मुंबई: भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) बोर्ड आज (30 सितंबर) बैठक के लिए बुलाई गई है. अमेरिकी शॉर्ट-सेलर हिंडनबर्ग द्वारा सेबी की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच के खिलाफ आरोप लगाए जाने के बाद यह पहली बैठक है. सेबी बोर्ड में चार पूर्णकालिक सदस्य और तीन अंशकालिक सदस्य हैं.
- हिंडनबर्ग रिसर्च और कांग्रेस पार्टी द्वारा अध्यक्ष माधबी पुरी बुच के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए जाने के बाद से इसकी पहली बैठक है.
- इसके अलावा, वर्क कल्चर के बारे में सेबी कर्मचारियों की शिकायतों ने नियामक पर बढ़ते दबाव को और बढ़ा दिया है.
- हालांकि सोमवार की बैठक के आधिकारिक एजेंडे में बुच के खिलाफ हितों के टकराव के आरोपों को शामिल नहीं किया गया है. लेकिन मीडिया रिपोर्टों से पता चलता है कि इस विषय पर अनौपचारिक रूप से चर्चा होने की संभावना है.
सेबी बोर्ड के मेंबर
सेबी के बोर्ड में चार पूर्णकालिक सदस्य और वित्त मंत्रालय, कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय और भारतीय रिजर्व बैंक सहित प्रमुख संस्थानों के तीन अंशकालिक प्रतिनिधि शामिल हैं.
हिंडनबर्ग का सेबी पर आरोप
हिंडनबर्ग ने आरोप लगाया कि माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच ने ऑफशोर फंड में निवेश किया था, जिसका नियंत्रण गौतम अडाणी के भाई विनोद अडाणी के पास था. शॉर्ट सेलर ने पहले आरोप लगाया था कि अडाणी समूह ने फंड में हेराफेरी की और भारत में अपनी सूचीबद्ध कंपनियों के शेयर की कीमतों में बढ़ोतरी की. नियामक ने समूह के खिलाफ आरोपों की जांच की और उसे क्लीन चिट दे दी.