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झारखंड कांग्रेस में नहीं थम रहा अंतर्कलह, प्रदेश अध्यक्ष के खिलाफ खोल दिया है मोर्चा

झारखंड कांग्रेस में अंतर्कलह (Infighting in Jharkhand Congress) थम नहीं रहा है. कांग्रेस विरोधी गुट के नेताओं ने प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर पर आरोप लगाते हुए कहा कि संगठन को कमजोर किया जा रहा है. उदयपुर चिंतन शिविर में लिए गए फैसले को अनदेखी किया गया है.

Jharkhand Congress
झारखंड कांग्रेस में नहीं थम रहा अंतर्कलह
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Published : Dec 26, 2022, 9:29 AM IST

क्या कहते हैं कांग्रेस नेता

रांचीः झारखंड कांग्रेस में अंतर्कलह (Infighting in Jharkhand Congress) थम नहीं रहा है. लंबे समय के बाद पार्टी ने जिलाध्यक्षों के नाम की घोषण की. फिर जम्बोजेट प्रदेश कार्यसमिति की घोषणा. इसके बाद लगातार पार्टी के अंदर विरोध के स्वर तेज हो गए. पहले अल्पसंख्यकों और दलितों को जिलाध्यक्षों की सूची में जगह नहीं दी गई तो प्रदेश कार्यालय के समक्ष आलाकमान का पुतला फूंका गया. इस विरोध के बाद जिलाध्यक्षों की सूची में बदलाव किया गया. लेकिन विरोध थमा नहीं. महिलाओं की हकमारी को लेकर प्रदर्शन हुए तो कोडरमा सहित कई जिलों में नवनियुक्त जिलाध्यक्षों के खिलाफ विरोध की आवाज रांची पहुंचने लगी.

यह भी पढ़ेंः कांग्रेस के नेताओं ने राजेश ठाकुर के खिलाफ खोला मोर्चा, कहा- प्रदेश अध्यक्ष हटाओ कांग्रेस बचाओ

कोडरमा में सिर्फ एक दिन के लिए जिलाध्यक्ष बनाये गए नारायण वर्णवाल की जगह भगीरथ पासवान को जिलाध्यक्ष बनाने का विरोध प्रदेश मुख्यालय तक पहुंच गया. वहीं, प्रदेश कमिटी के गठन होने के बाद जम्बोजेट कमिटी और सबको खुश रखने की कोशिश के बावजूद दो प्रदेश महासचिव, एक डेलीगेट्स मेंबर और चार प्रदेश सचिव में से कई ने प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है तो कई प्रदेश सचिवों ने इस्तीफा देकर बगावत की राह अपना ली है.


कोडरमा से आये कांग्रेस नेता आनंद हो या प्रभात राम या फिर प्रदेश सचिव के पद से इस्तीफा देकर प्रदेश अध्यक्ष के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले सुनील सिंह. इन सभी का आरोप है कि प्रदेश अध्यक्ष की कार्यशैली से पार्टी कमजोर हो रही है. उदयपुर चिंतन शिविर में लिए गए फैसले को ताक पर रख दिया गया है. कांग्रेस के निलंबित विधायक इरफान अंसारी ने कहा कि कांग्रेस जैसी बड़ी पार्टी के लिए यह विरोध छोटी बात है. हालांकि, पार्टी के अंदर अंतर्कलह है, तो जिम्मेदार प्रदेश अध्यक्ष ही होंगे. वहीं प्रदेश सचिव से इस्तीफा दे चुके सुनील सिंह कहते हैं कि जब उदयपुर चिंतन शिविर के बाद एक व्यक्ति, एक पद का अनुशरण करते हुए रामेश्वर उरांव ने प्रदेश अध्यक्ष छोड़ दी तो आज एक साथ कई पद पर लोग कैसे विराजमान हैं. प्रदेश प्रवक्ता ईश्वर आनंद ने कहा कि विरोध लोकतांत्रिक प्रक्रिया का हिस्सा है. पार्टी नेताओं की कोई शिकायत है तो वह दूर कर लिया जाएगा. लेकिन सभी को अनुशासन में रहना होगा.


झारखंड कांग्रेस में नेतृत्व के विरुद्ध उठ रहे विरोध के स्वर को दबाने के लिए प्रदेश स्तर के सात पदाधिकारियों से शो कॉज किया गया है. इसके साथ ही पार्टी से निलंबित करने की अनुशंसा अनुशासन कमिटी से की गई है. इसके बावजूद विरोध रुक नहीं रहा है. बोकारो में विरोधी खेमे की बैठक आयोजित की गई, जिसमें प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर पर संगठन को कमजोर करने का आरोप लगाया. झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमिटी के अनुशासन समिति ने जिन प्रदेश स्तर के नेताओं को शो कॉज किया है. इसमें प्रदेश महासचिव आलोक दुबे, राजेश गुप्ता, प्रदेश डेलीगेट्स मेंबर लाल किशोर नाथ शाहदेव, प्रदेश सचिव सुनील सिंह, साधु शरण गोप, राकेश तिवारी, अनिल ओझा का नाम शामिल हैं.

क्या कहते हैं कांग्रेस नेता

रांचीः झारखंड कांग्रेस में अंतर्कलह (Infighting in Jharkhand Congress) थम नहीं रहा है. लंबे समय के बाद पार्टी ने जिलाध्यक्षों के नाम की घोषण की. फिर जम्बोजेट प्रदेश कार्यसमिति की घोषणा. इसके बाद लगातार पार्टी के अंदर विरोध के स्वर तेज हो गए. पहले अल्पसंख्यकों और दलितों को जिलाध्यक्षों की सूची में जगह नहीं दी गई तो प्रदेश कार्यालय के समक्ष आलाकमान का पुतला फूंका गया. इस विरोध के बाद जिलाध्यक्षों की सूची में बदलाव किया गया. लेकिन विरोध थमा नहीं. महिलाओं की हकमारी को लेकर प्रदर्शन हुए तो कोडरमा सहित कई जिलों में नवनियुक्त जिलाध्यक्षों के खिलाफ विरोध की आवाज रांची पहुंचने लगी.

यह भी पढ़ेंः कांग्रेस के नेताओं ने राजेश ठाकुर के खिलाफ खोला मोर्चा, कहा- प्रदेश अध्यक्ष हटाओ कांग्रेस बचाओ

कोडरमा में सिर्फ एक दिन के लिए जिलाध्यक्ष बनाये गए नारायण वर्णवाल की जगह भगीरथ पासवान को जिलाध्यक्ष बनाने का विरोध प्रदेश मुख्यालय तक पहुंच गया. वहीं, प्रदेश कमिटी के गठन होने के बाद जम्बोजेट कमिटी और सबको खुश रखने की कोशिश के बावजूद दो प्रदेश महासचिव, एक डेलीगेट्स मेंबर और चार प्रदेश सचिव में से कई ने प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है तो कई प्रदेश सचिवों ने इस्तीफा देकर बगावत की राह अपना ली है.


कोडरमा से आये कांग्रेस नेता आनंद हो या प्रभात राम या फिर प्रदेश सचिव के पद से इस्तीफा देकर प्रदेश अध्यक्ष के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले सुनील सिंह. इन सभी का आरोप है कि प्रदेश अध्यक्ष की कार्यशैली से पार्टी कमजोर हो रही है. उदयपुर चिंतन शिविर में लिए गए फैसले को ताक पर रख दिया गया है. कांग्रेस के निलंबित विधायक इरफान अंसारी ने कहा कि कांग्रेस जैसी बड़ी पार्टी के लिए यह विरोध छोटी बात है. हालांकि, पार्टी के अंदर अंतर्कलह है, तो जिम्मेदार प्रदेश अध्यक्ष ही होंगे. वहीं प्रदेश सचिव से इस्तीफा दे चुके सुनील सिंह कहते हैं कि जब उदयपुर चिंतन शिविर के बाद एक व्यक्ति, एक पद का अनुशरण करते हुए रामेश्वर उरांव ने प्रदेश अध्यक्ष छोड़ दी तो आज एक साथ कई पद पर लोग कैसे विराजमान हैं. प्रदेश प्रवक्ता ईश्वर आनंद ने कहा कि विरोध लोकतांत्रिक प्रक्रिया का हिस्सा है. पार्टी नेताओं की कोई शिकायत है तो वह दूर कर लिया जाएगा. लेकिन सभी को अनुशासन में रहना होगा.


झारखंड कांग्रेस में नेतृत्व के विरुद्ध उठ रहे विरोध के स्वर को दबाने के लिए प्रदेश स्तर के सात पदाधिकारियों से शो कॉज किया गया है. इसके साथ ही पार्टी से निलंबित करने की अनुशंसा अनुशासन कमिटी से की गई है. इसके बावजूद विरोध रुक नहीं रहा है. बोकारो में विरोधी खेमे की बैठक आयोजित की गई, जिसमें प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर पर संगठन को कमजोर करने का आरोप लगाया. झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमिटी के अनुशासन समिति ने जिन प्रदेश स्तर के नेताओं को शो कॉज किया है. इसमें प्रदेश महासचिव आलोक दुबे, राजेश गुप्ता, प्रदेश डेलीगेट्स मेंबर लाल किशोर नाथ शाहदेव, प्रदेश सचिव सुनील सिंह, साधु शरण गोप, राकेश तिवारी, अनिल ओझा का नाम शामिल हैं.

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