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मां दुर्गा की प्रतिमा का विसर्जन, श्रद्धालुओं ने दी नम आंखों से विदाई - धनबाद में मां दुर्गा की प्रतिमा का विसर्जन

धनबाद के बाघमारा खानुडीह सार्वजनिक दुर्गा पूजा समिति ने सादगीपूर्ण तरीके से मां दुर्गा की प्रतिमा का विसर्जन किया. विसर्जन के पहले महिलाओं मंदिर प्रांगण में एक दूसरे को सिंदूर लगाया.

मां दुर्गा की प्रतिमा का विसर्जन
मां दुर्गा की प्रतिमा का विसर्जन
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Published : Oct 27, 2020, 4:35 PM IST

धनबाद: जिला के बाघमारा खानुडीह सार्वजनिक दुर्गा पूजा समिति ने प्रतिमा विसर्जन करने की अपनी परंपरा का निर्वहन करते हुए सादगी के साथ मां दुर्गा की प्रतिमा को विसर्जित किया गया. इस दौरान श्रद्धालुओं ने माता को नम आंखों से विदाई दी.

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सरकार के निर्देशों का पालन

कोरोना को लेकर सरकार के निर्देशों का पालन करते हुए समिति विसर्जन करने का काम किया. प्रशासन के निर्देश को देखते हुए इस बार विसर्जन में गाजे बाजे को नहीं लगाया गया. सादगी के साथ मंदिर प्रांगण से प्रतिमा को निकाला गया. दुर्गोत्सव के नवरात्रि के दौरान भी समिति सरकार के निर्देश को पालन करते हुए विधि विधान से पूजा संपन्न किया.

मां को सादगीपूर्वक विदाई

समिति सदस्यों ने बताया कि क्षेत्र की सबसे पुरानी पूजा समिति बाघमारा खानुडीह दुर्गा समिति की है. प्रत्येक साल यहां हजारों भक्त पहुचते थे. इस बार सरकार के निर्देश को देखते हुए कम भक्त पहुंचे. पूजा समिति की परंपरा रही है कि एकादशी के दिन प्रतिमा विसर्जन किया जाता है, जो इस बार भी किया गया लेकिन इस बार कोरोना के कारण धूमधाम की जगह माता को सादगीपूर्वक विदाई दी गई.

धनबाद: जिला के बाघमारा खानुडीह सार्वजनिक दुर्गा पूजा समिति ने प्रतिमा विसर्जन करने की अपनी परंपरा का निर्वहन करते हुए सादगी के साथ मां दुर्गा की प्रतिमा को विसर्जित किया गया. इस दौरान श्रद्धालुओं ने माता को नम आंखों से विदाई दी.

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सरकार के निर्देशों का पालन

कोरोना को लेकर सरकार के निर्देशों का पालन करते हुए समिति विसर्जन करने का काम किया. प्रशासन के निर्देश को देखते हुए इस बार विसर्जन में गाजे बाजे को नहीं लगाया गया. सादगी के साथ मंदिर प्रांगण से प्रतिमा को निकाला गया. दुर्गोत्सव के नवरात्रि के दौरान भी समिति सरकार के निर्देश को पालन करते हुए विधि विधान से पूजा संपन्न किया.

मां को सादगीपूर्वक विदाई

समिति सदस्यों ने बताया कि क्षेत्र की सबसे पुरानी पूजा समिति बाघमारा खानुडीह दुर्गा समिति की है. प्रत्येक साल यहां हजारों भक्त पहुचते थे. इस बार सरकार के निर्देश को देखते हुए कम भक्त पहुंचे. पूजा समिति की परंपरा रही है कि एकादशी के दिन प्रतिमा विसर्जन किया जाता है, जो इस बार भी किया गया लेकिन इस बार कोरोना के कारण धूमधाम की जगह माता को सादगीपूर्वक विदाई दी गई.

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