रांची: झारखंड में मॉब लिंचिंग (Mob lynching in Jharkhand) को रोकने के लिए विधेयक लाने की मांग हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली सरकार से की है. झारखंड कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष शहजादा अनवर के नेतृत्व में झारखंड प्रदेश कांग्रेस का एक प्रतिनिधिमंडल संसदीय कार्यमंत्री आलमगीर आलम से उनके आवास पर मुलाकात की और मॉब लिंचिंग विधेयक को पारित करने के लिए ज्ञापन सौंपा.
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कार्यकारी अध्यक्ष शहजादा अनवर ने कहा कि सरकार ने 2021 में मॉब लिंचिंग पर विधानसभा से विधेयक पारित कर राज्यपाल के पास स्वीकृति के लिये भेजा, जो स्वागतयोग्य कदम था. लेकिन राज्यपाल ने कुछ आपत्तियों के साथ विधेयक को वापस कर दिया. एक साल से अधिक समय बीत जाने के बाद भी महागठबंधन सरकार दोबारा विधेयक पारित करने के दिशा में कोई सकारात्मक पहल नहीं कर रही है. यह चिन्ता का विषय है. उन्होंने कहा कि ऐसा तब हो रहा है जब सर्वोच्च न्यायालय का स्पष्ट निर्देश है कि राज्य सरकार मॉब लिंचिंग के विरुद्ध कानून बनाने को स्वतंत्र है.
शहजादा अनवर ने कांग्रेस विधायक दल के नेता और संसदीय कार्यमंत्री आलमगीर आलम और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर से आग्रह किया है कि मुख्यमंत्री से समन्वय स्थापित कर विधेयक को दोबारा राज्यपाल के पास स्वीकृति के लिये भेजा जाए. उन्होंने कहा कि अब तक 50 से अधिक लोगों की हत्या हो चुकी है. इस घटना में सभी समुदाय के लोग शामिल हैं. इस मौके पर झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमिटी के कार्यकारी अध्यक्ष बंधु तिर्की और जलेश्वर महतो के साथ साथ शमशेर आलम, मोहम्मद इसराफिल, शमशेर आलम अंसारी, जमील अहमद अंसारी, जावेद रजा, ऐनुल हक अंसारी, जहीर अंसारी, इम्तियाज अहमद, आसिफ रजा, मोहम्मद नूर, मो. दिलदार अंसारी, साजिद अली, तस्लीम अंसारी, मोहन, ओबेदउल्लाह हक अंसारी, मो. ऐनुल होदा, सलाम अंसारी, शाबाद अहमद, मोहम्मद इब्राहिम जाहरी, तनवीर आलम, मो. अख्तर कासमी, मो. वासिद आवेश अख्तर, फिरोज आलम, जका उल्लाह, मो हबीब उल्लाह, कयामुद्दीन अंसारी, इनामुल हक, जाकिर अख्तर, शहजाद खान, सईद अंसारी, हशमत उल्लाह, मोहम्मद साजिद, सलमान अंसारी शामिल थे.