रांची: झारखंड कांग्रेस को लगातार झटका लग रहा है. एक तरफ जहां दो पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और एक सीएलपी लीडर पार्टी का दामन छोड़ दूसरे दल के साथ चले गए, तो एक पूर्व प्रदेश अध्यक्ष दूसरे दल जाने की राह पर हैं. वहीं, प्रदेश कांग्रेस के वर्तमान कार्यकारी अध्यक्ष मानस सिन्हा भी बागी हो गए हैं. उन्होंने भवनाथपुर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने के लिए टिकट नहीं मिलने पर निर्दलीय नॉमिनेशन कर दिया है.
कांग्रेस में टिकट बंटवारे के बाद गुमला की यूथ विंग ने भी सामूहिक इस्तीफा दे दिया है. वहीं, विश्रामपुर विधानसभा सीट के एक दावेदार ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला लिया है, जबकि रांची के कांके विधानसभा सीट के दावेदार सुरेश बैठा ने कांग्रेस के स्टेट हेड क्वार्टर में धरना दिया. उन्होंने प्रदेश प्रभारी आरपीएन सिंह और प्रदेश अध्यक्ष रामेश्वर उरांव का खुले तौर पर विरोध भी करना शुरू कर दिया है.
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मानस सिन्हा ने निर्दलीय कैंडिडेट के रूप में किया नॉमिनेशन
बागी हुए प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष मानस सिन्हा ने कहा है कि उन्होंने पिछले 4 सालों से भवनाथपुर विधानसभा सीट के लिए कड़ी मेहनत की है, लेकिन उन्हें पार्टी की ओर से टिकट नहीं दिया गया. उन्होंने कहा कि इसी वजह से वह भवनाथपुर विधानसभा सीट से निर्दलीय कैंडिडेट के रूप में नॉमिनेशन भर चुके हैं और हर हाल में उस सीट से जीत कर आएंगे. उन्होंने कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा देने के सवाल पर कहा है कि फिलहाल इस्तीफा नहीं दिया है और चुनाव की तैयारी में लगे हुए हैं.
बता दें कि कांग्रेस को महागठबंधन के तहत 31 सीटें मिली हैं, जिसमें से 25 सीटों पर प्रत्याशियों के नाम की घोषणा कर दी गई है, लेकिन इन 25 प्रत्याशियों में 10 ऐसे प्रत्याशी है, जिन्होंने महज 1 महीने पहले ही पार्टी का दामन थामा था, जिसके बाद पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं में खासा नाराजगी है. यही वजह है कि लगातार कांग्रेस पार्टी से टूटकर लोग दूसरे दलों की शरण में जा रहे हैं और कई नेताओं के दूसरे दलों में जाने की संभावना भी बनी हुई है.