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हेमंत सोरेन माइनिंग लीज मामलाः 24 मई को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई

हेमंत सोरेन माइनिंग लीज मामले (Hemant Soren Mining Lease Case) में सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को सुनवाई होगी. पिछली सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के अधिवक्ता की तरफ से समय की मांग की गई थी.

jharkhand cm Hemant Soren mining lease case hearing in supreme court on may 24
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Published : May 23, 2022, 8:21 PM IST

नई दिल्ली: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन माइनिंग लीज मामले (Hemant Soren Mining Lease Case) में 24 मई को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी. राज्य सरकार की ओर से वकील कपिल सिब्बल और हेमंत सोरेन की ओर से मुकुल रोहतगी ने माइनिंग लीज मामले में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है. इस याचिका में उन्होंने झारखंड हाई कोर्ट की ओर से सुनवाई के दौरान पारित किए गए आदेशों को चुनौती दी है.

ये भी पढ़ें- हेमंत सोरेन माइनिंग लीज मामलाः अब 24 मई को सुप्रीम कोर्ट में होगी सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट में इस मामले में पिछली सुनवाई 20 मई को भी हुई थी. उस दिन कपिल सिब्बल और मुकुल रोहतगी ने कोर्ट से समय की मांग की थी. उन्होंने कहा था कि 19 मई के झारखंड हाई कोर्ट की प्रोसिडिंग्स अपलोड नहीं हो पाए हैं, इसलिए कुछ समय दिया जाय. सुप्रीम कोर्ट ने समय देते हुए अगली सुनवाई 24 मई को निर्धारित की थी. सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस यूयू ललित, जस्टिस रविंद्र भट्ट और जस्टिस सुभाष धूलिया की खंडपीठ में इस मामले में सुनवाई की प्रक्रिया चल रही है.

क्या है मामला: झारखंड हाई कोर्ट में सीएम हेमंत सोरेन के खिलाफ 11 फरवरी को जनहित याचिका दायर की गयी थी. प्रार्थी शिव शंकर शर्मा की ओर से अधिवक्ता राजीव कुमार ने पीआईएल दाखिल किया था. प्रार्थी की ओर से इस जनहित याचिका में कहा गया था कि हेमंत सोरेन खनन मंत्री, मुख्यमंत्री और वन पर्यावरण विभाग के विभागीय मंत्री भी हैं. उन्होंने स्वंय पर्यावरण क्लीयरेंस के लिए आवेदन दिया था और खनन पट्टा हासिल किया है. ऐसा करना पद का दुरुपयोग है और जन प्रतिनिधि अधिनियम का उल्लंघन है. इसलिए इस पूरे मामले की सीबीआई से जांच कराई जाए. इसके अलावा साथ ही प्रार्थी ने हेमंत सोरेन की सदस्यता रद्द करने की मांग भी कोर्ट से की थी.

नई दिल्ली: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन माइनिंग लीज मामले (Hemant Soren Mining Lease Case) में 24 मई को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी. राज्य सरकार की ओर से वकील कपिल सिब्बल और हेमंत सोरेन की ओर से मुकुल रोहतगी ने माइनिंग लीज मामले में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है. इस याचिका में उन्होंने झारखंड हाई कोर्ट की ओर से सुनवाई के दौरान पारित किए गए आदेशों को चुनौती दी है.

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सुप्रीम कोर्ट में इस मामले में पिछली सुनवाई 20 मई को भी हुई थी. उस दिन कपिल सिब्बल और मुकुल रोहतगी ने कोर्ट से समय की मांग की थी. उन्होंने कहा था कि 19 मई के झारखंड हाई कोर्ट की प्रोसिडिंग्स अपलोड नहीं हो पाए हैं, इसलिए कुछ समय दिया जाय. सुप्रीम कोर्ट ने समय देते हुए अगली सुनवाई 24 मई को निर्धारित की थी. सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस यूयू ललित, जस्टिस रविंद्र भट्ट और जस्टिस सुभाष धूलिया की खंडपीठ में इस मामले में सुनवाई की प्रक्रिया चल रही है.

क्या है मामला: झारखंड हाई कोर्ट में सीएम हेमंत सोरेन के खिलाफ 11 फरवरी को जनहित याचिका दायर की गयी थी. प्रार्थी शिव शंकर शर्मा की ओर से अधिवक्ता राजीव कुमार ने पीआईएल दाखिल किया था. प्रार्थी की ओर से इस जनहित याचिका में कहा गया था कि हेमंत सोरेन खनन मंत्री, मुख्यमंत्री और वन पर्यावरण विभाग के विभागीय मंत्री भी हैं. उन्होंने स्वंय पर्यावरण क्लीयरेंस के लिए आवेदन दिया था और खनन पट्टा हासिल किया है. ऐसा करना पद का दुरुपयोग है और जन प्रतिनिधि अधिनियम का उल्लंघन है. इसलिए इस पूरे मामले की सीबीआई से जांच कराई जाए. इसके अलावा साथ ही प्रार्थी ने हेमंत सोरेन की सदस्यता रद्द करने की मांग भी कोर्ट से की थी.

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