रांचीः झारखंड गठन के वर्षों बाद अब जाकर इस राज्य को अपना ओपन यूनिवर्सिटी मिला है. इससे यहां के विद्यार्थियों को फायदा मिलेगा. कामकाजी लोगों के लिए ओपन यूनिवर्सिटी शिक्षा जगत के लिए मील का पत्थर साबित होगा. ईटीवी भारत की टीम ने झारखंड ओपन यूनिवर्सिटी (Jharkhand Open University) के नवनियुक्त कुलपति टीएन साहू (Vice Chancellor TN Sahu) से खास बातचीत की. इस दौरान उन्होंने नए कोर्स और विश्वविद्यालय के भविष्य को लेकर चर्चा की.
राज्य में झारखंड ओपन यूनिवर्सिटी का गठन कर दिया गया है. झारखंड लोक सेवा आयोग के पूर्व सदस्य और रांची विश्वविद्यालय के प्रॉक्टर त्रिवेणी नाथ साहू झारखंड ओपन यूनिवर्सिटी के पहले कुलपति नियुक्त किए गए हैं. इन 3 वर्षों के कार्यकाल में इन्हें कई महत्वपूर्ण काम करना है. विश्वविद्यालय को एक नई दिशा देना है. क्योंकि इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ-साथ विश्वविद्यालय में अभी-भी कई मूलभूत सुविधाओं को जोड़ना उनकी प्राथमिकता होगी. विश्वविद्यालय में रजिस्ट्रार समेत अन्य पदाधिकारियों की भी नियुक्ति कर दी गई है.
नवनियुक्त कुलपति से खास बातचीतः नवनियुक्त कुलपति टीएन साहू ने बातचीत के दौरान कहा कि विद्यार्थियों को कोर्स फीस भी ज्यादा चुकानी नहीं पड़ेगी. यहां के विद्यार्थियों के लिए न्यूनतम कोर्स फीस रखी जाएगी. पहले चरण में स्नातक, स्नातकोत्तर के अलावा कुल 16 कोर्स की पढ़ाई शुरू (distance courses in Open University) होगी. स्नातक स्नातकोत्तर स्तर पर हिंदी, अंग्रेजी, क्षेत्रीय भाषा, जनजातीय भाषा, इतिहास, राजनीतिक विज्ञान, अर्थशास्त्र, B.Ed, M.Ed, बीबीए, एमबीए और सर्टिफिकेट के साथ-साथ डिप्लोमा कोर्स के तहत हेल्थ केयर, टूरिज्म एंड हॉस्पिटैलिटी, मैनेजमेंट, वोकेशनल कोर्स, सर्विस मैनेजमेंट, जेंडर स्टडीज सोशल वर्क और ट्राइबल स्टडीज की पढ़ाई भी कराई जाएगी.
विश्वविद्यालय फिलहाल कांके स्थित बिरसा कृषि विश्वविद्यालय कैंपस में स्थित एक भवन में संचालित हो रहा है. इस विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले विद्यार्थियों के लिए राज्य के विभिन्न जिलों में स्टडी सेंटर भी स्थापित किए जाएंगे. इसके लिए भी तैयारियां जोरों पर है. कुलपति की नियुक्ति से ओपन यूनिवर्सिटी को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) से मान्यता मिलने का रास्ता साफ हो गया है. इसे लेकर नवनियुक्त कुलपति ने यूजीसी को पत्र भी लिखा है. यूजीसी से मान्यता मिलते ही इसी सत्र से प्रारंभिक रूप से कुछ कोर्स भी शुरू कर दिए जाएंगे. राज्य सरकार ने भी यूजीसी से मान्यता को लेकर प्रस्ताव एक बार फिर भेजा है.