रांची: झारखंड सीआईडी ने साइबर अपराधियों द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे सिम कार्डों का डेटा बेस तैयार करना शुरू कर दिया है. साथ ही उन इलाकों की मैपिंग भी की जा रही है, जिनका इस्तेमाल ठगी के लिए सबसे ज्यादा किया जा रहा है. इसे सीआइडी के प्रतिबिंब पोर्टल पर रजिस्टर किया जा रहा है. उन इलाकों की भी मैपिंग की जा रही है जहां से सिम कार्ड और ठगी के लिए कॉल किए जा रहे हैं.
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सीआईडी डीजी अनुराग गुप्ता ने बताया कि प्रतिबिंब में वे सभी नंबर दर्ज हैं, जिनका इस्तेमाल देश में कहीं भी साइबर ठगी में किया जा रहा है. साइबर ठगी में इस्तेमाल हो रहे इन नंबरों को राज्य के संबंधित जिलों के एसपी को भेजा जाएगा, ताकि उन नंबरों को ब्लॉक किया जा सके. साथ ही सर्विस प्रोवाइडर्स को भी इस बारे में जानकारी दी जाएगी, ताकि सिम का फर्जी इस्तेमाल रोका जा सके.
सीआईडी डीजी ने कहा कि फिलहाल प्रतिबिंब ऐप और पोर्टल का टेस्ट रन चल रहा है. ऐप का विधिवत उद्घाटन 8 नवंबर को आई4सी के अधिकारियों और केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधिकारियों की उपस्थिति में किया जाएगा.
कैसे काम करेगा प्रतिबिंब एप: देशभर में आम लोगों के पास आए दिन साइबर फ्रॉड की कॉल आती रहती हैं. सभी राज्यों की पुलिस में जिन नंबरों के खिलाफ शिकायतें आती हैं, उनकी जानकारी केंद्रीय गृह मंत्रालय के आई4सी को दी जाती है. झारखंड पुलिस इन नंबरों को आई4सी के जरिए हासिल कर रही है. साथ ही अपना डाटा बेस भी तैयार किया जा रहा है. झारखंड में जिन नंबरों का उपयोग किया जा रहा है, उन्हें संबंधित जिले के एसपी और सर्विस प्रोवाइडर्स को भेजा जा रहा है, ताकि इन नंबरों का दोबारा उपयोग नहीं किया जा सके.