रांचीः रांची के पूर्व डीसी निलंबित आईएएस अधिकारी छवि रंजन से लगातार तीसरे दिन ईडी के अधिकारियों ने रिमांड पर पूछताछ की. पूछताछ के दौरान जमीन घोटाले में मनी लांड्रिंग को लेकर छवि रंजन से लंबी पूछताछ की गई. इस दौरान उनसे बैंक खातों में निवेश, आश्रितों के खातों में हुए ट्रांजेक्शन को लेकर भी कई सवाल किए गए.
तीसरे दिन के पूछताछ में संपत्ति को लेकर मांगी गई जानकारीः रांची जमीन घोटाले में मनी लाउंड्रिंग की जांच को लेकर ईडी रांची के तत्कालीन डीसी छवि रंजन से पूछताछ कर रही है. ईडी ने तीसरे दिन की पूछताछ में बैंक खातों में निवेश, आश्रितों के खाते में ट्रांजेक्शन और छवि रंजन के द्वारा अचल संपत्ति में निवेश के पहलुओं पर पूछताछ की. हालांकि ईडी को साक्ष्य मिला है कि छवि रंजन ने जमीन में गड़बड़ी कर उक्त जमीन में जो पैसे मिले उन्होंने अधिकांश मामलों में घूस की रकम नकदी के तौर पर ही ली है. वह प्रेम प्रकाश के करीबी पुनीत भार्गव के जरिए घूस की रकम ले चुके हैं. वहीं रांची के मोरहाबादी निवासी विपिन सिंह ने भी कुछ कनीय अधिकारियों को घूस की रकम पहुंचायी थी.
2021 से शुरू हो गई थी जमीन हड़पने की साजिशः ईडी की जांच में यह बात सामने आई है कि 8 अप्रैल 2021 को प्रदीप बागची ने सेना के कब्जे वाली जमीन पर दावा करते हुए तत्कालीन डीसी छवि रंजन को एक आवेदन दिया. बागची ने कहा कि कुछ भू-माफिया जाली दस्तावेज तैयार कर उनकी रैयती जमीन ले चुके हैं. जमीन की दाखिल-खारिज कराने का प्रयास कर रहे हैं. उस दौरान बागची का दावा था कि उसके पिता प्रफुल्ल बागची ने उक्त 4.55 एकड़ भूमि 1932 में निबंधित दस्तावेज के साथ खतियानी रैयत से सीधे खरीदी थी. इसकी रजिस्ट्री कोलकाता में हुई थी. वह जमीन मौखिक रूप से सेना को उपयाेग के लिए दिया गया था. बागची ने छवि रंजन की सहायता से वर्ष 2021 में ही ऑनलाइन प्रक्रिया से उक्त जमीन का पजेशन सर्टिफिकेट लिया और फिर फर्जी आधार कार्ड, बिजली बिल देकर नगर निगम से होल्डिंग नंबर भी भी ले लिया. जिसके बाद तत्कालीन सब रजिस्ट्रार घासीराम पिंगुआ ने ईडी को बताया था कि छवि रंजन के आदेश पर यह रजिस्ट्री उन्होंने की थी.
और तीन दिन होगी पूछताछः गौरतलब है कि छवि रंजन 6 दिनों के लिए ईडी के रिमांड पर है. 3 दिनों तक उनसे पूछताछ हो चुकी है, जबकि अभी और 3 दिन उनसे पूछताछ बाकी है. आज जमीन घोटाले में शामिल एक प्रमुख कलप्रीट दिलीप घोष से भी ईडी पूछताछ करेगी.