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सीएम आवास घेरने पहुंचा झारखंड आंदोलनकारी मोर्चा, पुलिस ने मोरहाबादी मैदान के पास रोका - जेल जाने की बाध्यता

रांची में सीएम आवास को घेरने झारखंड आंदोलनकारी मोर्चा मोरहाबादी मैदान पहुंचे. लेकिन रांची पुलिस ने मोरहाबादी मैदान के समीप ही रोक दिया. इससे गुस्साएं आंदोलनकारियों और पुलिस के बीच हल्की नोक-झोंक भी हुई है.

Jharkhand Aandolankari Morcha
सीएम आवास घेरने पहुंचा झारखंड आंदोलनकारी मोर्चा
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Published : Dec 11, 2021, 2:25 PM IST

रांचीः झारखंड आंदोलनकारी मोर्चा के बैनर तले सैकड़ों की संख्या में आंदोलनकारी मोरहाबादी मैदान पहुंचे, जहां से अपनी मांगों को लेकर सीएम आवास घेरना निकलना था. लेकिन रांची पुलिस ने मोरहाबादी मैदान के समीप ही सभी आंदोलनकारियों को रोक दिया है.

यह भी पढ़ेंःझारखंड आंदोलनकारी सूर्य सिंह बेसरा ने दिया 15 नवंबर तक का अल्टीमेटम, कहा-अब सीधी लड़ाई

मोरहाबादी मैदान में पुलिस की ओर से रोके जाने पर आंदोलनकारियों ने जमकर विरोध किया. इस दौरान पुलिस और आंदोलनकारियों के बीच हल्की धक्का-मुक्की भी हुई. हालांकि पुलिस की टीम ने उन्हें मोरहाबादी मैदान से आगे नहीं बढ़ने दिया. स्थिति यह है कि पुलिस और आंदोलनकारी दोनों एक-दूसरे के सामने डटे हुए हैं.

देखें वीडियो

आंदोलनकारियों ने कहा कि झारखंड आंदोलन के समय सिर्फ जेल जाने वाले ही आंदोलनकारी नहीं थे, बल्कि कई ऐसे लोग थे जो आंदोलन को धार देने में जुटे हुए थे. उन्हें नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को नई नीति वापस लेना होगा.

पेंशन की मांग
वर्तमान समय मे झारखंड बनाने को लेकर जिन लोगों ने आंदोलन किया, वैसे लोगों को सरकार पेंशन दे रही है. आंदोलन के समय कम से कम तीन महीना जेल में रहा हो या फिर छह माह से ज्यादा समय जेल में रहने वाले आंदोलनकारियों को पेंशन दिया जा रहा है. छह माह से अधिक जेल में रहने वाले आंदोलनकारी को 5000 रुपये प्रतिमाह पेंशन देने का प्रावधान किया गया है. वहीं छह माह से कम और तीन महीने से ज्यादा दिनों तक जेल में रहने वाले आंदोलनकारियों को 3000 रुपये प्रतिमाह पेंशन देने का प्रावधान है.

झारखंड आंदोलनकारियों ने सरकार की इस नई नीति को आंदोलनकारियों का अपमान बताते हुए विरोध कर रहे है. आंदोलनकारियों की मांग है कि इस मामले में जेल जाने की बाध्यता को खत्म किया जाए.

रांचीः झारखंड आंदोलनकारी मोर्चा के बैनर तले सैकड़ों की संख्या में आंदोलनकारी मोरहाबादी मैदान पहुंचे, जहां से अपनी मांगों को लेकर सीएम आवास घेरना निकलना था. लेकिन रांची पुलिस ने मोरहाबादी मैदान के समीप ही सभी आंदोलनकारियों को रोक दिया है.

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मोरहाबादी मैदान में पुलिस की ओर से रोके जाने पर आंदोलनकारियों ने जमकर विरोध किया. इस दौरान पुलिस और आंदोलनकारियों के बीच हल्की धक्का-मुक्की भी हुई. हालांकि पुलिस की टीम ने उन्हें मोरहाबादी मैदान से आगे नहीं बढ़ने दिया. स्थिति यह है कि पुलिस और आंदोलनकारी दोनों एक-दूसरे के सामने डटे हुए हैं.

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आंदोलनकारियों ने कहा कि झारखंड आंदोलन के समय सिर्फ जेल जाने वाले ही आंदोलनकारी नहीं थे, बल्कि कई ऐसे लोग थे जो आंदोलन को धार देने में जुटे हुए थे. उन्हें नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को नई नीति वापस लेना होगा.

पेंशन की मांग
वर्तमान समय मे झारखंड बनाने को लेकर जिन लोगों ने आंदोलन किया, वैसे लोगों को सरकार पेंशन दे रही है. आंदोलन के समय कम से कम तीन महीना जेल में रहा हो या फिर छह माह से ज्यादा समय जेल में रहने वाले आंदोलनकारियों को पेंशन दिया जा रहा है. छह माह से अधिक जेल में रहने वाले आंदोलनकारी को 5000 रुपये प्रतिमाह पेंशन देने का प्रावधान किया गया है. वहीं छह माह से कम और तीन महीने से ज्यादा दिनों तक जेल में रहने वाले आंदोलनकारियों को 3000 रुपये प्रतिमाह पेंशन देने का प्रावधान है.

झारखंड आंदोलनकारियों ने सरकार की इस नई नीति को आंदोलनकारियों का अपमान बताते हुए विरोध कर रहे है. आंदोलनकारियों की मांग है कि इस मामले में जेल जाने की बाध्यता को खत्म किया जाए.

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