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झारखंड कांग्रेस ने की अविलंब महिला आरक्षण लागू करने की मांग, आलमगीर आलम ने विधेयक को बताया आधी आबादी को दिग्भ्रमित करने वाला बिल - etv news

महिला आरक्षण बिल देश की संसद से पारित हो चुका है. इसे लेकर झारखंड में भी राजनीति तेज है. कांग्रेस ने इस बिल को आधी आबादी को दिग्भ्रमित करने वाला बताया है. आलमगीर आलम ने कहा कि भाजपा ने इस बिल के जरिए आधी आबादी को दिग्भ्रमित किया है.

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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Sep 21, 2023, 8:27 PM IST

महिला आरक्षण बिल पारित होने पर कांग्रेस नेता का बयान

रांची: केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा पारित कराए गए नारी शक्ति वंदन विधेयक 2023 को लागू करने के लिए 128वें संविधान संशोधन को लेकर राजनीति दलों में क्रेडिट लेने की होड़ मची है. वहीं झारखंड कांग्रेस ने भाजपा पर नारी शक्ति वंदन विधेयक के प्रावधान को देश की आधी आबादी, खासकर ओबीसी, एससी, एसटी महिलाओं के साथ धोखा करार दिया है.

यह भी पढ़ें: Modi on Women Reservation Bill: महिला आरक्षण विधेयक पारित होना स्वर्णिम पल - मोदी

झारखंड प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में कांग्रेस विधायक दल के नेता आलमगीर आलम, प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर, महिला कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गुंजन सिंह ने संवाददाता सम्मेलन किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि जिस तरह से भाजपा की सरकार ने महिला आरक्षण विधेयक को पारित कराया है, उससे साफ हो गया है कि महिलाओं को दिग्भ्रमित किया गया है. उन्होंने कहा कि जैसे भाजपा की सरकार ने रोजगार के नाम पर झूठा वादा युवाओं से किया, हर किसी के खाते में 15 लाख रुपए देने का वादा किया, उसी तरह का जुमला आधी आबादी के आरक्षण के लिए जो प्रावधान किया गया है, उसमें भी किया गया है. आलमगीर आलम ने कहा कि भाजपा की नीयत में खोट उजागर हो गया है.

2029 से पूर्व परिसीमन संभव नहीं- राजेश ठाकुर: कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा कि अगर हम महिला बिल की ही चर्चा करें तो महिला आरक्षण के पूर्व जनगणना और परिसीमन का होना जरूरी है. जो वर्तमान परिस्थिति में 2029 के पूर्व संभव नहीं है. राजेश ठाकुर ने कहा कि सोनिया गांधी ने सदन में नारी शक्ति वंदन विधेयक-2023 का पूर्ण समर्थन करते हुए यह साफ कर दिया कि कांग्रेस पार्टी ही महिला सशक्तिकरण को लेकर गंभीर है. आलमगीर आलम ने कहा कि पंचायत-निकाय में आरक्षण देने का ही परिणाम है कि देश भर के स्थानीय निकायों में करीब 17 लाख निर्वाचित महिला नेता और जनप्रतिनिधि मौजूद हैं.

अविलंब अमल में लाया जाए महिला आरक्षण कानून: कांग्रेस विधायक दल के नेता और ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की मांग है कि यह कानून अविलंब अमल में लाया जाए. साथ ही साथ जातीय जनगणना कराकर अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और ओबीसी की महिलाओं के आरक्षण की व्यवस्था की जाए. उन्होंने कहा कि हमारे नेता राहुल गांधी ने भी महिला आरक्षण विधेयक में महिलाओं के लिए आरक्षित प्रस्तावित 33 प्रतिशत सीटों में अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के लिए कोटा निर्धारित करने की मांग की है.

उन्होंने आंकड़े रखते हुए यह बताया कि किस प्रकार से वर्तमान स्थिति में भारत सरकार के 90 सचिवों में से केवल 03 अधिकारी ओबीसी के हैं. जो भारत के बजट का 05 प्रतिशत नियंत्रण करते हैं. इससे साफ पता चलता है कि ओबीसी का प्रतिनिधित्व कितना कम है और वर्तमान की भाजपा की नेतृत्व वाली एनडीए सरकार ओबीसी विरोधी है. आलमगीर आलम ने कहा कि जातिगत जनगणना के आंकड़ों को भी सार्वजनिक किया जाना चाहिए.

महिला आरक्षण बिल पारित होने पर कांग्रेस नेता का बयान

रांची: केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा पारित कराए गए नारी शक्ति वंदन विधेयक 2023 को लागू करने के लिए 128वें संविधान संशोधन को लेकर राजनीति दलों में क्रेडिट लेने की होड़ मची है. वहीं झारखंड कांग्रेस ने भाजपा पर नारी शक्ति वंदन विधेयक के प्रावधान को देश की आधी आबादी, खासकर ओबीसी, एससी, एसटी महिलाओं के साथ धोखा करार दिया है.

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झारखंड प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में कांग्रेस विधायक दल के नेता आलमगीर आलम, प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर, महिला कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गुंजन सिंह ने संवाददाता सम्मेलन किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि जिस तरह से भाजपा की सरकार ने महिला आरक्षण विधेयक को पारित कराया है, उससे साफ हो गया है कि महिलाओं को दिग्भ्रमित किया गया है. उन्होंने कहा कि जैसे भाजपा की सरकार ने रोजगार के नाम पर झूठा वादा युवाओं से किया, हर किसी के खाते में 15 लाख रुपए देने का वादा किया, उसी तरह का जुमला आधी आबादी के आरक्षण के लिए जो प्रावधान किया गया है, उसमें भी किया गया है. आलमगीर आलम ने कहा कि भाजपा की नीयत में खोट उजागर हो गया है.

2029 से पूर्व परिसीमन संभव नहीं- राजेश ठाकुर: कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा कि अगर हम महिला बिल की ही चर्चा करें तो महिला आरक्षण के पूर्व जनगणना और परिसीमन का होना जरूरी है. जो वर्तमान परिस्थिति में 2029 के पूर्व संभव नहीं है. राजेश ठाकुर ने कहा कि सोनिया गांधी ने सदन में नारी शक्ति वंदन विधेयक-2023 का पूर्ण समर्थन करते हुए यह साफ कर दिया कि कांग्रेस पार्टी ही महिला सशक्तिकरण को लेकर गंभीर है. आलमगीर आलम ने कहा कि पंचायत-निकाय में आरक्षण देने का ही परिणाम है कि देश भर के स्थानीय निकायों में करीब 17 लाख निर्वाचित महिला नेता और जनप्रतिनिधि मौजूद हैं.

अविलंब अमल में लाया जाए महिला आरक्षण कानून: कांग्रेस विधायक दल के नेता और ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की मांग है कि यह कानून अविलंब अमल में लाया जाए. साथ ही साथ जातीय जनगणना कराकर अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और ओबीसी की महिलाओं के आरक्षण की व्यवस्था की जाए. उन्होंने कहा कि हमारे नेता राहुल गांधी ने भी महिला आरक्षण विधेयक में महिलाओं के लिए आरक्षित प्रस्तावित 33 प्रतिशत सीटों में अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के लिए कोटा निर्धारित करने की मांग की है.

उन्होंने आंकड़े रखते हुए यह बताया कि किस प्रकार से वर्तमान स्थिति में भारत सरकार के 90 सचिवों में से केवल 03 अधिकारी ओबीसी के हैं. जो भारत के बजट का 05 प्रतिशत नियंत्रण करते हैं. इससे साफ पता चलता है कि ओबीसी का प्रतिनिधित्व कितना कम है और वर्तमान की भाजपा की नेतृत्व वाली एनडीए सरकार ओबीसी विरोधी है. आलमगीर आलम ने कहा कि जातिगत जनगणना के आंकड़ों को भी सार्वजनिक किया जाना चाहिए.

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