रांचीः करोड़ों रुपैया का अवैध तरीके से लोन देने के मामले में सजायाफ्ता बैंक ऑफ बड़ौदा के सीनियर ब्रांच मैनेजर कैलाश नाथ को हाई कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. अदालत ने मामले में दोनों पक्षों को सुनने के उपरांत उन्हें जमानत की सुविधा उपलब्ध कराने का आदेश दिया है. उन्हें 25-25 हजार के दो निजी मुचलके जमा करने और सुनवाई के दौरान सहयोग करने की शर्त पर बेल दी गई.
झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश अनिल कुमार चौधरी की अदालत में कैलाश नाथ की अपील याचिका पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई हुई. न्यायाधीश अपने आवासीय कार्यालय से सुनवाई की. वहीं याचिकाकर्ता के अधिवक्ता और सरकार के अधिवक्ता ने अपने आवास से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अपना पक्ष रखा.
अदालत ने मामले में दोनों पक्षों को सुनने के उपरांत कैलाश नाथ को जमानत की सुविधा उपलब्ध कराने का आदेश दिया है. उन्होंने उन्हें 3 लाख रुपैया जमा करने, 25-25 हजार के दो निजी मुचलके भरने और सुनवाई के दौरान सहयोग करने की शर्त पर यह सुविधा उपलब्ध कराने का आदेश दिया है.
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नीलम स्पाइसेस को अवैध तरीके से एक लाख रुपैया का लोन देने का मामला प्रकाश में आने पर मामले की सीबीआई जांच की गई. सीबीआई जांच के बाद सीबीआई की विशेष अदालत ने कैलाश नाथ को दोषी करार देते हुए 5 साल की सजा दी है. उसी सजा के खिलाफ उन्होंने हाईकोर्ट में अपील याचिका दायर की है, जिस पर सुनवाई के दौरान उन्हें जमानत की सुविधा उपलब्ध कराई गई है.