होना चाहिए. कोरोना जैसी महामारी से बाजार और व्यापारियों की हालत नाजुक हो गई है. ऐसी स्थिति में महंगाई परेशानी का सबसे बड़ा सबब बन गया है. ऐसे में मध्यम वर्गीय परिवार महंगाई पर नकेल की आस लगाए बैठी है.

उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था में सुस्ती छाई है, लोगों को कर में राहत देने की जरूरत है. सरकार को रोजगार सृजन, शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि और खिलाडियों के उत्थान पर फोकस करना चाहिए और साथ ही गैस सिलेंडर और पेट्रोल की कीमतों मे कमी लानी चाहिए.

इसे भी पढ़ें- बीजेपी SC मोर्चा कार्यसमिति की बैठक का आगाज, दो दिवसीय बैठक में बनेगी आगे की रणनीति


इसके साथ ही केंद्र सरकार झारखंड के खनिज संसाधनों पर आधारित किसी बड़े सार्वजनिक उपक्रम की स्थापना की घोषणा इस आम बजट में करे. हजारों युवाओं को रोजगार मिल सके और वो पलायन पर मजबूर ना हों. उन्होंने कहा कि मनरेगा, गांवों में रोजगार का एक सफल माध्यम है. ऐसे में इस बजट में मनरेगा के मजदूरों का दैनिक भुगतान 350 रुपये किया जाना चाहिए. इसके साथ ही कोरोना महामारी के मार से सुक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों को पुनर्जीवित करने की योजना बनाकर लागू की जाए. जिससे बंद हो चुकी यूनिट फिर से खुल सके और खत्म हो चुकी नौकरियां फिर से बहाल हो सके.

रांचीः 1 फरवरी 2021 को आने वाली आम बजट पर एक साल तक देश की पूरी अर्थव्यवस्था निर्भर करती है. प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता राकेश सिन्हा ने गुरुवार को कहा कि गलत नीतियों, असक्षम आर्थिक प्रबंधन और हाथों से जाते अवसरों को सामने रखकर आम बजट होना चाहिए. कोरोना जैसी महामारी से बाजार और व्यापारियों की हालत नाजुक हो गई है. ऐसी स्थिति में महंगाई परेशानी का सबसे बड़ा सबब बन गया है. ऐसे में मध्यम वर्गीय परिवार महंगाई पर नकेल की आस लगाए बैठी है.

उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था में सुस्ती छाई है, लोगों को कर में राहत देने की जरूरत है. सरकार को रोजगार सृजन, शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि और खिलाडियों के उत्थान पर फोकस करना चाहिए और साथ ही गैस सिलेंडर और पेट्रोल की कीमतों मे कमी लानी चाहिए.

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इसके साथ ही केंद्र सरकार झारखंड के खनिज संसाधनों पर आधारित किसी बड़े सार्वजनिक उपक्रम की स्थापना की घोषणा इस आम बजट में करे. हजारों युवाओं को रोजगार मिल सके और वो पलायन पर मजबूर ना हों. उन्होंने कहा कि मनरेगा, गांवों में रोजगार का एक सफल माध्यम है. ऐसे में इस बजट में मनरेगा के मजदूरों का दैनिक भुगतान 350 रुपये किया जाना चाहिए. इसके साथ ही कोरोना महामारी के मार से सुक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों को पुनर्जीवित करने की योजना बनाकर लागू की जाए. जिससे बंद हो चुकी यूनिट फिर से खुल सके और खत्म हो चुकी नौकरियां फिर से बहाल हो सके.

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