रांची: कोरोना महामारी काल के दौरान रांची विश्वविद्यालय के तमाम गतिविधियों को लेकर ईटीवी भारत ने रांची विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ रमेश कुमार पांडे से खास बातचीत की है. इस दौरान ग्रामीण क्षेत्र के विद्यार्थियों की परेशानियों के अलावे कई अहम मुद्दों को लेकर संवाददाता चंदन भट्टाचार्य ने वीसी रमेश कुमार पांडे से कई सवाल किए हैं. मौके पर कुलपति ने तमाम सवालों के जवाब दिए हैं.
कोरोना महामारी और लॉकडाउन के कारण शिक्षा जगत में कई बदलाव देखने को मिल रहे हैं. देश के तमाम विश्वविद्यालयों में ऑनलाइन पठन-पाठन सुचारू तरीके से संचालित करने की कोशिश की जा रही है. वहीं झारखंड में भी कई विश्वविद्यालय ऑनलाइन संचालित हो रही है. राज्य के सबसे पुराने विश्वविद्यालय रांची विश्वविद्यालय में भी अपने तमाम टेक्निकल विंग के जरिए ऑनलाइन पठन-पाठन को सुचारू तरीके से करने की कोशिश में लगातार लगा हुआ है. रांची विश्वविद्यालय के पास एक सकारात्मक पहलू ये है कि लॉकडाउन से पहले विश्वविद्यालय का अपना कम्युनिटी रेडियो खांची ऑन एयर हो गया था और इस रेडियो के जरिए विश्वविद्यालय अपने विद्यार्थियों तक ऑनलाइन पठन-पाठन की सामग्री मुहैया कराने में कुछ हद तक सफल भी साबित हो रहा है.
ग्रामीण क्षेत्र के विद्यार्थियों को हो रही है परेशानी
हालांकि ग्रामीण क्षेत्र के विद्यार्थियों तक अभी भी विश्वविद्यालय प्रशासन को ऑनलाइन पठन-पाठन को लेकर समुचित व्यवस्था मुहैया कराने में परेशानी हो रही है. इसे लेकर विश्वविद्यालय प्रयासरत जरूर है. लेकिन यह संभव नहीं है कि ग्रामीण क्षेत्र तक ऑनलाइन पठन-पाठन की शत प्रतिशत सामग्री मुहैया कराई जा सके. वीसी रमेश कुमार पांडे ने ऑनलाइन क्लासेज की जानकारी देते हुए कहा कि सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों तक स्टडी मेटेरियल पहुंचाना काफी कठिन हो रहा है. लेकिन उनके लिए भी वैकल्पिक व्यवस्था विश्वविद्यालय प्रशासन जल्द करेगा.
यूजी और पीजी की परीक्षाएं ऑनलाइन होंगी ऑनलाइन
पीजी और यूजी के वर्चुअल प्रैक्टिकल डिस्टेंशन और मिड सेमेस्टर की परीक्षा ऑनलाइन आयोजित करने की जानकारी भी वीसी ने दी. गौरतलब है कि ऑनलाइन पठन-पाठन के अलावे विश्वविद्यालय इस कोशिश में हैं कि वह ऑनलाइन परीक्षा भी आयोजित कर सके. ग्रामीण क्षेत्र के विद्यार्थियों के लिए कुछ न कुछ रास्ता निकाल कर ऑनलाइन परीक्षा रांची विश्वविद्यालय आयोजित जरूर करेगी. इसे लेकर तमाम तरह के वैकल्पिक व्यवस्थाओं को लेकर चर्चाएं हो रही हैं.
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यूनिवर्सिटी भी लेगी दूरदर्शन की सहायता
इस दौरान वीसी रमेश कुमार पांडेय ने कहा कि राज्य सरकार के उच्च शिक्षा विभाग के साथ इस संबंध में बातचीत की जा रही है और दूरदर्शन के जरिए पंचायत स्तर तक पंचायत भवनों में टीवी लगाकर ग्रामीण क्षेत्र के विद्यार्थियों तक पठन-पाठन की सामग्री मुहैया कराने की कोशिश की जा सकती है. इसके अलावा राज्य के तमाम विश्वविद्यालयों के साथ समान बनाया जा रहा है.
चांसलर पोर्टल के जरिए होगा नामांकन
चांसलर पोर्टल के जरिए नामांकन का विरोध विभिन्न छात्र संगठन कर रहे हैं. इस संबंध में उन्होंने कहा कि विभागीय निर्देश के तहत ही यह कदम उठाया जा रहा है. शत-प्रतिशत नामांकन चांसलर पोर्टल के जरिए ही होगा. किसी भी तरह की परेशानी नहीं होने दी जाएगी. विद्यार्थियों के हित में यह तमाम फैसले लिए जा रहे हैं.