रांचीः देश के ऑटो सेक्टर में आर्थिक मंदी की मार देखी जा रही है. पिछले साल के मुकाबले जुलाई से सितंबर के बीच कार और बाइक की बिक्री में काफी कमी आई है. दिग्गज वाहन निर्माता कंपनियों की बिक्री में लगातार गिरावट दर्ज होना, इसके पीछे की वजह बताई जा रही है. बुरे दौर से गुजर रहे ऑटोमोबाइल सेक्टर में लगातार नौकरियां भी जा रही है और कई शोरूम तो बंद होने के कगार पर है. झारखंड चैंबर ऑफ कॉमर्स ने भी इसके संकेत दिए हैं.
पिछले 2 महीने से आर्थिक मंदी का दौर
विशेषज्ञों का कहना है कि केंद्र सरकार को वाहन उद्योग को राहत देने के लिए माल और सेवा कर यानी जीएसटी में कटौती जैसे उपाय करने की जरूरत है, नहीं तो लगातार ऑटो सेक्टर में आर्थिक मंदी हावी होती जाएगी. पिछले 2 महीने से यह सेक्टर आर्थिक मंदी के दौर से गुजर रहा है. कई शोरूम बंद होने के कगार पर हैं, तो देशभर में वाहन डीलर बड़ी संख्या में कर्मचारियों को बाहर का रास्ता भी दिखा रहे हैं. जानकारी के मुताबिक, ज्यादातर छटनी फ्रंट और बिक्री में हो रही है, लेकिन सुस्ती का यह रूप यदि जारी रहता है तो तकनीकी नौकरियां भी प्रभावित हो सकती है. एक आंकड़े के मुताबिक इस सेक्टर में 2 लाख से अधिक कर्मचारी बेरोजगार हो चुके हैं और इस दिशा में फिलहाल किसी का ध्यान नहीं है. देश के ऑटो सेक्टर में आर्थिक मंदी देखी जा रही है. दिग्गज वाहन निर्माता कंपनियों की बिक्री में भी लगातार गिरावट दर्ज की गई है. आंकड़े यह भी बतातें हैं कि 26 लाख ओला उबर कैब कार की बिक्री 5 माह में तीन लाख घटी है.
यह भी पढ़ें- पाकुड़ः पुलिस की सराहनीय पहल, सुरक्षित यात्रा के लिए वाहन चालकों को कर रही जागरूक
जीएसटी के मार से व्यापारी तंग
रोड टैक्स में भारी-भरकम बढ़ोतरी अधिक डाउन पेमेंट के आलावा जीएसटी की मार भी व्यापारियों को काफी परेशान कर रही है. इस वजह से इस क्षेत्र में आर्थिक मंदी का दौर लगातार जारी है. झारखंड चैंबर ऑफ कॉमर्स ने भी चिंता व्यक्त करते हुए कहा है कि यह इस सेक्टर के लिए बुरा दौर है. हालांकि, अगर समय रहते केंद्र सरकार इस ओर ध्यान नहीं देती है तो आने वाले समय में यह सेक्टर बुरी तरह प्रभावित होगा. आंकड़े तो यह भी कहते हैं कि पिछले 2 महीने के अंदर 50 फीसदी सेल डाउन हुआ है. लोग अपने निजी वाहनों की अपेक्षा ओला और उबर का ज्यादा प्रयोग कर रहे हैं. पार्किंग ना होने की वजह से भी लोग अब निजी वाहन खरीदना पसंद नहीं कर रहे हैं. यह भी एक वजह हो सकती है. हालांकि, फिलहाल आर्थिक मंदी का दौर इस सेक्टर में जारी है.