JDU ने चुनाव आयोग को दिया आवेदन, JMM के चुनाव चिन्ह तीर धनुष पर प्रतिबंध लगाने की मांग - जेडीयू ने चुनाव आयोग को दिया आवेदन
झारखंड में विधानसभा चुनाव को लेकर सभी दलों ने तैयारियां शुरू कर दी है. राजनीतिक दल एक दूसरे की खिंचाई करने में एक भी मौका नहीं छोड़ रही है. जेएमएम ने झारखंड में जेडीयू के पारंपरिक चुनाव चिन्ह तीर छाप पर चुनाव आयोग से शिकायत कर प्रतिबंध लगवा दिया है, अब जेडीयू ने भी चुनाव आयोग से जेएमएम की चुनाव चिन्ह पर प्रतिबंध लगाने का आवेदन दिया है.
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रांची: झारखंड विधानसभा चुनाव में जेएमएम के चुनाव चिन्ह तीर धनुष पर प्रतिबंध लगाने के लिए झारखंड जेडीयू के प्रतिनिधिमंडल ने सोमवार को मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी को आवेदन दिया. जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष सालखन मुर्मू ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी से अनुरोध किया है कि जेएमएम अपने चुनाव चिन्ह से जनता को ठगने का काम कर रही है.
जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष सालखन मुर्मू ने मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी विनय चौबे को आवेदन देकर बताया कि जेएमएम पार्टी का चुनाव चिन्ह तीर धनुष आदिवासियों के भावनाओं से खिलवाड़ कर रहा है, क्योंकि तीर धनुष आदिवासियों के परंपरा और उनके संस्कृति से जुड़ा हुआ है, इसीलिए आदिवासी समाज के लोग जेएमएम को नहीं बल्कि तीर धनुष चुनाव चिन्ह को देखकर वोट करते हैं, जिसका हेमंत सोरेन और शिबू सोरेन नाजायज फायदा उठा रहे हैं.
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वहीं, पूरे मामले पर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी विनय कुमार चौबे ने बताया कि जेडीयू के प्रतिनिधिमंडल ने जेएमएम के चुनाव चिन्ह तीर धनुष को लेकर आपत्ति दर्ज कराई गई है. उनकी आपत्ति को स्वीकार करते हुए झारखंड चुनाव आयोग ने उन्हें मुख्य निर्वाचन आयोग भारत सरकार में जाने की सलाह दी है. उन्होंने कहा की जेडीयू के प्रतिनिधिमंडल को मुख्य निर्वाचन आयोग भारत सरकार में अग्रेषित करने का आश्वासन दिया गया है.
आपको बता दें, कि जेएमएम ने झारखंड में जेडीयू के पारंपरिक चुनाव चिन्ह तीर छाप पर प्रतिबंध लगाने के लिए निर्वाचन आयोग भारत सरकार से अनुरोध किया था, जिसको लेकर निर्वाचन आयोग भारत सरकार ने संज्ञान लेते हुए झारखंड में जेडीयू के चुनाव चिन्ह तीर छाप को फ्रीज कर दिया था.
आवेदन देते हुए जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष सालखन मुर्मू ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी से अनुरोध किया है कि जेएमएम अपने चुनाव चिन्ह तीर धनुष से आदिवासियों के भावनाओं के साथ खिलवाड़ कर जनता को ठगने का काम कर रही है, इसीलिए इस बार होने वाले विधानसभा चुनाव में जेएमएम के पारंपरिक चुनाव चिन्ह तीर धनुष पर प्रतिबंध लगाया जाये।
Body:जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष सालखन मुर्मू ने मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी विनय चौबे को आवेदन देने के बाद बताया कि जेएमएम पार्टी का चुनाव चिन्ह तीर धनुष आदिवासियों के भावनाओं से खिलवाड़ कर रहा है क्योंकि तीर धनुष आदिवासियों के परंपरा एवं उनके संस्कृति से जुड़ा हुआ है इसीलिए आदिवासी समाज के लोग जेएमएम को नहीं बल्कि तीर धनुष चुनाव चिन्ह को देखकर वोट करते हैं जिसका हेमंत सोरेन और शिबू सोरेन नाजायज फायदा उठा रहे हैं।
वहीं पूरे मामले पर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी विनय कुमार चौबे ने बताया कि जेडीयू के प्रतिनिधि मंडल के द्वारा जेएमएम के चुनाव चिन्ह तीर धनुष को लेकर आपत्ति दर्ज कराई गई है, उनकी आपत्ति को स्वीकार करते हुए हमने उन्हें मुख्य निर्वाचन आयोग भारत सरकार में जाने की सलाह दी है साथ ही उनके दिए गए आवेदन को मुख्य निर्वाचन आयोग भारत सरकार में अग्रेषित करने का भी आश्वासन दिया है।
Conclusion:आपको बता दें कि पिछले दिनों जेएमएम के द्वारा झारखंड में जेडीयू के पारंपरिक चुनाव चिन्ह तीर छाप पर प्रतिबंध लगाने के लिए निर्वाचन आयोग भारत सरकार से अनुरोध किया था,जिसको लेकर निर्वाचन आयोग भारत सरकार ने संज्ञान लेते हुए झारखंड में जदयू के चुनाव चिन्ह तीर छाप को फ्रीज कर दिया था।
इस प्रतिनिधिमंडल में जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष व पूर्व सांसद सलखन मुरमू के साथ जदयू के प्रदेश प्रवक्ता सरवन कुमार
बाइट- सालखन मुर्मू, प्रदेश अध्यक्ष,जेडीयू।