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कांग्रेस अनुशासन समिति का अल्टीमेटम, पार्टी विरोधी बयान देने वाले नपेंगे

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Published : Dec 13, 2022, 9:34 PM IST

Updated : Dec 13, 2022, 10:08 PM IST

मंगलवार को रांची में झारखंड कांग्रेस अनुशासन समिति की बैठक (Jharkhand Congress Disciplinary Committee meeting) हुई. समिति ने पार्टी नेताओं द्वारा दिये जा रहे अनर्गल बयान पर नाराजगी जताई है, वहीं कार्रवाई करने की बात कही गई है.

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देखें पूरी खबर

रांची: झारखंड कांग्रेस अनुशासन समिति (Jharkhand Congress Disciplinary Committee meeting) ने पार्टी नेताओं द्वारा दिये जा रहे अनर्गल बयान पर नाराजगी जताते हुए कहा है कि पार्टी विरोधी गतिविधि में शामिल बड़े से बड़े नेताओं के विरुद्ध कार्रवाई की जा सकती है. मंगलवार को कांग्रेस भवन में अनुशासन समिति के अध्यक्ष ब्रजेंद्र प्रसाद सिंह के नेतृत्व में बैठक हुई जिसमें समिति के सदस्य अनादि ब्रम्ह, शमशेर आलम, अमूल नीरज खलखो, कालीचरण मुंडा आदि मौजूद थे. बैठक में समिति के अध्यक्ष द्वारा सर्वप्रथम कांग्रेस भवन में हुए पुतला दहन की निंदा की गई और हिदायत दी गई कि आगे ऐसे मामलों में जो भी संलिप्त पाए जाएंगे उन पर पार्टी नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी.

ये भी पढ़ें- कांग्रेस के अनुशासन कमिटी की विशेष बैठक, विरोध के उठते स्वर को दबाने पर चर्चा

प्रदेश और जिलाध्यक्षों से रिपोर्ट तलब: झारखंड कांग्रेस अनुशासन समिति ने हाल के दिनों में मीडिया में आ रहे नेताओं के पार्टी विरोधी बयान पर चिंता जताते हुए प्रदेश अध्यक्ष और सभी जिलाध्यक्षों से वैसे लोगों के खिलाफ एक सप्ताह के अंदर रिपोर्ट देने को कहा है जो पार्टी विरोधी गतिविधि में शामिल हैं. बैठक के बाद समिति के अध्यक्ष ब्रजेन्द्र प्रसाद सिंह ने मीडियाकर्मियों से बात करते हुए कहा कि जिला अध्यक्षों की नियुक्ति और प्रदेश कमेटी के गठन के उपरांत पार्टी के कुछ नेताओं और कार्यकर्ताओं के द्वारा प्रदेश प्रभारी, प्रदेश अध्यक्ष और पार्टी के विषय में अनर्गल बातें की गई हैं जो विभिन्न समाचार पत्रों, इलेक्ट्रॉनिक और सोशल मीडिया में देखने को मिला है जिसकी सच्चाई के बारे में रिपोर्ट मांगी जा रही है. किसी भी परिस्थिति में मीडिया के माध्यम से बयानबाजी करना पार्टी हित में नहीं है. इस संबंध में जिला अध्यक्षों एवं वहां के प्रदेश पदाधिकारियों से भी विस्तृत समीक्षात्मक मंतव्य एक सप्ताह के अंदर मांगा जाएगा.

प्रतिवेदन मिलने के बाद कांग्रेस संविधान के अनुरूप आरोपों की गंभीरता स्पष्ट हो जाने के बाद उचित कार्रवाई करने का निर्णय लिया जायेगा. अनुशासन समिति की बैठक एक सप्ताह बाद फिर की जायेगी जिसमें समीक्षा के उपरांत अग्रतर कार्रवाई की जायेगी. गौरतलब है कि पीसीसी और जिलाध्यक्षों का लिस्ट जारी होते ही कांग्रेस में घमासान मचा हुआ है. सोशल मीडिया से लेकर समाचार पत्रों में नाराज नेताओं के एक से बढ़कर एक बयान आ रहे हैं. आधा दर्जन से अधिक लोगों ने पीसीसी में उपेक्षा होने का आरोप लगाते हुए पद से इस्तीफा दे चूके हैं.

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रांची: झारखंड कांग्रेस अनुशासन समिति (Jharkhand Congress Disciplinary Committee meeting) ने पार्टी नेताओं द्वारा दिये जा रहे अनर्गल बयान पर नाराजगी जताते हुए कहा है कि पार्टी विरोधी गतिविधि में शामिल बड़े से बड़े नेताओं के विरुद्ध कार्रवाई की जा सकती है. मंगलवार को कांग्रेस भवन में अनुशासन समिति के अध्यक्ष ब्रजेंद्र प्रसाद सिंह के नेतृत्व में बैठक हुई जिसमें समिति के सदस्य अनादि ब्रम्ह, शमशेर आलम, अमूल नीरज खलखो, कालीचरण मुंडा आदि मौजूद थे. बैठक में समिति के अध्यक्ष द्वारा सर्वप्रथम कांग्रेस भवन में हुए पुतला दहन की निंदा की गई और हिदायत दी गई कि आगे ऐसे मामलों में जो भी संलिप्त पाए जाएंगे उन पर पार्टी नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी.

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प्रदेश और जिलाध्यक्षों से रिपोर्ट तलब: झारखंड कांग्रेस अनुशासन समिति ने हाल के दिनों में मीडिया में आ रहे नेताओं के पार्टी विरोधी बयान पर चिंता जताते हुए प्रदेश अध्यक्ष और सभी जिलाध्यक्षों से वैसे लोगों के खिलाफ एक सप्ताह के अंदर रिपोर्ट देने को कहा है जो पार्टी विरोधी गतिविधि में शामिल हैं. बैठक के बाद समिति के अध्यक्ष ब्रजेन्द्र प्रसाद सिंह ने मीडियाकर्मियों से बात करते हुए कहा कि जिला अध्यक्षों की नियुक्ति और प्रदेश कमेटी के गठन के उपरांत पार्टी के कुछ नेताओं और कार्यकर्ताओं के द्वारा प्रदेश प्रभारी, प्रदेश अध्यक्ष और पार्टी के विषय में अनर्गल बातें की गई हैं जो विभिन्न समाचार पत्रों, इलेक्ट्रॉनिक और सोशल मीडिया में देखने को मिला है जिसकी सच्चाई के बारे में रिपोर्ट मांगी जा रही है. किसी भी परिस्थिति में मीडिया के माध्यम से बयानबाजी करना पार्टी हित में नहीं है. इस संबंध में जिला अध्यक्षों एवं वहां के प्रदेश पदाधिकारियों से भी विस्तृत समीक्षात्मक मंतव्य एक सप्ताह के अंदर मांगा जाएगा.

प्रतिवेदन मिलने के बाद कांग्रेस संविधान के अनुरूप आरोपों की गंभीरता स्पष्ट हो जाने के बाद उचित कार्रवाई करने का निर्णय लिया जायेगा. अनुशासन समिति की बैठक एक सप्ताह बाद फिर की जायेगी जिसमें समीक्षा के उपरांत अग्रतर कार्रवाई की जायेगी. गौरतलब है कि पीसीसी और जिलाध्यक्षों का लिस्ट जारी होते ही कांग्रेस में घमासान मचा हुआ है. सोशल मीडिया से लेकर समाचार पत्रों में नाराज नेताओं के एक से बढ़कर एक बयान आ रहे हैं. आधा दर्जन से अधिक लोगों ने पीसीसी में उपेक्षा होने का आरोप लगाते हुए पद से इस्तीफा दे चूके हैं.

Last Updated : Dec 13, 2022, 10:08 PM IST
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