रांचीः झारखंड पुलिस में ट्रांसफर पोस्टिंग को लेकर अक्सर अनियमितताएं सामने आती रहती हैं, जिसे लेकर सरकार पर कई तरह के आरोप भी लगते रहते हैं. खासकर पुलिस विभाग में तो कब किसी की कहां पोस्टिंग हो जाए यह उसे भी ज्ञात नहीं होता है. आलम यह है कि कई आईपीएस अधिकारी अपने पोस्टिंग का इंतजार कर रहे हैं तो राजधानी रांची जैसा महत्वपूर्ण शहर बिना ट्रैफिक एसपी के ही पांच महीनों से चल रहा है.
ये भी पढ़ेंः झारखंड पुलिस के कई अधिकारियों को महीनों करना पड़ा इंतजार, अब हुई पोस्टिंग
पोस्टिंग के इंतजार में प्रशिक्षु आईपीएस
नेशनल पुलिस अकादमी(एनपीए) हैदराबाद से एक साल की ट्रेनिंग कर झारखंड कैडर में आये चार आईपीएस अधिकारी अब भी पोस्टिंग का इंतज़ार कर रहे हैं. सात-आठ महीने पूर्व झारखंड आये इन अधिकारियों को नियमतः अब तक जिला ट्रेनिंग के लिए एसडीपीओ या एएसपी के तौर पर नियुक्त किया जाना चाहिए था. हैदराबाद स्थित नेशनल पुलिस अकादमी से प्रशिक्षू आईपीएस अधिकारी हरीश विन जमन, हरविंदर सिंह, कपिल चौधरी और शुभांशू जैन को झारखंड कैडर मिला है. कैडर आवंटन के बाद इन आईपीएस अधिकारियों को पुलिस मुख्यालय के स्तर से नक्सल प्रभाव वाले जिलों में तैनात किया गया था. जहां उन्हें थाना ट्रेनिंग और विधि व्यवस्था में लगाया गया है. हरीश बिन जमन को चाईबासा, हरविंदर सिंह को लातेहार, कपिल चौधरी को पलामू और शुभांशू जैन को गुमला जिले में तैनात किया गया था. सभी की अब तक एएसपी स्तर पर तैनाती नहीं हो पाई है.
पांच माह से एक आईपीएस को वेतन नहीं
बीते पांच माह से जगुआर एसपी अजित पीटर डुंगडुंग को जगुआर में दो एसपी के पद के विरुद्ध तीसरे पद पर तैनात किये जाने के कारण वेतन नहीं मिल रहा है. अजित रांची के ट्रैफिक एसपी थे, ट्रैफिक एसपी के रूप में अंजनी अंजन की पेस्टिंग हुई, लेकिन कुछ ही दिन बाद उनका तबादला लातेहार हो गया. उसके बाद से ही राजधानी बिना ट्रैफिक एसपी के ही चल रहा है.
हटिया और सीसीआर डीएसपी के पद खाली
राजधानी रांची के लिए महत्वपूर्ण दो और पद कई महीनों से रिक्त हैं. जिनमें हटिया डीएसपी और पीसीआर डीएसपी का पद शामिल है. आईपीएस अधिकारी विनीत कुमार की वायरलेस एसपी में पोस्टिंग होने के बाद हटिया डीएसपी का पद रिक्त है. वहीं आईपीएस अधिकारी रेशमा रमेशन के धनबाद रूरल एसपी बनाए जाने के बाद सीसीआर डीएसपी का पद भी खाली है.
प्रमोशन से भरे जाने वाले अधिकांश पद हैं खाली
झारखंड में प्रमोशन से भरे जाने वाले आईपीएस अधिकारियों के अधिकांश पद खाली हैं. राज्य में प्रमोशन से आईपीएस के 45 पद हैं, लेकिन इन पदों में अब 24 पद खाली हैं. राज्य सरकार को इन पदों को भरने का निर्देश भी पूर्व में गृह मंत्रालय ने दिया था. 2017 के बाद की रिक्तियों के बदले डीएसपी कैडर के अफसरों का प्रमोशन आईपीएस में राज्य सरकार नहीं कर पायी है. इसके ठीक उलट कुछ माह पूर्व राज्य सरकार ने आईपीएस की कमी बताते हुए 2020 कैडर के दस आईपीएस अधिकारियों की मांग की थी.