रांची: कर्नाटक विधानसभा चुनाव में मिली शानदार जीत से कांग्रेस गदगद है. पार्टी अपनी इस जीत की समीक्षा कर रही है, ताकि इस जीत के मॉड्यूल को पूरे देश में लागू कर सके. कांग्रेस की कोशिश है कि कर्नाटक से जो विजयी रथ निकला है, उसे दूसरे राज्यों तक भी पहुंचाया जाए. झारखंड में भी कांग्रेस ने कुछ इसी विचार के साथ तैयारी भी शुरू कर दी है.
दरअसल, अपनी समीक्षा के दौरान कांग्रेस ने पाया कि कर्नाटक में कांग्रेस की प्रचंड जीत में वहां की SC-ST आरक्षित सीटों का बहुत बड़ा योगदान है. कांग्रेस ने जब कर्नाटक और झारखंड में आरक्षित सीटों पर खुद की समीक्षा की तो उसे झारखंड में इन आरक्षित सीटों पर अपनी ताकत बढ़ाने की जरूरत महसूस हो गई है. इसलिए पार्टी ने विशेष योजना बनाई है.
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सभी आरक्षित सीटों पर बूथ लेवल तक सशक्त और एक्टिव कार्यकर्ता तैयार करने की कांग्रेस की योजना: पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर और पीसीसी ने राज्य में विधानसभा की सभी आरक्षित सीटों पर बूथ लेवल तक सशक्त और एक्टिव कार्यकर्ता तैयार करने की योजना बनाई है. पार्टी सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित विधानसभा क्षेत्र वाले जिलाध्यक्षों, कांग्रेस ओबीसी विभाग, अनुसूचित जाति विभाग, अनुसूचित जनजाति विभाग के जिलाध्यक्षों को अपने-अपने क्षेत्र में लगातार लोगों के बीच जाकर यह बताने को कहा गया है कि कैसे वर्तमान केंद्र सरकार ने आदिवासी, पिछड़े और ओबीसी समाज को ठगने का काम किया है. पार्टी की ओर से हर अनुसूचित जाति और जनजाति विधानसभा सीटों में बूथ लेवल तक के नेता और कार्यकर्ताओं की पूरी जानकारी, खासकर, वहां की कमियां और मजबूती से प्रदेश को अवगत कराने को कहा गया है. अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित एक-एक सीटों पर पार्टी की कमजोरी और मजबूती की विस्तृत रिपोर्ट मांगी गई है.
इस बारे में कांग्रेस के प्रदेश महासचिव और प्रवक्ता राकेश सिन्हा ने कहा कि कर्नाटक विधानसभा चुनाव में वहां के आदिवासी और दलित वोटरों ने कांग्रेस की नीति और सिद्धांतों को समर्थन दिया. उससे झारखंड कांग्रेस का हौसला बढ़ा है. उन्होंने कहा कि पार्टी अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीटों के साथ-साथ अनुसूचित जनजाति के सीटों पर भी जनाधार को मजबूत कर भाजपा को महागठबंधन के साथ मिलकर करारी शिकस्त देगी.
कर्नाटक जीत का फॉर्मूला झारखंड में लागू करने की तैयारी में कांग्रेस: कर्नाटक विधानसभा चुनाव 2023 में कांग्रेस ने अनुसूचित जाति-जनजाति के लिए आरक्षित 51 सीटों में से 35 सीटों पर जीत का परचम लहराया. कर्नाटक में 36 सीटें अनुसूचित जाति के लिए और 15 सीटे अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है. जिसमें अनुसूचित जाति(दलित) के आरक्षित 36 में से 21 सीटें और अनुसूचित जनजाति(आदिवासी) आरक्षित 15 में से 14 सीटें कांग्रेस ने जीती है.
कर्नाटक में आरक्षित सीटों पर कांग्रेस का प्रदर्शन
आरक्षित सीट | कांग्रेस के खाते में आयी सीटों की संख्या | |
अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीटों की संख्या | 36 | 21 |
अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित सीटों की संख्या | 15 | 14 |
कुल आरक्षित सीट | 51 | 35 |
ऐसे में झारखंड जैसे पिछड़े और आदिवासी बहुल राज्य में यह SC-ST फॉर्मूला कांग्रेस के लिए जरूर काम करेगा. क्योंकि झारखंड में SC-ST आरक्षित सीटों की कुल संख्या 37 है. यह संख्या अपने आप में खास है, क्योंकि झारखंड में सरकार बनाने के लिए 41 सीटें चाहिए होती हैं. इसका मतलब है कि जिस पार्टी का आरक्षित साटों पर दबदबा है, उसकी ही राज्य में सरकार बनेगी. इसलिए कांग्रेस का ध्यान अब झारखंड के SC-ST आरक्षित सीटों पर टीक गया है.
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2019 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को आरक्षित 37 सीटों में मिले थे केवल 7 सीटें: झारखंड में कुल 37 आरक्षित सीटों में अनुसूचित जाति (SC) के लिए 09 और अनुसूचित जनजाति के लिए 28 सीटें आरक्षित हैं. अगर वर्ष 2019 में हुए विधानसभा चुनाव के रिजल्ट की बात करें तो महागठबंधन ने बेहतरीन प्रदर्शन किया था. बावजूद इसके आरक्षित सीटों पर कांग्रेस का प्रदर्शन अच्छा नहीं था. कांग्रेस 2019 में अनुसूचित जाति आरक्षित 09 सीटों में से एक भी सीट नहीं जीत पाई थी. वहीं अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित 09 में से 06 सीट पर भाजपा ने जीत हासिल की थी, जबकि झामुमो ने 02 और राजद ने एक सीट पर जीत कब्जा किया था. वहीं अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित 28 सीटों में से 2019 के विधानसभा चुनाव में झामुमो ने 18 सीटें जीती थी, कांग्रेस ने 07 और भाजपा को तीन सीटें (झाविमो विलय के बाद) मिली थी. इस तरह से आरक्षित सीटों पर कांग्रेस ने सिर्फ 7 सीटें ही जीती थी. वहीं भाजपा को कांग्रेस से ज्यादा 9 सीटों पर जीत मिली थी. उस चुनाव में झामुमो ने कुल 37 आरक्षित सीटों में से 20 सीटों पर जीत हासिल की थी. ऐसे में कांग्रेस अब इन आंकड़ों में सुधार लाने की तैयारी में जुट गई है.
2019 विधानसभा चुनाव में आरक्षित सीटों का रिजल्ट
पार्टी | अनुसूचित जाति के सीटों की संख्या(कुल संख्या-9) | अनुसूचित जनजाति के सीटों की संख्या(कुल संख्या-28) |
कांग्रेस | 0 | 7 |
भाजपा | 6 | 3 |
झामुमो | 2 | 18 |
राजद | 1 | 0 |