रांची: झारखंड मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के पहलवान उम्र कैद की सजा काट चुके 79 कैदियों की छोड़ने की प्रक्रिया शुरू हो गई है. जिला विधिक सेवा प्राधिकार रांची के सजायाफ्ता बंदियों का पुनर्वास की व्यवस्था हो और समाज के मुख्यधारा से जुड़ सके. इसको लेकर काउंसलिंग की जा रही है. इस चार दिवसीय काउंसलिंग का उद्घाटन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पूर्व आईजी ने दीप प्रज्वलित कर किया. इस दौरान डालसा के सचिव अभिषेक कुमार और आर्ट ऑफ लिविंग के पीएन सिंह मौजूद रहे.
जुर्म की दुनिया में कदम बढ़ा कर अपराधी बने वैसे कैदी जिनको न्यायालय ने उम्र कैद की सजा दी है और वे जेल में 14 साल से अधिक सजा काट चुके हैं. इन 79 कैदियों की छोड़ने की प्रक्रिया शुरू हो गई है. इसे लेकर झारखंड के सभी केंद्रीय कारावस को सूचित किया गया है. इसमें बिरसा मुंडा केंद्रीय कारावास से 50 कैदियों को छोड़ा जाना है. बाकी अन्य जिलों के कैदी शामिल हैं.
बंदियों को छोड़ने से पहले की जा रही है काउंसलिंग
राज्य गठन के बाद पहली बार सजा काट रहे बंदियों को छोड़ने से पूर्व काउंसलिंग की जा रही है. ताकि यह बंदी दोबारा अपराध की दुनिया में कदम न रख सके. साथ ही इन कैदियों को सरकारी योजना से जोड़कर पुनर्वास भी किया जाएगा. जिससे इन्हें रहने और जीविका उपार्जन करने में कोई परेशानियां नहीं उठाना पड़े.
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सीएम ने की पहल
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के पहल पर 14 वर्ष से अधिक सजा काट चुके बंदियों को नया जीवन जीने का मौका मिलने जा रहा है. पिछले कुछ दिनों पहले मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में पुनरीक्षण परिषद की बैठक हुई थी. जिनमें सजायाफ्ता को बंदियों को कारावास से मुक्त करने का निर्णय लिया गया है. जिसके तहत जल्द ही इन कैदियों को कारावास से रिहा किया जाएगा.