रांचीः मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के दिए एक बयान को लेकर विपक्ष मुखर है. उन्होंने सीधा इसे राष्ट्र और बैंकों का अपमान बताया है. मीडिया से बात करते हुए बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने कहा कि सीएम को अपने इस बयान के लिए माफी मांगनी चाहिए.
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पिछले दिनों रामगढ़ के चुनावी सभा में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा मंच से लोगों को संबोधित करते हुए कहा गया था कि वो अपना पैसा जमीन में गाड़ दें लेकिन बैंक में ना रखें, सीएम के इसी बयान पर राजनीति शुरू हो गई है. भारतीय जनता पार्टी ने मुख्यमंत्री के इस बयान को गैर जिम्मेदाराना बताते हुए अवैध संपत्ति को बढ़ावा देने वाला बताया है. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने मुख्यमंत्री के इस बयान को गैर जिम्मेदाराना बताते हुए कहा है कि मुख्यमंत्री जैसे पद पर बैठे लोगों के द्वारा इस तरह का बयान देना शोभा नहीं देता.
उन्होंने कहा कि अवैध कमाई को बैंक में जमा करने का खामियाजा झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता भुगत चुके हैं. उन्होंने इस मामले में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर सीधा हमला बोलते हुए कहा कि इतिहास गवाह है कि नरसिम्हा राव सरकार को बचाने के समय झारखंड मुक्ति मोर्चा के द्वारा लिए गए पैसे को जब बैंक में जमा किए गए तो सीबीआई ने उसे जब्त किया था. शायद यही वजह है कि मुख्यमंत्री अवैध पैसे को बैंक में रखने के बजाए जमीन में गाड़कर रखने की सलाह लोगों को दे रहे हैं.
मुख्यमंत्री को जनता से मांगनी होगी माफी- दीपक प्रकाशः भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने कहा है कि मुख्यमंत्री का यह बयान बैंकों का अपमान नहीं बल्कि राष्ट्र का अपमान है क्योंकि करेंसी राष्ट्रीय संपत्ति है. देश में नरेंद्र मोदी की सरकार आते ही करोड़ों गरीबों ने बैंक का दरवाजा देखा. जनधन खाता से मिनटों में उनके खाते में वृद्धा, विधवा, अटल पेंशन, छात्रवृत्ति, शौचालय निर्माण, प्रधानमंत्री आवास निर्माण की सहायता राशि के साथ साथ किसान सम्मान निधि का पैसा ट्रांसफर होता है. इतना ही नहीं देश तेजी से डिजिटल इंडिया बन रहा है. आज चाय, पान, ठेला, खोमचा सभी जगह डिजिटल माध्यम से पेमेंट हो रहा है और इसमें युवा शक्ति बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहा है.
आगे दीपक प्रकाश ने कहा कि ऐसे में मुख्यमंत्री जैसे जिम्मेदार और संवैधानिक पद पर बैठकर ऐसा बयान देना जनता को विकास की मुख्यधारा से काटना और अनैतिक कार्यों के लिए प्रेरित करने जैसा है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को अपने इस गैर-जिम्मेदाराना बयान के लिए आम जनता से माफी मांगनी चाहिए. उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि जिसकी कमाई वैध होगी वो क्यों पैसे को जमीन में छुपाकर रखेगा. बैंकों में राशि सुरक्षित भी है और उस पर ब्याज भी मिलता है. ऐसे में मुख्यमंत्री के द्वारा इस तरह का बयान देना कहीं ना कहीं अवैध संपत्ति को बढ़ावा देने जैसा है.