रांचीः झारखंड के 33 श्रमिक और उनके 9 बच्चों को नई जिंदगी मिली है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पहल पर श्रम विभाग के राज्य प्रवासी नियंत्रण कक्ष और फिया फाउंडेशन की टीम यूपी के देवरिया स्थित ईंट भट्ठा पहुंची, जहां से इन श्रमिकों को बुधवार की सुबह मुक्त कराया गया. सभी श्रमिक मौर्या एक्सप्रेस ट्रेन से रांची के लिए रवाना हो चुके हैं और देर रात्रि तक पहुंचेंगे.
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सभी मजदूर रांची के चान्हो प्रखंड के टांगर गांव के रहने वाले हैं. ये श्रमिक जनवरी माह में पूरे परिवार के साथ उत्तर प्रदेश काम की तलाश में गए थे. जहां उनकी मुलाकात एक ठेकेदार से हुई. इस ठेकेदार ने देवरिया जिले के मुंडेरा गांव स्थित ईंट भट्ठा में काम लगावा दिया. श्रमिकों को ईंट भट्ठे में काम मिला, लेकिन छह महीने से मजदूरी नहीं मिल रही थी.
श्रमिकों के साथ अमानवीय व्यवहार
इन श्रमिकों का ईंट भट्ठा संचालक के पास मजदूरी के लगभग सात लाख रुपये बकाया था. श्रमिक मजदूरी नहीं मिलने से काफी परेशान थे. मजदूरी मांगने पर भट्ठा संचालक की ओर से अमानवीय व्यवहार किया जा रहा था और खानपान की दिक्कत होने लगी. इससे श्रमिकों के बच्चे भी बीमार होने लगे.
बकाया राशि भी लौटाया
इस मामले की जानकारी सीएम हेमंत सोरेन को मिली, तो तत्काल श्रम विभाग को उन्होंने निर्देश दिया. मुख्यमंत्री के निर्देश पर श्रम विभाग की टीम ने देवरिया जिला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक से संपर्क किया. देवरिया पुलिस प्रशासन की देखरेख में टीम ने मामले की जांच की और श्रमिकों को मुक्त कराया. इसके साथ ही ईंट भट्ठा संचालक ने श्रमिकों के बकाये सात लाख में से करीब पांच लाख रुपये भी दे दिये हैं.