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झारखंड में मानव तस्करों का सोशल मायाजाल, बॉलीवुड के सपने दिखा लड़कियों को फंसा रहे तस्कर

इन दिनों सोशल मीडिया मानव तस्करी का टूल (social media new tool of human trafficking) बन गया है. सोशल मीडिया पर मौजूद लड़कियां (Girls on social media) तस्करों के निशाने पर हैं. खासतौर पर झारखंड में मध्यमवर्गीय परिवारों की लड़कियां तस्करों (Girls from middle class families in Jharkhand are targetet of smugglers) के निशाने पर हैं. ऐसी लड़कियां जो सोशल मीडिया पर अपने वीडियो, फोटो अपलोड करती हैं, मानव तस्कर उनकी जानकारी इकट्ठा कर उनसे संपर्क करते हैं और बॉलीवुड फिल्म, सीरियल में काम या मॉडलिंग का झांसा देकर अपने पास बुलाते हैं और उनका जीवन नारकीय बना देते हैं.

Human trafficking in Jharkhand
सोशल मीडिया मानव तस्करी का नया टूल बन गया है.
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Published : Nov 24, 2021, 8:04 PM IST

Updated : Nov 25, 2021, 2:19 PM IST

रांचीः सोशल मीडिया मानव तस्करी का टूल बन गया (social media new tool of human trafficking) है. झारखंड में मानव तस्कर सोशल मीडिया के सहारे बच्चों को अपने जाल में फंसा रहे हैं. खास तौर पर मध्यमवर्गीय परिवारों की बच्चियां इनके निशाने पर हैं (Girls from middle class families in Jharkhand are targetet of smugglers). लड़कियां अक्सर फिल्मी गानों पर डांस के वीडियो बनाती हैं या मॉडलिंग करते पिक्चर अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर पोस्ट करती हैं, इसे देख तस्कर अक्सर इन बच्चियों से सोशल मीडिया अकाउंट के जरिये संपर्क करते हैं और बॉलीवुड का सपना दिखाकर फिल्मो में काम या मॉडलिंग से दुनिया में नाम कमाने का सपना दिखाकर उन्हें अपने चंगुल में फंसाते हैं. लड़कियां तस्करों की बातों में आकर खुद ब खुद फंस जाती हैं.

ये भी पढ़ें- झारखंड की लड़की के साथ गोवा में दुष्कर्म, अभिनेत्री बनने की चाह में जिस्म के सौदागरों के चंगुल में फंसी


मासूमो की काउंसिलिंग में हुआ खुलासा

कोविड-19 संक्रमण की शुरुआत से लेकर वर्तमान समय तक झारखंड के अलग-अलग रेलवे स्टेशन से नन्हे फरिश्ते और मेरी सहेली की टीम ने 500 से अधिक मासूमों को मानव तस्करों के चुंगल से बचाया है. लेकिन सबसे हैरान कर देने वाला खुलासा उस समय हुआ जब मानव तस्करों के चुंगल से बचाए गए मासूमों की काउंसिलिंग की गई. सीडब्ल्यूसी के सदस्यों ने जब स्टेशन से बरामद मासूमों की काउंसिलिंग की तो अधिकांश ने बताया कि वे लोग घर से इसलिए भागे थे क्योंकि उन्हें मुंबई जाकर हीरोइन बनना था.

देखें वीडियो

ये लाइक नहीं मुसीबत का जाल

काउंसिलिंग में पता चला कि घर से भागी अधिकांश लड़कियां फिल्मी गानों पर डांस का वीडियो बनाती हैं और फिर उन्हें अलग-अलग नामों से वेबसाइट्स पर डाल देती थीं जिसमें खूब सारे लाइक भी मिलते थे. मासूमों ने बताया कि वेबसाइट्स पर लाइक करने वाले कुछ लोगों ने उनसे संपर्क किया और बताया कि अगर वे मुंबई आ जाएंगी तो उनको फिल्म और टीवी सीरियल में काम करने का मौका मिल जाएगा.

यह लालच दिया था

मासूमों से संपर्क करने वाले मानव तस्करों ने उनसे यह भी कहा कि वह मौका पाकर अपने घर से भागकर यहां पहुंच जाएं और जब वह बड़ा स्टार बन जाएंगी तब खुद ही उनके मां-बाप उन्हें माफ कर देंगे. मानव तस्करों की बातों में आकर कई मासूम अपने घरों से निकल गईं, जिनमें से कई मुंबई पहुंच भी गईं, लेकिन माया नगरी में वह मानव तस्करों के चंगुल में फंस गईं.

ऐसे फंसाते हैं जाल में

हाल के दिनों में कई ऐसे एप बाजार में आ चुके हैं, जिसके माध्यम से तमाम बच्चे अपनी कला का प्रदर्शन कर नाम कमाने की कोशिश करते हैं. इसमें बड़ी तादाद लड़कियों की है. नए गानों पर डांस, फेमस एक्टर्स के डायलॉग की कॉपी करना इन दिनों चलन में है. सीडब्ल्यूसी के सदस्य वैद्यनाथ कुमार ने बताया कि ऐसा करने वाली लड़कियां यानी सोशल मीडिया के स्टार मानव तस्करों के निशाने पर हैं.

ये भी पढ़ें- ट्रैफिकिंग की शिकार बच्चे पहुंचे रांची, आपबीती सुनकर चौंक जाएंगे आप

तस्करों की टीम की लड़कियों पर नजर

रांची एसएसपी सुरेंद्र कुमार झा ने बताया कि मानव तस्करों की पूरी टीम ऐसे सोशल वेबसाइट्स की कड़ी निगरानी करती है. सबसे पहले वे लड़कियों के बारे में जानकारी इकट्ठा करते हैं, जब उन्हें यह पता चल जाता है कि लड़कियां अपना फेक प्रोफाइल बनाकर अपने मां-बाप से छुपकर अपने डांस और मॉडलिंग के वीडियो एप पर अपलोड कर रहीं हैं तब वे उनसे संपर्क करते हैं.

ये तस्कर ऐसी लड़कियों को भरोसा दिलाते हैं कि मुंबई में उनकी बहुत ही नामी कंपनी है जो नए लोगों को फिल्म और सीरियल में मौका देते हैं. आंकड़े बताते हैं कि झारखंड की कई लड़कियां मानव तस्करों के चुंगल में फंस कर जिस्म के सौदागरों के पास पहुंचा दी गईं.

ऐसी लड़कियां टारगेट

सीडब्ल्यूसी राची के सदस्य वैद्यनाथ ने बताया कि सोशल वेबसाइट्स पर मौजूद इन एप के जरिये कई लोग अच्छा नाम भी कमा रहे हैं, उसके साथ पैसे भी. लेकिन यह उन लोगों के लिए है जो किसी बेहतर प्लेटफार्म पर काम करते हैं. लेकिन कुछ लोग ऐसे भी हैं जिनके पीछे कोई सपोर्ट नहीं है और वे फिल्मी दुनिया में नाम कमाना चाहते हैं. ऐसे ही लोगों को मानव तस्कर टारगेट कर रहे हैं.

रांची में हर दिन दो मामले आ रहे सामने

झारखंड के बजरंगी भाई जान कहे जाने वाले सीडब्ल्यूसी रांची के सदस्य वैद्यनाथ के अनुसार वर्तमान समय में बच्चे मोबाइल में कुछ ज्यादा ही व्यस्त रहते हैं, उनके द्वारा सोशल वेबसाइट्स प्लेटफार्म पर कुछ अकाउंट बनाए गए हैं, जिनकी जानकारी परिजनों को भी नहीं है. इनमें बड़ी तादात लड़कियों की है. इनमें से अधिकांश लड़कियां नए नए गानों पर अपना वीडियो बनाकर अपलोड करती हैं और तस्कर इसी के माध्यम से उन्हें निशाना बना रहे हैं. हर दिन बाल कल्याण समिति रांची के पास दो से तीन ऐसे मामले सामने आ रहे हैं. कई ऐसे मामले जिनमें लड़कियों को रेस्क्यू किया गया और उनकी काउंसिलिंग की गई तो इसका खुलासा हुआ.

ये भी पढ़ें- मानव तस्करों के निशाने पर आदिवासी बच्चे, गिरिडीह के तीन प्रखंड हैं सॉफ्ट टारगेट

पुलिस वालों के बच्चे भी हो रहे शिकार

वैद्यनाथ के अनुसार मानव तस्कर गरीब बच्चों को टारगेट नहीं कर रहे हैं, बल्कि मिडिल क्लास परिवारों के बच्चों को टारगेट कर रहे हैं. हैरानी की बात तो यह है कि कई पुलिसवाले के बच्चे भी मानव तस्करों के चुंगल में फंस कर घर से फरार हो गए थे. लेकिन उनकी किस्मत अच्छी थी वह रेलवे स्टेशन पर पकड़े गए, जिसके बाद सीडब्ल्यूसी में उनकी काउंसिलिंग कर उन्हें वापस घर भेजा गया.


सोशल मीडिया पर निजी जानकारी डालना खतरनाक

झारखंड में मानव तस्करी रूकने का नाम नहीं ले रही है. हालांकि पहले गरीब परिवारों की लड़कियां तस्करों के निशाने पर होती थीं अब इंस्टाग्राम, ट्विटर और फेसबुक के जमाने में मध्यमवर्गीय परिवारों की लड़कियां तस्करों के निशाने पर हैं. सोशल मीडिया पर डाली जाने वाली व्यक्तिगत जानकारियां ही बाद में इन लड़कियों के लिए मुसीबत का सबब बन रहीं हैं.


तस्करों का गेटवे बना सोशल मीडिया, पुलिस मांग रही जानकारी

रांची रेलवे स्टेशन से ही एक महीने में 100 से ज्यादा मासूमों को मानव तस्करों के चुंगल से आजाद करा गया है. ये तस्कर मासूमों को माया नगरी में नाम कमाने का झांसा देकर पहले फंसाते हैं, फिर जिस्म के सौदागरों के हवाले कर देते हैं. रांची के सीनियर एसपी सुरेंद्र कुमार झा ने लोगों से अपील की है कि उन्हें कहीं से भी मानव तस्करी की कोई भी शिकायत मिलती है तो वे तुरंत पुलिस को जानकारी मांगी.

ये भी पढ़ें- Human Trafficking: नाबालिग का हरियाणा में हुआ सौदा, भागकर पहुंची सिमडेगा

क्रूज पर भेजी जा रही थी बोकारो की लड़की

रांची पुलिस ने मानव तस्करों के चुंगल से हाल के दिनों में कई लड़कियों का आजाद कराया है. इनमें से सबसे ज्यादा दर्दनाक कहानी इसी महीने गोवा से मुक्त कराई गई बोकारो की रहने वाली नाबालिग की है. अगर समय रहते गोवा पुलिस सक्रिय नहीं हुई होती तो नाबालिग को एक क्रूज पर पहुंचा दिया जाता और वह जिस्म के सौदागरों के चुंगल से शायद ही कभी निकल पाती.

सोशल मीडिया के जरिये प्रेम जाल में फंसाया

सूरज नाम के एक युवक ने सोशल मीडिया के जरिये नाबालिग को तरह-तरह के फिल्मी गानों पर वीडियो बना कर पोस्ट करते हुए देखा था, जिसके बाद उसने एक साजिश के तहत सोशल मीडिया के जरिये ही नाबालिग से दोस्ती की उसे अपने प्रेम जाल में फंसाया और फिर उसे बोकारो से रांची बुला लिया. रांची आने पर उसके साथ बाकायदा शादी भी की और फिर उससे यह कहकर कि वह उसे मुंबई ले जाकर हीरोइन बनाएगा, अपने साथ लेकर गोवा चला गया. लेकिन गोवा ले जाने के बाद सूरज ने नाबालिग को जिस्म के सौदागरों के हाथों बेच दिया. नाबालिग के साथ एक-एक दिन में आठ-आठ लोग दुष्कर्म किया करते थे.

ये भी पढ़ें- फेसबुक का प्यार: सॉफ्टवेयर इंजीनियर को दंपती ने लगाया एक करोड़ रुपये का चूना

बाल-बाल बची पुलिसकर्मी की बेटी

झारखंड पुलिस में पदस्थापित एक पुलिसकर्मी की मासूम बेटी भी सोशल वेबसाइट्स पर अक्सर अपने डांस का वीडियो डाला करती थी. जब उसके वीडियो पर मानव तस्करों की नजर पड़ी तो उन्होंने उसे अपने चुंगल में फंसाया लेकिन पुलिसकर्मी के बेटी की किस्मत अच्छी थी वह रांची रेलवे स्टेशन पर मुंबई जाने से पहले ही मेरी सहेली के टीम के द्वारा रेस्क्यू कर ली गई.

रांचीः सोशल मीडिया मानव तस्करी का टूल बन गया (social media new tool of human trafficking) है. झारखंड में मानव तस्कर सोशल मीडिया के सहारे बच्चों को अपने जाल में फंसा रहे हैं. खास तौर पर मध्यमवर्गीय परिवारों की बच्चियां इनके निशाने पर हैं (Girls from middle class families in Jharkhand are targetet of smugglers). लड़कियां अक्सर फिल्मी गानों पर डांस के वीडियो बनाती हैं या मॉडलिंग करते पिक्चर अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर पोस्ट करती हैं, इसे देख तस्कर अक्सर इन बच्चियों से सोशल मीडिया अकाउंट के जरिये संपर्क करते हैं और बॉलीवुड का सपना दिखाकर फिल्मो में काम या मॉडलिंग से दुनिया में नाम कमाने का सपना दिखाकर उन्हें अपने चंगुल में फंसाते हैं. लड़कियां तस्करों की बातों में आकर खुद ब खुद फंस जाती हैं.

ये भी पढ़ें- झारखंड की लड़की के साथ गोवा में दुष्कर्म, अभिनेत्री बनने की चाह में जिस्म के सौदागरों के चंगुल में फंसी


मासूमो की काउंसिलिंग में हुआ खुलासा

कोविड-19 संक्रमण की शुरुआत से लेकर वर्तमान समय तक झारखंड के अलग-अलग रेलवे स्टेशन से नन्हे फरिश्ते और मेरी सहेली की टीम ने 500 से अधिक मासूमों को मानव तस्करों के चुंगल से बचाया है. लेकिन सबसे हैरान कर देने वाला खुलासा उस समय हुआ जब मानव तस्करों के चुंगल से बचाए गए मासूमों की काउंसिलिंग की गई. सीडब्ल्यूसी के सदस्यों ने जब स्टेशन से बरामद मासूमों की काउंसिलिंग की तो अधिकांश ने बताया कि वे लोग घर से इसलिए भागे थे क्योंकि उन्हें मुंबई जाकर हीरोइन बनना था.

देखें वीडियो

ये लाइक नहीं मुसीबत का जाल

काउंसिलिंग में पता चला कि घर से भागी अधिकांश लड़कियां फिल्मी गानों पर डांस का वीडियो बनाती हैं और फिर उन्हें अलग-अलग नामों से वेबसाइट्स पर डाल देती थीं जिसमें खूब सारे लाइक भी मिलते थे. मासूमों ने बताया कि वेबसाइट्स पर लाइक करने वाले कुछ लोगों ने उनसे संपर्क किया और बताया कि अगर वे मुंबई आ जाएंगी तो उनको फिल्म और टीवी सीरियल में काम करने का मौका मिल जाएगा.

यह लालच दिया था

मासूमों से संपर्क करने वाले मानव तस्करों ने उनसे यह भी कहा कि वह मौका पाकर अपने घर से भागकर यहां पहुंच जाएं और जब वह बड़ा स्टार बन जाएंगी तब खुद ही उनके मां-बाप उन्हें माफ कर देंगे. मानव तस्करों की बातों में आकर कई मासूम अपने घरों से निकल गईं, जिनमें से कई मुंबई पहुंच भी गईं, लेकिन माया नगरी में वह मानव तस्करों के चंगुल में फंस गईं.

ऐसे फंसाते हैं जाल में

हाल के दिनों में कई ऐसे एप बाजार में आ चुके हैं, जिसके माध्यम से तमाम बच्चे अपनी कला का प्रदर्शन कर नाम कमाने की कोशिश करते हैं. इसमें बड़ी तादाद लड़कियों की है. नए गानों पर डांस, फेमस एक्टर्स के डायलॉग की कॉपी करना इन दिनों चलन में है. सीडब्ल्यूसी के सदस्य वैद्यनाथ कुमार ने बताया कि ऐसा करने वाली लड़कियां यानी सोशल मीडिया के स्टार मानव तस्करों के निशाने पर हैं.

ये भी पढ़ें- ट्रैफिकिंग की शिकार बच्चे पहुंचे रांची, आपबीती सुनकर चौंक जाएंगे आप

तस्करों की टीम की लड़कियों पर नजर

रांची एसएसपी सुरेंद्र कुमार झा ने बताया कि मानव तस्करों की पूरी टीम ऐसे सोशल वेबसाइट्स की कड़ी निगरानी करती है. सबसे पहले वे लड़कियों के बारे में जानकारी इकट्ठा करते हैं, जब उन्हें यह पता चल जाता है कि लड़कियां अपना फेक प्रोफाइल बनाकर अपने मां-बाप से छुपकर अपने डांस और मॉडलिंग के वीडियो एप पर अपलोड कर रहीं हैं तब वे उनसे संपर्क करते हैं.

ये तस्कर ऐसी लड़कियों को भरोसा दिलाते हैं कि मुंबई में उनकी बहुत ही नामी कंपनी है जो नए लोगों को फिल्म और सीरियल में मौका देते हैं. आंकड़े बताते हैं कि झारखंड की कई लड़कियां मानव तस्करों के चुंगल में फंस कर जिस्म के सौदागरों के पास पहुंचा दी गईं.

ऐसी लड़कियां टारगेट

सीडब्ल्यूसी राची के सदस्य वैद्यनाथ ने बताया कि सोशल वेबसाइट्स पर मौजूद इन एप के जरिये कई लोग अच्छा नाम भी कमा रहे हैं, उसके साथ पैसे भी. लेकिन यह उन लोगों के लिए है जो किसी बेहतर प्लेटफार्म पर काम करते हैं. लेकिन कुछ लोग ऐसे भी हैं जिनके पीछे कोई सपोर्ट नहीं है और वे फिल्मी दुनिया में नाम कमाना चाहते हैं. ऐसे ही लोगों को मानव तस्कर टारगेट कर रहे हैं.

रांची में हर दिन दो मामले आ रहे सामने

झारखंड के बजरंगी भाई जान कहे जाने वाले सीडब्ल्यूसी रांची के सदस्य वैद्यनाथ के अनुसार वर्तमान समय में बच्चे मोबाइल में कुछ ज्यादा ही व्यस्त रहते हैं, उनके द्वारा सोशल वेबसाइट्स प्लेटफार्म पर कुछ अकाउंट बनाए गए हैं, जिनकी जानकारी परिजनों को भी नहीं है. इनमें बड़ी तादात लड़कियों की है. इनमें से अधिकांश लड़कियां नए नए गानों पर अपना वीडियो बनाकर अपलोड करती हैं और तस्कर इसी के माध्यम से उन्हें निशाना बना रहे हैं. हर दिन बाल कल्याण समिति रांची के पास दो से तीन ऐसे मामले सामने आ रहे हैं. कई ऐसे मामले जिनमें लड़कियों को रेस्क्यू किया गया और उनकी काउंसिलिंग की गई तो इसका खुलासा हुआ.

ये भी पढ़ें- मानव तस्करों के निशाने पर आदिवासी बच्चे, गिरिडीह के तीन प्रखंड हैं सॉफ्ट टारगेट

पुलिस वालों के बच्चे भी हो रहे शिकार

वैद्यनाथ के अनुसार मानव तस्कर गरीब बच्चों को टारगेट नहीं कर रहे हैं, बल्कि मिडिल क्लास परिवारों के बच्चों को टारगेट कर रहे हैं. हैरानी की बात तो यह है कि कई पुलिसवाले के बच्चे भी मानव तस्करों के चुंगल में फंस कर घर से फरार हो गए थे. लेकिन उनकी किस्मत अच्छी थी वह रेलवे स्टेशन पर पकड़े गए, जिसके बाद सीडब्ल्यूसी में उनकी काउंसिलिंग कर उन्हें वापस घर भेजा गया.


सोशल मीडिया पर निजी जानकारी डालना खतरनाक

झारखंड में मानव तस्करी रूकने का नाम नहीं ले रही है. हालांकि पहले गरीब परिवारों की लड़कियां तस्करों के निशाने पर होती थीं अब इंस्टाग्राम, ट्विटर और फेसबुक के जमाने में मध्यमवर्गीय परिवारों की लड़कियां तस्करों के निशाने पर हैं. सोशल मीडिया पर डाली जाने वाली व्यक्तिगत जानकारियां ही बाद में इन लड़कियों के लिए मुसीबत का सबब बन रहीं हैं.


तस्करों का गेटवे बना सोशल मीडिया, पुलिस मांग रही जानकारी

रांची रेलवे स्टेशन से ही एक महीने में 100 से ज्यादा मासूमों को मानव तस्करों के चुंगल से आजाद करा गया है. ये तस्कर मासूमों को माया नगरी में नाम कमाने का झांसा देकर पहले फंसाते हैं, फिर जिस्म के सौदागरों के हवाले कर देते हैं. रांची के सीनियर एसपी सुरेंद्र कुमार झा ने लोगों से अपील की है कि उन्हें कहीं से भी मानव तस्करी की कोई भी शिकायत मिलती है तो वे तुरंत पुलिस को जानकारी मांगी.

ये भी पढ़ें- Human Trafficking: नाबालिग का हरियाणा में हुआ सौदा, भागकर पहुंची सिमडेगा

क्रूज पर भेजी जा रही थी बोकारो की लड़की

रांची पुलिस ने मानव तस्करों के चुंगल से हाल के दिनों में कई लड़कियों का आजाद कराया है. इनमें से सबसे ज्यादा दर्दनाक कहानी इसी महीने गोवा से मुक्त कराई गई बोकारो की रहने वाली नाबालिग की है. अगर समय रहते गोवा पुलिस सक्रिय नहीं हुई होती तो नाबालिग को एक क्रूज पर पहुंचा दिया जाता और वह जिस्म के सौदागरों के चुंगल से शायद ही कभी निकल पाती.

सोशल मीडिया के जरिये प्रेम जाल में फंसाया

सूरज नाम के एक युवक ने सोशल मीडिया के जरिये नाबालिग को तरह-तरह के फिल्मी गानों पर वीडियो बना कर पोस्ट करते हुए देखा था, जिसके बाद उसने एक साजिश के तहत सोशल मीडिया के जरिये ही नाबालिग से दोस्ती की उसे अपने प्रेम जाल में फंसाया और फिर उसे बोकारो से रांची बुला लिया. रांची आने पर उसके साथ बाकायदा शादी भी की और फिर उससे यह कहकर कि वह उसे मुंबई ले जाकर हीरोइन बनाएगा, अपने साथ लेकर गोवा चला गया. लेकिन गोवा ले जाने के बाद सूरज ने नाबालिग को जिस्म के सौदागरों के हाथों बेच दिया. नाबालिग के साथ एक-एक दिन में आठ-आठ लोग दुष्कर्म किया करते थे.

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बाल-बाल बची पुलिसकर्मी की बेटी

झारखंड पुलिस में पदस्थापित एक पुलिसकर्मी की मासूम बेटी भी सोशल वेबसाइट्स पर अक्सर अपने डांस का वीडियो डाला करती थी. जब उसके वीडियो पर मानव तस्करों की नजर पड़ी तो उन्होंने उसे अपने चुंगल में फंसाया लेकिन पुलिसकर्मी के बेटी की किस्मत अच्छी थी वह रांची रेलवे स्टेशन पर मुंबई जाने से पहले ही मेरी सहेली के टीम के द्वारा रेस्क्यू कर ली गई.

Last Updated : Nov 25, 2021, 2:19 PM IST
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