रांचीः झारखंड कांग्रेस और जेएमएम ने बीजेपी पर निशाना साधा है. झारखंड कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा कि भाजपा को कर्नाटक में झटका लगा है. इसलिए ध्यान भटकाने के लिए अब अपने सांसदों को अपने अपने क्षेत्र में जनता के बीच जाने के लिए कह रही है. वहीं झारखंड मुक्ति मोर्चा ने प्रदेश भाजपा कार्यसमिति की बैठक पर तंज कसते हुए कहा कि क्या उस बैठक में यह तय हो गया कि झारखंड में उनका कप्तान कौन होगा. झामुमो के केंद्रीय प्रवक्ता ने कहा कि अगर पीएम नरेंद्र मोदी के चेहरे को लेकर वह झारखंड में जायेंगे तो उसका हश्र लोगों ने कर्नाटक में देख लिया है.
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जनता के बीच जाकर क्या-क्या बताएंगे भाजपा के सांसद- राजेश ठाकुर: झारखंड प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा कि भाजपा के आलाकमान को आईबी की रिपोर्ट मिली है कि उनके सांसद जनता बीच नहीं जाते हैं. कांग्रेस लगातार कहती रही है कि भाजपा के विधायक-सांसद लोगों की समस्याओं से अवगत नहीं हैं. ऐसे में सवाल यह है कि आलाकमान के कहने पर जब वह जनता के बीच जायेंगे तो उन्हें क्या बताएंगे.
क्या भाजपा सांसद अपने क्षेत्र के लोगों को बतायेंगे कि हमारी पहलवान बेटियां जंतर मंतर पर धरना देती रहीं और भाजपा सांसद ब्रजभूषण सिंह को लेकर वह चुप रहे. क्या भाजपा के सांसद यह बताने जनता के बीच जायेंगे कि उत्तर प्रदेश में बेटियों की आबरू लुटती रही और वह चुप रहे. राजेश ठाकुर ने कहा कि बढ़ती महंगाई, बेरोजगारी, किसानों की समस्याएं, नफरत की राजनीति पर जनता को कैसे ये भाजपा सांसद बताएंगे की वो चुप क्यों रहे.
झारखंड में अपने कप्तान का नाम सार्वजनिक करे भाजपा- जेएमएमः झारखंड में प्रदेश भाजपा कार्यकारिणी की बैठक में लिए गए निर्णय हो पर झारखंड मुक्ति मोर्चा ने तंज कसते हुए कहा कि पहले वह अपना कप्तान का नाम सार्वजनिक करे. झामुमो के केंद्रीय प्रवक्ता मनोज पांडे ने कहा कि कर्नाटक में भी 11 सीट पर भारतीय जनता पार्टी ने तैयारियां की थी. शाह और शहंशाह की जोड़ी ने जोर लगा दिया था लेकिन नतीजा क्या हुआ.
झामुमो नेता ने कहा कि देश की जनता ने अब भारतीय जनता पार्टी को नकारना शुरू कर दिया है. एक-एक कर कई प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सत्ता चली गई है और अब देश कांग्रेस मुक्त नहीं बल्कि भाजपा मुक्त होने की ओर बढ़ रहा है. पार्टी नेता ने कहा कि जनता के सवालों का जवाब देने से बचने के लिए भारतीय जनता पार्टी के सांसद और विधायक गांव कस्बों में नहीं जाते हैं. क्योंकि वहां जाने पर जनता उनसे सवाल पूछती है, जिसका जवाब भाजपा के विधायक-सांसदों के पास नहीं होता है.