रांचीः राजधानी में सरकारी जमीन, नदी और तालाबों पर लगातार अतिक्रमण कर घर बनाने में बढ़ोतरी हो रही है. हाई कोर्ट में इस मामले की सुनवाई के दौरान अदालत ने रांची नगर निगम से पूछा कि, हिनू में नदी के जमीन पर अतिक्रमण कर कैसे होटल बन गया? अदालत ने 25 मार्च तक रांची नगर निगम को जवाब देने को कहा है.
इसे भी पढ़ें- तालाबों की घटती संख्या पर हाई कोर्ट गंभीर, नगर सचिव, स्वास्थ्य सचिव और आरएमसी के कमिश्नर तलब
नदी की जमीन पर होटल का निर्माण
झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत में एक जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान यह मामला उठाया गया कि, राजधानी रांची में सरकार के नाक के नीचे नदी की जमीन पर सड़क किनारे हिनू में होटल बना लिया गया है. इस तरह से अगर नदी पर अतिक्रमण लगातार होता रहेगा तो नदी का अस्तित्व ही मिट जाएगा. इसलिए इस तरह से अतिक्रमण पर रोक लगाया जाए. अतिक्रमण मुक्त करवाया जाए और अतिक्रमण करने वाले पर कार्रवाई किया जाए. अदालत ने रांची नगर निगम को मामले में 25 मार्च तक जवाब पेश करने को कहा है. मामले की अगली सुनवाई 25 मार्च को तय की गई है.
बता दें कि राजधानी रांची के डोरंडा से सटे हुए हिनू पुल के पास ही नदी के जमीन पर होटल बनाया गया है. अधिवक्ता का कहना है कि यह होटल नदी की जमीन को अतिक्रमण कर बनाया गया है. इसलिए इस होटल को नदी की जमीन पर से हटाया जाए और नदी को अतिक्रमण मुक्त बनाया जाए.