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Jharkhand News: निलंबित इंजीनियर वीरेंद्र राम के खिलाफ एसीबी जांच शुरू, जब्त हो चुकी है 39.28 करोड़ की चल-अचल संपत्ति - झारखंड न्यूज

निलंबित चीफ इंजीनियर वीरेंद्र राम के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के मामले की एसीबी जांच शुरू हो चुकी है. इस मामले में हुई कार्रवाई में अब तक 39.28 करोड़ की चल-अचल संपत्ति जब्त हो चुकी है.

Jharkhand ACB probe begins against engineer Virendra Ram in disproportionate assets case
एसीबी
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Published : May 25, 2023, 10:54 PM IST

रांचीः ईडी के द्वारा गिरफ्तार किए गए ग्रामीण कार्य विकास के निलंबित चीफ इंजीनियर वीरेंद्र राम के खिलाफ एंटी करप्शन ब्यूरो में आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का मामला भी चलेगा. वीरेंद्र राम के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति मामले की जांच को लेकर एसीबी को विभाग के द्वारा अनुमति प्रदान कर दी गई है.

इसे भी पढ़ें- Ranchi News: निलंबित इंजीनियर वीरेंद्र राम के पिता और पत्नी से होगी पूछताछ, ईडी ने भेजा समन

एसीबी ने मांगी थी इजाजतः नवंबर 2020 में एसीबी के दर्ज केस के आधार पर वीरेंद्र राम पर मुकदमा चलाने की अनुमति एसीबी ने विभाग से मांगी थी. लेकिन लंबे समय से अनुमति नहीं मिल पाने के कारण वीरेंद्र राम के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने की जांच शुरू नहीं हो पायी थी. विभागीय आदेश के बाद एसीबी ने अब कोर्ट को जानकारी देते हुए मामले की जांच शुरू कर दी है.

किस मामले में एसीबी ने शुरू की जांचः 15 नवंबर 2020 को एसीबी ने जमशेदपुर में सुरेश प्रसाद नाम के जूनियर इंजीनियर के घर पर छापेमारी की थी. रिश्वत लेते पकड़े जाने के बाद सुरेश प्रसाद के यहां एसीबी ने छापेमारी की, तब उनके मकान से 2.67 करोड़ बरामद किए गए थे. सुरेश प्रसाद ने उस समय एंटी करप्शन ब्यूरो के पूछताछ में बताया था कि यह सारे पैसे वीरेंद्र राम के हैं. वीरेंद्र राम के चचेरे भाई आलोक रंजन के द्वारा मकान किराए पर लेने की बात भी सुरेश प्रसाद ने बतायी थी. सुरेश प्रसाद ने तब मकान का रेंट एग्रीमेंट भी एसीबी को दिया था. एसीबी ने इसी आधार पर वीरेंद्र राम के खिलाफ जांच के लिए विभाग से अनुमति मांगी थी.

ईडी ने किया था गिरफ्तारः इसी वर्ष फरवरी महीने में ईडी ने वीरेंद्र राम के ठिकानों पर छापेमारी की थी. छापेमारी के बाद वीरेंद्र राम के ठिकानों से करोड़ो रुपए काला धन बरामद किए गए थे. जिसके बाद बंद राम को गिरफ्तार कर लिया गया. तब से वह बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा में बंद है.

ईडी ने उठाया है अरबों की संपत्ति से पर्दाः ईडी के जांच में वीरेंद्र राम के धनकुबेर होने की बात सामने आई थी. ईडी ने 19 अप्रैल को वीरेंद्र राम की 39.28 लाख रुपये की संपत्ति जब्त की थी. ईडी ने जो संपत्ति जब्त की है, वह वीरेंद्र राम के पद पर रहते हुए टेंडर में कमीशन के तौर पर उगाही से अर्जित बतायी गई है. ईडी ने वीरेंद्र राम, उनकी पत्नी राजकुमारी, पिता गेंदा राम, बेटे अंकुश आर्यन के रांची, जमशेदपुर, दिल्ली के फ्लैट, डुप्लेक्स व बंगलों को जब्त कर चुकी है. इसके अलावा ईडी ने एक्सिस व केनरा बैंक में तीन बैंक खातों में जमा 36 लाख रुपये भी जब्त किए हैं.

रांचीः ईडी के द्वारा गिरफ्तार किए गए ग्रामीण कार्य विकास के निलंबित चीफ इंजीनियर वीरेंद्र राम के खिलाफ एंटी करप्शन ब्यूरो में आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का मामला भी चलेगा. वीरेंद्र राम के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति मामले की जांच को लेकर एसीबी को विभाग के द्वारा अनुमति प्रदान कर दी गई है.

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एसीबी ने मांगी थी इजाजतः नवंबर 2020 में एसीबी के दर्ज केस के आधार पर वीरेंद्र राम पर मुकदमा चलाने की अनुमति एसीबी ने विभाग से मांगी थी. लेकिन लंबे समय से अनुमति नहीं मिल पाने के कारण वीरेंद्र राम के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने की जांच शुरू नहीं हो पायी थी. विभागीय आदेश के बाद एसीबी ने अब कोर्ट को जानकारी देते हुए मामले की जांच शुरू कर दी है.

किस मामले में एसीबी ने शुरू की जांचः 15 नवंबर 2020 को एसीबी ने जमशेदपुर में सुरेश प्रसाद नाम के जूनियर इंजीनियर के घर पर छापेमारी की थी. रिश्वत लेते पकड़े जाने के बाद सुरेश प्रसाद के यहां एसीबी ने छापेमारी की, तब उनके मकान से 2.67 करोड़ बरामद किए गए थे. सुरेश प्रसाद ने उस समय एंटी करप्शन ब्यूरो के पूछताछ में बताया था कि यह सारे पैसे वीरेंद्र राम के हैं. वीरेंद्र राम के चचेरे भाई आलोक रंजन के द्वारा मकान किराए पर लेने की बात भी सुरेश प्रसाद ने बतायी थी. सुरेश प्रसाद ने तब मकान का रेंट एग्रीमेंट भी एसीबी को दिया था. एसीबी ने इसी आधार पर वीरेंद्र राम के खिलाफ जांच के लिए विभाग से अनुमति मांगी थी.

ईडी ने किया था गिरफ्तारः इसी वर्ष फरवरी महीने में ईडी ने वीरेंद्र राम के ठिकानों पर छापेमारी की थी. छापेमारी के बाद वीरेंद्र राम के ठिकानों से करोड़ो रुपए काला धन बरामद किए गए थे. जिसके बाद बंद राम को गिरफ्तार कर लिया गया. तब से वह बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा में बंद है.

ईडी ने उठाया है अरबों की संपत्ति से पर्दाः ईडी के जांच में वीरेंद्र राम के धनकुबेर होने की बात सामने आई थी. ईडी ने 19 अप्रैल को वीरेंद्र राम की 39.28 लाख रुपये की संपत्ति जब्त की थी. ईडी ने जो संपत्ति जब्त की है, वह वीरेंद्र राम के पद पर रहते हुए टेंडर में कमीशन के तौर पर उगाही से अर्जित बतायी गई है. ईडी ने वीरेंद्र राम, उनकी पत्नी राजकुमारी, पिता गेंदा राम, बेटे अंकुश आर्यन के रांची, जमशेदपुर, दिल्ली के फ्लैट, डुप्लेक्स व बंगलों को जब्त कर चुकी है. इसके अलावा ईडी ने एक्सिस व केनरा बैंक में तीन बैंक खातों में जमा 36 लाख रुपये भी जब्त किए हैं.

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