रांचीः लिंकेज कोयले की तस्करी बड़े पैमाने पर शुरू हो गयी है. सीसीएल के अशोका और पिपरवार कोल परियोजना से निकलने वाले लिंकेज कोयली को ईंट भट्टों समेत अन्य जगहों पर ऊंचे दाम पर बेचा जा रहा है. चतरा पुलिस की जांच में इस बात का खुलासा हुआ है.
चतरा पुलिस के मुताबिक रामगढ़ स्पंज आयरन प्राइवेट लिमिटेड और श्रीराम पावर एंड स्टील प्राइवेट लिमिटेड को दोनों कोल परियोजना से एक्सक्लूसिव कोयला आवंटित किया गया था. इस कोयले का इस्तेमाल दोनों फैक्ट्री में होना था. लेकिन अशोका और पिपरवार कोल परियोजना से कोयला निकलने के बाद इसे महंगे दाम में ईंट भट्ठों समेत अन्य जगहों पर बेचा जाता था.
इसे भी पढ़ें- ठगी मामले में कोयला कारोबारी को गिरफ्तार करने रांची पहुंची MP पुलिस, आरोपी फरार
कैसे खुला राज?
चतरा की पिपरवार पुलिस ने 31 जनवरी को महावीर रूंगटा की दोनों कंपनी के सुपरवाइजर जनार्दन प्रसाद और संजय शर्मा को गिरफ्तार किया था. दोनों ने स्वीकार किया था कि कंपनी को सस्ते दाम में मिलने वाले एक्सक्लूसिव कोयले की कागज में छेड़छाड़ कर बाहर ऊंची दाम में बेचा जाता था. इसी पैसे की वसूली कर सभी लौट रहे थे, तब पुलिस ने 25 लाख के साथ दोनों को गिरफ्तार किया था.
पूर्व में कंपनियां हो चुकी हैं ब्लैकलिस्ट
पिछले साल लिंकेज कोयला की तस्करी के मामले में डीआईजी हजारीबाग ने एक जांच रिपोर्ट डीसी को सौंपी थी. जिसके आधार पर सीसीएल ने एक दर्जन कंपनियों को ब्लैकलिस्ट किया था.