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कर्नाटक में जीत से उत्साहित झारखंड कांग्रेस की अब SC-ST सीट पर नजर, आरक्षित सीटों पर जनाधार बढ़ाने की बनायी योजना

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Published : May 22, 2023, 7:29 PM IST

Updated : May 22, 2023, 11:02 PM IST

झारखंड कांग्रेस ने कर्नाटक में एससी-एसटी सीटों पर मिली शानदार जीत के बाद झारखंड में भी इन आरक्षित सीटों के लिए तैयारी शुरू कर दी है. कार्यकर्ताओं को बूथ लेवल पर सशक्त बनाया जा रहा है. कमियों की जानकारी मांगी जा रही है. ताकि आने वाले चुनाव में पार्टी आरक्षित सीटों पर अपना जनाधार मजबूत कर सके.

reserved seat in jharkhand
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राकेश सिन्हा, प्रदेश महासचिव, झारखंड कांग्रेस

रांची: कर्नाटक विधानसभा चुनाव में मिली शानदार जीत से कांग्रेस गदगद है. पार्टी अपनी इस जीत की समीक्षा कर रही है, ताकि इस जीत के मॉड्यूल को पूरे देश में लागू कर सके. कांग्रेस की कोशिश है कि कर्नाटक से जो विजयी रथ निकला है, उसे दूसरे राज्यों तक भी पहुंचाया जाए. झारखंड में भी कांग्रेस ने कुछ इसी विचार के साथ तैयारी भी शुरू कर दी है.

दरअसल, अपनी समीक्षा के दौरान कांग्रेस ने पाया कि कर्नाटक में कांग्रेस की प्रचंड जीत में वहां की SC-ST आरक्षित सीटों का बहुत बड़ा योगदान है. कांग्रेस ने जब कर्नाटक और झारखंड में आरक्षित सीटों पर खुद की समीक्षा की तो उसे झारखंड में इन आरक्षित सीटों पर अपनी ताकत बढ़ाने की जरूरत महसूस हो गई है. इसलिए पार्टी ने विशेष योजना बनाई है.

यह भी पढ़ें: कांग्रेस सांसद का दावा- झारखंड में दोबारा बनाएंगे सरकार, कहा- बाबूलाल मरांडी का सपना, सपना ही रह जाएगा

सभी आरक्षित सीटों पर बूथ लेवल तक सशक्त और एक्टिव कार्यकर्ता तैयार करने की कांग्रेस की योजना: पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर और पीसीसी ने राज्य में विधानसभा की सभी आरक्षित सीटों पर बूथ लेवल तक सशक्त और एक्टिव कार्यकर्ता तैयार करने की योजना बनाई है. पार्टी सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित विधानसभा क्षेत्र वाले जिलाध्यक्षों, कांग्रेस ओबीसी विभाग, अनुसूचित जाति विभाग, अनुसूचित जनजाति विभाग के जिलाध्यक्षों को अपने-अपने क्षेत्र में लगातार लोगों के बीच जाकर यह बताने को कहा गया है कि कैसे वर्तमान केंद्र सरकार ने आदिवासी, पिछड़े और ओबीसी समाज को ठगने का काम किया है. पार्टी की ओर से हर अनुसूचित जाति और जनजाति विधानसभा सीटों में बूथ लेवल तक के नेता और कार्यकर्ताओं की पूरी जानकारी, खासकर, वहां की कमियां और मजबूती से प्रदेश को अवगत कराने को कहा गया है. अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित एक-एक सीटों पर पार्टी की कमजोरी और मजबूती की विस्तृत रिपोर्ट मांगी गई है.

इस बारे में कांग्रेस के प्रदेश महासचिव और प्रवक्ता राकेश सिन्हा ने कहा कि कर्नाटक विधानसभा चुनाव में वहां के आदिवासी और दलित वोटरों ने कांग्रेस की नीति और सिद्धांतों को समर्थन दिया. उससे झारखंड कांग्रेस का हौसला बढ़ा है. उन्होंने कहा कि पार्टी अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीटों के साथ-साथ अनुसूचित जनजाति के सीटों पर भी जनाधार को मजबूत कर भाजपा को महागठबंधन के साथ मिलकर करारी शिकस्त देगी.

कर्नाटक जीत का फॉर्मूला झारखंड में लागू करने की तैयारी में कांग्रेस: कर्नाटक विधानसभा चुनाव 2023 में कांग्रेस ने अनुसूचित जाति-जनजाति के लिए आरक्षित 51 सीटों में से 35 सीटों पर जीत का परचम लहराया. कर्नाटक में 36 सीटें अनुसूचित जाति के लिए और 15 सीटे अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है. जिसमें अनुसूचित जाति(दलित) के आरक्षित 36 में से 21 सीटें और अनुसूचित जनजाति(आदिवासी) आरक्षित 15 में से 14 सीटें कांग्रेस ने जीती है.

कर्नाटक में आरक्षित सीटों पर कांग्रेस का प्रदर्शन

आरक्षित सीट कांग्रेस के खाते में आयी सीटों की संख्या
अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीटों की संख्या3621
अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित सीटों की संख्या1514
कुल आरक्षित सीट5135

ऐसे में झारखंड जैसे पिछड़े और आदिवासी बहुल राज्य में यह SC-ST फॉर्मूला कांग्रेस के लिए जरूर काम करेगा. क्योंकि झारखंड में SC-ST आरक्षित सीटों की कुल संख्या 37 है. यह संख्या अपने आप में खास है, क्योंकि झारखंड में सरकार बनाने के लिए 41 सीटें चाहिए होती हैं. इसका मतलब है कि जिस पार्टी का आरक्षित साटों पर दबदबा है, उसकी ही राज्य में सरकार बनेगी. इसलिए कांग्रेस का ध्यान अब झारखंड के SC-ST आरक्षित सीटों पर टीक गया है.

यह भी पढ़ें: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के स्वागत के लिए झारखंड तैयार, जानें तीन दिवसीय दौरे का मिनट-टू-मिनट कार्यक्रम

2019 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को आरक्षित 37 सीटों में मिले थे केवल 7 सीटें: झारखंड में कुल 37 आरक्षित सीटों में अनुसूचित जाति (SC) के लिए 09 और अनुसूचित जनजाति के लिए 28 सीटें आरक्षित हैं. अगर वर्ष 2019 में हुए विधानसभा चुनाव के रिजल्ट की बात करें तो महागठबंधन ने बेहतरीन प्रदर्शन किया था. बावजूद इसके आरक्षित सीटों पर कांग्रेस का प्रदर्शन अच्छा नहीं था. कांग्रेस 2019 में अनुसूचित जाति आरक्षित 09 सीटों में से एक भी सीट नहीं जीत पाई थी. वहीं अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित 09 में से 06 सीट पर भाजपा ने जीत हासिल की थी, जबकि झामुमो ने 02 और राजद ने एक सीट पर जीत कब्जा किया था. वहीं अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित 28 सीटों में से 2019 के विधानसभा चुनाव में झामुमो ने 18 सीटें जीती थी, कांग्रेस ने 07 और भाजपा को तीन सीटें (झाविमो विलय के बाद) मिली थी. इस तरह से आरक्षित सीटों पर कांग्रेस ने सिर्फ 7 सीटें ही जीती थी. वहीं भाजपा को कांग्रेस से ज्यादा 9 सीटों पर जीत मिली थी. उस चुनाव में झामुमो ने कुल 37 आरक्षित सीटों में से 20 सीटों पर जीत हासिल की थी. ऐसे में कांग्रेस अब इन आंकड़ों में सुधार लाने की तैयारी में जुट गई है.

2019 विधानसभा चुनाव में आरक्षित सीटों का रिजल्ट

पार्टी अनुसूचित जाति के सीटों की संख्या(कुल संख्या-9)अनुसूचित जनजाति के सीटों की संख्या(कुल संख्या-28)
कांग्रेस07
भाजपा63
झामुमो218
राजद10

राकेश सिन्हा, प्रदेश महासचिव, झारखंड कांग्रेस

रांची: कर्नाटक विधानसभा चुनाव में मिली शानदार जीत से कांग्रेस गदगद है. पार्टी अपनी इस जीत की समीक्षा कर रही है, ताकि इस जीत के मॉड्यूल को पूरे देश में लागू कर सके. कांग्रेस की कोशिश है कि कर्नाटक से जो विजयी रथ निकला है, उसे दूसरे राज्यों तक भी पहुंचाया जाए. झारखंड में भी कांग्रेस ने कुछ इसी विचार के साथ तैयारी भी शुरू कर दी है.

दरअसल, अपनी समीक्षा के दौरान कांग्रेस ने पाया कि कर्नाटक में कांग्रेस की प्रचंड जीत में वहां की SC-ST आरक्षित सीटों का बहुत बड़ा योगदान है. कांग्रेस ने जब कर्नाटक और झारखंड में आरक्षित सीटों पर खुद की समीक्षा की तो उसे झारखंड में इन आरक्षित सीटों पर अपनी ताकत बढ़ाने की जरूरत महसूस हो गई है. इसलिए पार्टी ने विशेष योजना बनाई है.

यह भी पढ़ें: कांग्रेस सांसद का दावा- झारखंड में दोबारा बनाएंगे सरकार, कहा- बाबूलाल मरांडी का सपना, सपना ही रह जाएगा

सभी आरक्षित सीटों पर बूथ लेवल तक सशक्त और एक्टिव कार्यकर्ता तैयार करने की कांग्रेस की योजना: पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर और पीसीसी ने राज्य में विधानसभा की सभी आरक्षित सीटों पर बूथ लेवल तक सशक्त और एक्टिव कार्यकर्ता तैयार करने की योजना बनाई है. पार्टी सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित विधानसभा क्षेत्र वाले जिलाध्यक्षों, कांग्रेस ओबीसी विभाग, अनुसूचित जाति विभाग, अनुसूचित जनजाति विभाग के जिलाध्यक्षों को अपने-अपने क्षेत्र में लगातार लोगों के बीच जाकर यह बताने को कहा गया है कि कैसे वर्तमान केंद्र सरकार ने आदिवासी, पिछड़े और ओबीसी समाज को ठगने का काम किया है. पार्टी की ओर से हर अनुसूचित जाति और जनजाति विधानसभा सीटों में बूथ लेवल तक के नेता और कार्यकर्ताओं की पूरी जानकारी, खासकर, वहां की कमियां और मजबूती से प्रदेश को अवगत कराने को कहा गया है. अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित एक-एक सीटों पर पार्टी की कमजोरी और मजबूती की विस्तृत रिपोर्ट मांगी गई है.

इस बारे में कांग्रेस के प्रदेश महासचिव और प्रवक्ता राकेश सिन्हा ने कहा कि कर्नाटक विधानसभा चुनाव में वहां के आदिवासी और दलित वोटरों ने कांग्रेस की नीति और सिद्धांतों को समर्थन दिया. उससे झारखंड कांग्रेस का हौसला बढ़ा है. उन्होंने कहा कि पार्टी अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीटों के साथ-साथ अनुसूचित जनजाति के सीटों पर भी जनाधार को मजबूत कर भाजपा को महागठबंधन के साथ मिलकर करारी शिकस्त देगी.

कर्नाटक जीत का फॉर्मूला झारखंड में लागू करने की तैयारी में कांग्रेस: कर्नाटक विधानसभा चुनाव 2023 में कांग्रेस ने अनुसूचित जाति-जनजाति के लिए आरक्षित 51 सीटों में से 35 सीटों पर जीत का परचम लहराया. कर्नाटक में 36 सीटें अनुसूचित जाति के लिए और 15 सीटे अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है. जिसमें अनुसूचित जाति(दलित) के आरक्षित 36 में से 21 सीटें और अनुसूचित जनजाति(आदिवासी) आरक्षित 15 में से 14 सीटें कांग्रेस ने जीती है.

कर्नाटक में आरक्षित सीटों पर कांग्रेस का प्रदर्शन

आरक्षित सीट कांग्रेस के खाते में आयी सीटों की संख्या
अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीटों की संख्या3621
अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित सीटों की संख्या1514
कुल आरक्षित सीट5135

ऐसे में झारखंड जैसे पिछड़े और आदिवासी बहुल राज्य में यह SC-ST फॉर्मूला कांग्रेस के लिए जरूर काम करेगा. क्योंकि झारखंड में SC-ST आरक्षित सीटों की कुल संख्या 37 है. यह संख्या अपने आप में खास है, क्योंकि झारखंड में सरकार बनाने के लिए 41 सीटें चाहिए होती हैं. इसका मतलब है कि जिस पार्टी का आरक्षित साटों पर दबदबा है, उसकी ही राज्य में सरकार बनेगी. इसलिए कांग्रेस का ध्यान अब झारखंड के SC-ST आरक्षित सीटों पर टीक गया है.

यह भी पढ़ें: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के स्वागत के लिए झारखंड तैयार, जानें तीन दिवसीय दौरे का मिनट-टू-मिनट कार्यक्रम

2019 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को आरक्षित 37 सीटों में मिले थे केवल 7 सीटें: झारखंड में कुल 37 आरक्षित सीटों में अनुसूचित जाति (SC) के लिए 09 और अनुसूचित जनजाति के लिए 28 सीटें आरक्षित हैं. अगर वर्ष 2019 में हुए विधानसभा चुनाव के रिजल्ट की बात करें तो महागठबंधन ने बेहतरीन प्रदर्शन किया था. बावजूद इसके आरक्षित सीटों पर कांग्रेस का प्रदर्शन अच्छा नहीं था. कांग्रेस 2019 में अनुसूचित जाति आरक्षित 09 सीटों में से एक भी सीट नहीं जीत पाई थी. वहीं अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित 09 में से 06 सीट पर भाजपा ने जीत हासिल की थी, जबकि झामुमो ने 02 और राजद ने एक सीट पर जीत कब्जा किया था. वहीं अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित 28 सीटों में से 2019 के विधानसभा चुनाव में झामुमो ने 18 सीटें जीती थी, कांग्रेस ने 07 और भाजपा को तीन सीटें (झाविमो विलय के बाद) मिली थी. इस तरह से आरक्षित सीटों पर कांग्रेस ने सिर्फ 7 सीटें ही जीती थी. वहीं भाजपा को कांग्रेस से ज्यादा 9 सीटों पर जीत मिली थी. उस चुनाव में झामुमो ने कुल 37 आरक्षित सीटों में से 20 सीटों पर जीत हासिल की थी. ऐसे में कांग्रेस अब इन आंकड़ों में सुधार लाने की तैयारी में जुट गई है.

2019 विधानसभा चुनाव में आरक्षित सीटों का रिजल्ट

पार्टी अनुसूचित जाति के सीटों की संख्या(कुल संख्या-9)अनुसूचित जनजाति के सीटों की संख्या(कुल संख्या-28)
कांग्रेस07
भाजपा63
झामुमो218
राजद10
Last Updated : May 22, 2023, 11:02 PM IST
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