रांची: किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए हेमंत सरकार ने झारखंड में दीदी बगिया योजना की शुरुआत की थी. अब इस योजना का असर दिखने लगा है. बड़ी संख्या में किसान नर्सरी तैयार कर सरकार को पौधे बेच रहे हैं. इस कड़ी में गुमला के किसान माइकल एक्का ने मिसाल कायम की है.
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सबसे पहले उन्होंने बागवानी और पौधा तैयार करने की ट्रेनिंग ली. वर्ष 2021-22 में दीदी नर्सरी योजना के जरिये अपनी नर्सरी में शीशम, गम्हार, सागवान और आम के 8,000 पौधे उगाये. इन पौधों को मनरेगा के आम बागवानी योजना के तहत सरकार की ओर से खरीद लिया गया. इससे माइकल को 25 हजार रुपये की आमदनी हुई. दीदी बगिया योजना के माध्यम से माइकल एक्का के लिए अतिरिक्त आजीविका का साधन उपलब्ध हुआ. जिससे उन्हें घर की जरुरतों को पूरा करने में सहयोग मिल रहा है. गुमला के रायडीह स्थित सिलम गांव निवासी माइकल कड़ी मेहनत और राज्य सरकार के सहयोग से अपने क्षेत्र के किसानों को जागरूक करने के साथ-साथ अपने परिवार को विकास के नए आयाम तक ले जाने की डगर पर अग्रसर हैं.
दरअसल, कोरोना महामारी के बीच साल 2021 में राज्य सरकार ने मनरेगा योजनाओं में पौधे की मांग और गुणवत्तापूर्ण पौधे की राज्य में अपर्याप्तता के मद्देनजर झारखंड में दीदी बगिया योजना को धरातल पर उतारा था. इसके माध्यम से सरकार राज्य के किसानों को एक उद्यमी के रूप में भी तैयार करने की मंशा रखती है. इस योजना के तहत राज्य के प्रशिक्षित किसानों को पौधा तैयार करने का अवसर मिला और सरकार ने पौधे की खरीदारी मनरेगा योजना के तहत सुनिश्चित की. इससे किसान इस कार्यक्रम से जुड़े और उनके आत्मविश्वास को बल मिला. किसान इमारती पौधों शीशम, गम्हार और सागवान के अलावा आम्रपाली, मालदा, मल्लिका समेत अन्य प्रजाति के आम के पौधे तैयार कर रहे हैं.