रांचीः शुक्रवार को हाईकोर्ट में प्रतिबंध के बावजूद गुटखे की बिक्री पर एक जनहित याचिका पर सुनवाई हो रही थी. हाईकोर्ट में उस वक्त असमंजस की स्थिति बन गई जब सुनवाई के दौरान ही कोर्ट में पान मसाला और जर्दा पेश कर दिया गया.
चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन और जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद ने उन उत्पादों को दिखाते हुए विशेष सचिव से प्रतिबंध पर कई सवाल पूछे.
मामले को लेकर झारखंड मुक्ति मोर्चा की ओर से प्रतिक्रिया आई है. झारखंड मुक्ति मोर्चा की मानें तो सरकार अब इस मामले पर कड़ाई से पेश आएगी और प्रतिबंध होने के बावजूद पान मसाला और जर्दा की बिक्री पर रोक लगाएगी.
जो भी दोषी पाए जाएंगे उन पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई भी होगी. राज्य में प्रतिबंध के बावजूद धड़ल्ले से गुटका की बिक्री को लेकर हाईकोर्ट में दायर जनहित याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई हुई है.
वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए मामले की सुनवाई कर रहे चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन और जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की खंडपीठ ने सुनवाई के दौरान ही ही कोर्ट स्टाफ दुकान से विभिन्न कंपनियों के उत्पाद और तंबाकू खरीदकर ले आया.
चीफ जस्टिस ने उत्पादों को दिखाते हुए विशेष सचिव से कई सवाल भी किए और कहा यह किस तरह का प्रतिबंध है. जब हर चीज खुलेआम मार्केट दुकानों में बिक रही है.
झारखंड मुक्ति मोर्चा की प्रतिक्रिया
इसी मामले को लेकर झारखंड मुक्ति मोर्चा से सवाल किया गया तो झारखंड मुक्ति मोर्चा के प्रवक्ता विनोद पांडे ने कहा कि इस मामले पर सरकार की पैनी नजर है जो भी दोषी होंगे उन पर कार्रवाई होगी और कड़ाई से पूरे प्रदेश में पान मसाला जर्दा गुटखा पर प्रतिबंध लगेगा. इसे लेकर सरकार कटिबद्ध है और अपने स्तर पर तमाम चीजों को देख रही है.
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झामुमो ने कहा है कि मामले को लेकर जांच भी की जाएगी और दोषी पाए गए लोगों पर कार्रवाई भी होगी और उसके बाद हाईकोर्ट को तमाम रिपोर्ट सरकार की ओर से सौंपी जाएगी.
फिलहाल झारखंड सरकार पान मसाला गुटखा पर प्रतिबंध लगाने को लेकर चरणबद्ध तरीके से कार्रवाई करने को लेकर एक योजना के तहत ग्राउंड लेवल से एक रिपोर्ट तैयार कर रही है.