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रांचीः मूर्ति विसर्जन के लिए तालाबों में बनेगा विसर्जन प्वाइंट, प्रशासन ने की सभी तैयारियां - रांची में मूर्ति विसर्जन की तैयारियां

राजधानी में दुर्गा पूजा के बाद अब मूर्ति विसर्जन की तैयारियां शुरु हो गईं हैं. पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखते हुए चयनित तालाबों में जल कुंड का निर्माण किया गया है जहां पर मूर्ति विसर्जन होगा.

मूर्ति विसर्जन
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Published : Oct 25, 2020, 2:54 AM IST

रांचीः नगर आयुक्त मुकेश कुमार ने शहर में दुर्गा पूजा में शहर की सफाई, पूजा मंडप के आसपास की सफाई पर विशेष ध्यान देने का निर्देश दिया गया है. साथ ही मूर्ति विसर्जन के लिए जल कुंड बनाने का भी निर्देश दिया गया था. इसके तहत चयनित तालाबों और जल स्रोतों में जल कुंड बनाए गया है. इसका निरीक्षण शनिवार को उप नगर आयुक्त शंकर यादव और निगम के पदाधिकारियों ने किया है और जो भी कमियां दिखी है. उसे ठीक करने के निर्देश दिए गए हैं.

दुर्गा पूजा उत्सव के बाद मूर्तियों के विसर्जन के लिए चयनित तालाबों में जल कुंड का निर्माण किया गया है. अधिकारियों के गाइडलाइंस के अनुसार मूर्तियों के विसर्जन के लिए कांके डैम, बड़ा तालाब, चडरी तलाब, जेल तलाब, बटन तलाब जगन्नाथपुर तालाब, दिव्ययन तालाब समेत जल स्रोतों के एक कोने में घेरा बनाकर जलकुंड बनाया गया है.

यह भी पढ़ेंः आरजेडी का घोषणा पत्र जारी, 10 लाख नौकरी-किसान कर्ज माफी का वादा

बता दें कि केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के गाइडलाइंस के अनुसार पूजा उत्सव के बाद मूर्तियों के विसर्जन के लिए जल स्रोत के एक कोने पर तालाब और जल कुंड का निर्माण कराया गया है.

जिसे लाल फीता और बांस से घेरा गया है. जहां से मूर्तियों के विसर्जन के 48 घंटे के अंदर मूर्तियों को जल स्रोतों से निकाला जाएगा. साथ ही मूर्तियों में इस्तेमाल होने वाले कृत्रिम आभूषणों को विसर्जन से पूर्व ही पूजा समितियों से अलग पात्र में इकट्ठा किया जाने की अपील की गई है, ताकि जल स्रोतों को प्रदूषण मुक्त रखा जा सके और जल की गुणवत्ता प्रभावित ना हो.

रांचीः नगर आयुक्त मुकेश कुमार ने शहर में दुर्गा पूजा में शहर की सफाई, पूजा मंडप के आसपास की सफाई पर विशेष ध्यान देने का निर्देश दिया गया है. साथ ही मूर्ति विसर्जन के लिए जल कुंड बनाने का भी निर्देश दिया गया था. इसके तहत चयनित तालाबों और जल स्रोतों में जल कुंड बनाए गया है. इसका निरीक्षण शनिवार को उप नगर आयुक्त शंकर यादव और निगम के पदाधिकारियों ने किया है और जो भी कमियां दिखी है. उसे ठीक करने के निर्देश दिए गए हैं.

दुर्गा पूजा उत्सव के बाद मूर्तियों के विसर्जन के लिए चयनित तालाबों में जल कुंड का निर्माण किया गया है. अधिकारियों के गाइडलाइंस के अनुसार मूर्तियों के विसर्जन के लिए कांके डैम, बड़ा तालाब, चडरी तलाब, जेल तलाब, बटन तलाब जगन्नाथपुर तालाब, दिव्ययन तालाब समेत जल स्रोतों के एक कोने में घेरा बनाकर जलकुंड बनाया गया है.

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बता दें कि केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के गाइडलाइंस के अनुसार पूजा उत्सव के बाद मूर्तियों के विसर्जन के लिए जल स्रोत के एक कोने पर तालाब और जल कुंड का निर्माण कराया गया है.

जिसे लाल फीता और बांस से घेरा गया है. जहां से मूर्तियों के विसर्जन के 48 घंटे के अंदर मूर्तियों को जल स्रोतों से निकाला जाएगा. साथ ही मूर्तियों में इस्तेमाल होने वाले कृत्रिम आभूषणों को विसर्जन से पूर्व ही पूजा समितियों से अलग पात्र में इकट्ठा किया जाने की अपील की गई है, ताकि जल स्रोतों को प्रदूषण मुक्त रखा जा सके और जल की गुणवत्ता प्रभावित ना हो.

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