रांची: कोरोना महामारी के मद्देनजर लगभग डेढ़ वर्षो से स्कूलों में ताले लटके हुए हैं. वहीं राज्य सरकार के दिशा निर्देश के बाद सीनियर बच्चों के लिए स्कूल और कॉलेज खोले गए हैं. स्कूलों में ऑफलाइन क्लासेज संचालित हो रहे हैं. हालांकि जो अभिभावक अपने बच्चों को स्कूल भेजना चाहते हैं वह एक शपथ पत्र लिखकर स्कूल प्रबंधन को सौंपेंगे. उसके बाद ही स्कूलों में वैसे बच्चों को आने की अनुमति होगी.
देश के विभिन्न राज्यों में ऑफलाइन क्लासेस की दिशा में कदम बढ़ाई गई है. झारखंड में भी स्कूली शिक्षा साक्षरता विभाग की ओर से एक-एक कदम बढ़ाते हुए पहले चरण में 9वीं से लेकर 12वीं तक के बच्चों के लिए विद्यालय का संचालन हो रहा है. तमाम स्कूल प्रबंधकों को किसी भी तरह की कोताही न बरतने की हिदायत दी गई है. साथ ही एक बार फिर स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग की ओर से स्कूलों में बच्चों की नियमित कोरोना जांच के आदेश दिए गए हैं. प्रत्येक बच्चों का कोरोना टेस्ट सुनिश्चित हो. इसकी जवाबदेही जिला शिक्षा पदाधिकारी को दी गई है. जिला शिक्षा पदाधिकारी की निगरानी में जिलों में संचालित ऐसे स्कूलों पर नजर रखी जा रही है.
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मारवाड़ी स्कूल में मिले थे कोरोना संक्रमित तीन बच्चे
पिछले दिनों राजधानी रांची के मारवाड़ी स्कूल में 3 बच्चे कोरोना संक्रमित पाए गए थे. उसके बाद स्कूल परिसर को सेनेटाइज किया गया था और इन बच्चों के संपर्क में आने वाले बच्चे और शिक्षकों को होम क्वॉरेंटाइन भी किया गया था. आने वाले समय में परेशानी ना हो इसी के मद्देनजर बच्चों का कोरोना वायरस टेस्ट अनिवार्य किया गया है. सभी बच्चों का कोरोना टेस्ट ऑन द स्पॉट स्कूल परिसर में ही करने का निर्देश है.
उच्च शिक्षा विभाग का भी निर्देश
इधर उच्च शिक्षा विभाग की ओर से कॉलेज आने वाले 18 वर्ष से अधिक विद्यार्थियों का टीकाकरण अनिवार्य किया गया है. कुछ कॉलेजों में ही कैंप लगाकर ऐसे विद्यार्थियों को कोरोना वायरस का वैक्सीन लगाया जा रहा है. उच्च शिक्षा विभाग ने कॉलेज और विश्वविद्यालयों को एक लक्ष्य के अनुरूप विद्यार्थियों का टीकाकरण सुनिश्चित करने का निर्देश भी है. विश्वविद्यालय प्रबंधन से उच्च शिक्षा विभाग ने कहा है कि वह चिन्हित करें कि कितने बच्चे 18 वर्ष से अधिक हैं और उसका डाटा विभाग को मुहैया कराएं. ताकि ऐसे कॉलेज और विश्वविद्यालय कैंपस में टीका लगाकर उनका टीकाकरण सुनिश्चित किया जाए.