राज्यसभा में उठा झारखंड के पंचायतों में इंटरनेट की सुविधा का मामला, जलमार्गों का विकास और राज्य में लावारिस गायों का मुद्दा - Jharkhand news
झारखंड के पंचायतों में इंटरनेट की सुविधा, जल मार्गों का विकास और लावारिस गायों की स्थिति को लेकर राज्यसभा में आज प्रश्न उठा.
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रांची: झारखंड के पंचायतों में इंटरनेट की सुविधा, जल मार्गों का विकास और लावारिस गायों की स्थिति को लेकर राज्यसभा में आज प्रश्न उठा. राज्यसभा सांसद दीपक प्रकाश के द्वारा उठाए गए इस सवाल पर पंचायती राज राज्यमंत्री कपिल मोरेश्वर पाटील ने बताया कि डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के तहत पंचायती राज मंत्रालय देश के सभी राज्यों और संघ क्षेत्रों में ई पंचायत मिशन मोड परियोजना को लागू कर रहा है. जिसका उद्देश्य पंचायतों के कामकाज में सुधार के साथ-साथ उन्हें पारदर्शी, जवाबदेह और प्रभावी बनाना है.
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सदन में पंचायती राज राज्य मंत्री ने कहा कि उच्च बैंड विद्युत क्षमता प्रदान करने के साथ साथ दूरदराज के क्षेत्रों खासकर ग्रामीण इलाकों में मोबाइल कनेक्टिविटी और ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी के लिए भारत नेट परियोजना पर दूरसंचार विभाग कार्य कर रहा है. जिसके तहत दूरसंचार विभाग द्वारा देश घर में लगभग 255000 ग्राम पंचायतों को नेटवर्क बनाने के लिए चरणबद्ध तरीके से काम किया जा रहा है. अब तक भारत नेट परियोजना के तहत 193531 ग्राम पंचायतों को इस सेवा से जोड़ा गया है शेष बचे ग्राम पंचायतों को लक्ष्य के अनुरूप 2025 तक सुविधाएं प्रदान करने की कोशिश की जा रही है. सदन में पंचायती राज राज्यमंत्री ने जानकारी देते हुए बताया कि झारखंड में ग्राम पंचायतों की संख्या 4343 है जिसमें ऑनलाइन ग्राम पंचायतों की संख्या 4337 जो 264 ब्लॉक में स्थित है.
लावारिस गायों से संबंधित सवालों पर जवाब देते हुए मत्स्य पालन पशुपालन और डेयरी मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला ने कहा कि भारतीय जीव जंतु कल्याण बोर्ड में झारखंड राज्य में आवारा जानवरों की देखभाल के लिए किसी गौशाला को अपने नियंत्रण में नहीं लिया है. भारतीय जीव जंतु कल्याण बोर्ड पशु कल्याण संगठनों को मान्यता प्रदान करता है जो बोर्ड के पास मान्यता के लिए आवेदन करते हैं. उन्होंने कहा कि ऐसे मान्यता प्राप्त गौशाला को पशु कल्याण संगठन के द्वारा अनुदान दिए जाते हैं. राज्य सरकार को लावारिस गो पशुओं को रखने के लिए स्थानीय नगर निकाय, पंचायतों में आश्रय गृह स्थापित करने की जिम्मेदारी है.
देश के कई राज सरकार है गौशालाओं की सहायता के लिए विभिन्न योजनाएं भी चला रही हैं. इसके अतिरिक्त भारतीय जीव जंतु कल्याण बोर्ड गौशालाओं सहित मान्यता प्राप्त पशु कल्याण संगठनों को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए नियमित अनुदान, आश्रय गृह स्थापना, रखरखाव संबंधी योजना, संकटग्रस्त पशुओं के लिए एंबुलेंस सेवा योजना तथा प्राकृतिक आपदाओं के दौरान पशुओं को राहत प्रदान करने संबंधी योजनाओं को लागू कर रहा है.
झारखंड में जलमार्ग संबंधी उठाए गए प्रश्न का जवाब देते हुए पत्तन पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने कहा कि मंत्रालय के तहत एक स्वायत्त निकाय ने विश्व बैंक से वित्तीय सहायता सहित सरकारी बजटीय सहायता के माध्यम से राष्ट्रीय जलमार्ग पर मल्टी मॉडल टर्मिनल यानी एमएमटी, इंटर मॉडल टर्मिनल यानी आईएमटी का निर्माण किया है. पीपीपी मोड के तहत राष्ट्रीय जलमार्ग पर किसी भी टर्मिनल का विकास नहीं किया गया है. झारखंड के बारे में जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री ने सदन को बताया कि जल मार्ग विकास परियोजना के तहत वाराणसी साहिबगंज और हल्दिया पर तीन मल्टी मॉडल टर्मिनल का निर्माण किया गया. साहिबगंज का एमएमटी झारखंड में स्थित है.