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नीति आयोग की बैठक आजः झारखंड सरकार करेगी विशेष पैकेज की मांग

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Published : Aug 7, 2022, 7:11 AM IST

पीएम की अध्यक्षता में नीति आयोग (NITI Aayog) की सातवीं गवर्निंग काउंसिल की बैठक (NITI Aayog meeting) रविवार को नई दिल्ली में होगी. इस बैठक में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Chief Minister Hemant Soren) शामिल होंगे. जिसमें झारखंड में संभावित सुखाड़ को देखते हुए राज्य सरकार की ओर से विशेष पैकेज की मांग (demand special package) की जाएगी.

Jharkhand CM Hemant Soren will participate 7th Governing Council meeting of NITI Aayog in Delhi
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन

रांचीः नई दिल्ली स्थित राष्ट्रपति भवन कल्चरल सेंटर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) की अध्यक्षता में नीति आयोग की सातवीं गवर्निंग काउंसिल की बैठक (7th Governing Council meeting) होगी. सुबह 9.45 बजे से शाम 4.30 बजे तक होने वाली है. इस बैठक में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और मुख्य सचिव सुखदेव सिंह शामिल होंगे.

इसे भी पढ़ें- 7 अगस्त को होगी नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की बैठक, सीएम हेमंत सोरेन भी होंगे शामिल

इस बैठक में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति और सुखाड़ पर विशेष चर्चा की जाएगी. जिसमें मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की ओर से संभावित सुखाड़ को देखते हुए विशेष पैकेज की मांग (package for drought like condition) की जाएगी. इसके पीछे तर्क यह है कि राज्य के करीब दस जिलों में 60 से 75 प्रतिशत कम बारिश हुई है. इससे फसलों की बुआई नहीं के बराबर हुई है. राज्य सरकार की ओर से बताया गया है कि राज्य में सबसे ज्यादा चिंताजनक स्थिति संथाल की है, जिसमें साहिबगंज, जामताड़ा, गोड्डा, पलामू, देवघर, चतरा और पाकुड़ जिला शामिल है. इन जिलों में बारिश नहीं होने की वजह से धान की रोपनी ना के बराबर हुई है. सरकारी मानक के अनुसार 50% से कम बारिश और 33% से कम फसलों की बुआई होने की स्थिति में सुखाग्रस्त क्षेत्र (special package for Jharkhand) माना जाता है. नीति आयोग की बैठक में झारखंड की ओर से नई शिक्षा नीति के क्रियान्वयन में आने वाली परेशानी, इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट जैसे विषयों को भी उठाया जाएगा. इसके साथ ही झारखंड सरकार विभिन्न केंद्रीय मदों में बकाया राशि की भी मांग करेगी.

नीति आयोग की शासी (संचालन) परिषद की सातवीं बैठक के एजेंडे में अन्य बातों के साथ-साथ फसलों के विविधीकरण और तिलहन व दालों तथा कृषि-समुदायों के मामले में आत्मनिर्भरता हासिल करना, राष्ट्रीय शिक्षा नीति-स्कूली शिक्षा का कार्यान्वयन, राष्ट्रीय शिक्षा नीति-उच्च शिक्षा का कार्यान्वयन और शहरी प्रशासन शामिल है. इस बैठक में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति और सुखाड़ पर विशेष चर्चा होगी. इसके तहत स्कूली शिक्षा और उच्च शिक्षा पर केंद्र और राज्य के बीच एक्शन प्लान बनेगा. एजेंडा के मुताबिक अर्बन गवर्नेंस के तहत म्यूनिसिपल फाइनेंस, अर्बन प्लानिंग और एडमिनिस्ट्रेटिव स्ट्रक्चर एंड सिटीजन सेंट्रिक गवर्नेंस विषय पर चर्चा होगी. बैठक में कृषि एवं पशुपालन पर भी चर्चा होगी. एजेंडा के अनुसार कृषि विभाग से जुड़े डायवरसिफिकेशन ऑफ क्रॉप, डिजिटल एग्रीकल्चर, स्ट्रेटजी फॉर आत्मनिर्भर कृषि पर चर्चा होगी.

नीति आयोग का शासी परिषद (गवर्निंग काउंसिल) राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की सक्रिय भागीदारी के साथ राष्ट्रीय प्राथमिकताओं और रणनीतियों के बारे में साझा दृष्टिकोण विकसित करने वाली प्रमुख संस्था है. यह शासी परिषद अंतर-क्षेत्रीय, अंतर-विभागीय और संघीय मुद्दों पर चर्चा करने का एक मंच प्रदान करता है. इसमें भारत के प्रधानमंत्री, सभी राज्यों एवं विधायिका वाले केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्री, अन्य केन्द्र शासित प्रदेशों के उपराज्यपाल, पदेन सदस्य, नीति आयोग के उपाध्यक्ष, नीति आयोग के पूर्णकालिक सदस्य और विशेष आमंत्रित सदस्य के रूप में केंद्रीय मंत्रीगण शामिल होते हैं. यह केंद्र और राज्यों के बीच विचार-विमर्श का सबसे महत्वपूर्ण मंच प्रदान करता है और संपूर्ण सरकार के दृष्टिकोण के साथ संगठित कार्रवाई के लिए प्रमुख रणनीतियों की पहचान करता है.

रांचीः नई दिल्ली स्थित राष्ट्रपति भवन कल्चरल सेंटर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) की अध्यक्षता में नीति आयोग की सातवीं गवर्निंग काउंसिल की बैठक (7th Governing Council meeting) होगी. सुबह 9.45 बजे से शाम 4.30 बजे तक होने वाली है. इस बैठक में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और मुख्य सचिव सुखदेव सिंह शामिल होंगे.

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इस बैठक में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति और सुखाड़ पर विशेष चर्चा की जाएगी. जिसमें मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की ओर से संभावित सुखाड़ को देखते हुए विशेष पैकेज की मांग (package for drought like condition) की जाएगी. इसके पीछे तर्क यह है कि राज्य के करीब दस जिलों में 60 से 75 प्रतिशत कम बारिश हुई है. इससे फसलों की बुआई नहीं के बराबर हुई है. राज्य सरकार की ओर से बताया गया है कि राज्य में सबसे ज्यादा चिंताजनक स्थिति संथाल की है, जिसमें साहिबगंज, जामताड़ा, गोड्डा, पलामू, देवघर, चतरा और पाकुड़ जिला शामिल है. इन जिलों में बारिश नहीं होने की वजह से धान की रोपनी ना के बराबर हुई है. सरकारी मानक के अनुसार 50% से कम बारिश और 33% से कम फसलों की बुआई होने की स्थिति में सुखाग्रस्त क्षेत्र (special package for Jharkhand) माना जाता है. नीति आयोग की बैठक में झारखंड की ओर से नई शिक्षा नीति के क्रियान्वयन में आने वाली परेशानी, इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट जैसे विषयों को भी उठाया जाएगा. इसके साथ ही झारखंड सरकार विभिन्न केंद्रीय मदों में बकाया राशि की भी मांग करेगी.

नीति आयोग की शासी (संचालन) परिषद की सातवीं बैठक के एजेंडे में अन्य बातों के साथ-साथ फसलों के विविधीकरण और तिलहन व दालों तथा कृषि-समुदायों के मामले में आत्मनिर्भरता हासिल करना, राष्ट्रीय शिक्षा नीति-स्कूली शिक्षा का कार्यान्वयन, राष्ट्रीय शिक्षा नीति-उच्च शिक्षा का कार्यान्वयन और शहरी प्रशासन शामिल है. इस बैठक में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति और सुखाड़ पर विशेष चर्चा होगी. इसके तहत स्कूली शिक्षा और उच्च शिक्षा पर केंद्र और राज्य के बीच एक्शन प्लान बनेगा. एजेंडा के मुताबिक अर्बन गवर्नेंस के तहत म्यूनिसिपल फाइनेंस, अर्बन प्लानिंग और एडमिनिस्ट्रेटिव स्ट्रक्चर एंड सिटीजन सेंट्रिक गवर्नेंस विषय पर चर्चा होगी. बैठक में कृषि एवं पशुपालन पर भी चर्चा होगी. एजेंडा के अनुसार कृषि विभाग से जुड़े डायवरसिफिकेशन ऑफ क्रॉप, डिजिटल एग्रीकल्चर, स्ट्रेटजी फॉर आत्मनिर्भर कृषि पर चर्चा होगी.

नीति आयोग का शासी परिषद (गवर्निंग काउंसिल) राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की सक्रिय भागीदारी के साथ राष्ट्रीय प्राथमिकताओं और रणनीतियों के बारे में साझा दृष्टिकोण विकसित करने वाली प्रमुख संस्था है. यह शासी परिषद अंतर-क्षेत्रीय, अंतर-विभागीय और संघीय मुद्दों पर चर्चा करने का एक मंच प्रदान करता है. इसमें भारत के प्रधानमंत्री, सभी राज्यों एवं विधायिका वाले केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्री, अन्य केन्द्र शासित प्रदेशों के उपराज्यपाल, पदेन सदस्य, नीति आयोग के उपाध्यक्ष, नीति आयोग के पूर्णकालिक सदस्य और विशेष आमंत्रित सदस्य के रूप में केंद्रीय मंत्रीगण शामिल होते हैं. यह केंद्र और राज्यों के बीच विचार-विमर्श का सबसे महत्वपूर्ण मंच प्रदान करता है और संपूर्ण सरकार के दृष्टिकोण के साथ संगठित कार्रवाई के लिए प्रमुख रणनीतियों की पहचान करता है.

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