रांची : झारखंड हाई कोर्ट ने PESA Act नियमावली पर झारखंड सरकार से जवाब मांगा है. मुख्य न्यायाधीश डॉ. रवि रंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत ने सरकार को यह बताने को कहा है कि नियमावली कब तक लागू हो जाएगी. सरकार ने उन दो पंचायतों को मॉडल के रूप में पेश करने का निर्देश दिया है जहां PESA Act नियमावली लागू करने का दावा कर रही है. साथ ही अदालत ने पूछा कि जब राज्य में PESA Act नियमावली लागू ही नहीं की गई है, तो उसके प्रावधानों को कैसे लागू किया गया है. सभी बिंदुओं पर सरकार को 25 फरवरी तक जवाब दाखिल करने का निर्देश अदालत ने दिया है. प्रार्थी की ओर से उठाए गए सभी बिंदुओं पर सरकार को विस्तार से जानकारी देने को कहा गया है.
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इस संबंध में एमिल वाल्टर कंडुलना एवं अन्य ने याचिका दायर की है. याचिका में कहा गया है कि राज्य के अनुसूचित जिलों में PESA Act नियमावली लागू नहीं की गई है. याचिका में राज्य के अनुसूचित क्षेत्र में पंचायती राज कानून और म्युनिसिपल एक्ट लागू करने का भी विरोध किया गया है और इसे असंवैधानिक करार देने का आग्रह अदालत से किया गया है. याचिका में यह भी बताया गया है कि राज्य में PESA Act नियमावली की ही नहीं बनी है. जबकि अनुसूचित जिलों में PESA Act लागू करने का प्रावधान है. इस पर सरकार की ओर से बताया गया कि राज्य में पंचायती राज अधिनियम और दूसरे एक्ट के माध्यम से PESA Act के प्रावधानों को लागू किया गया है. संविधान में मिले अधिकारों के तहत ही राज्य सरकार ने ऐसा किया है. इसलिए इसे असंवैधानिक नहीं कहा जा सकता है और न ही PESA Act का उल्लंघन कहा जा सकता है. इसका प्रार्थी की ओर से विरोध किया गया.
प्रार्थी की ओर से पक्ष रख रहे वरीय अधिवक्ता अजीत कुमार ने कहा कि जब राज्य में नियमावली बनी ही नहीं तो एक्ट के प्रावधानों को किस प्रकार लागू किया गया है. यदि राज्य में PESA Act लागू किया गया है, तो सरकार को चाहिए कि कोई दो ऐसी पंचायतों को पेश करे जहां PESA Act लागू किया गया है. सरकार की ओर से बताया गया कि PESA Act नियमावली का ड्राफ्ट तैयार कर लिया गया है. विभिन्न विभागों में उसे रिव्यू के लिए भेजा गया है. जल्द ही इसे फाइनल कर दिया जाएगा.