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हाई कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा को बदला, सजायाफ्ता होंगे रिहा, परिवार वालों में खुशी

झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश एस चंद्रशेखर और न्यायाधीश रत्नाकर भेंगरा की अदालत में आजीवन कारावास के सजायाफ्ता जितेंद्र भुइयां की अपील याचिका पर सुनवाई हुई. न्यायाधीश ने अपने-अपने आवास से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मामले की सुनवाई की.

हाई कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा को बदला
High Court changed sentence of life imprisonment into 10 years
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Published : Aug 24, 2020, 8:44 PM IST

रांची: आजीवन कारावास की सजायाफ्ता धनबाद के जितेंद्र भुइयां को झारखंड हाई कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. कोर्ट ने भुइयां के अपील याचिका पर सुनवाई के दौरान सभी पक्षों को सुनने के उपरांत उसके आजीवन कारावास की सजा को 10 साल की सजा में बदलने का आदेश दिया है. वह साढ़े 14 साल की सजा काट चुके हैं. इसलिए वे अब जेल से बाहर आ जाएंगे. जेल से बाहर आने से उनके परिजनों में खुशी का माहौल है.

देखें पूरी खबर

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हुई सुनवाई

झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश एस चंद्रशेखर और न्यायाधीश रत्नाकर भेंगरा की अदालत में आजीवन कारावास के सजायाफ्ता जितेंद्र भुइयां की अपील याचिका पर सुनवाई हुई. न्यायाधीश ने अपने-अपने आवास से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मामले की सुनवाई की. याचिकाकर्ता के अधिवक्ता और सरकार के अधिवक्ता अपने-अपने आवास से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अपना पक्ष रखा.

ये भी पढ़ें-हेमंत सरकार से कांग्रेस के 9 विधायक नहीं हैं नाराज, सरकार पूरा करेगी कार्यकाल- धीरज साहू

आजीवन कारावास की सजा 10 साल में बदली

अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के उपरांत यह माना कि निचली अदालत से दी गई सजा अधिक है. इसलिए अदालत ने उसे दफा 302 का दोषी नहीं मानते हुए, दफा 304 a का दोषी माना है और उसकी सजा को आजीवन कारावास से 10 साल में बदल दिया है. अभी वह साढ़े 14 साल से जेल में है, इसलिए शीघ्र ही वह जेल से बाहर आ जाएंगे.

बता दें कि धनबाद के शमीम अहमद को गोली मारने का आरोप जितेंद्र भुइयां पर था. धनबाद की निचली अदालत ने भुइयां को दफा 302 का दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी. उसी सजा के विरोध में हाई कोर्ट में अपील याचिका दायर की गई थी, जिस अपील याचिका पर सुनवाई के उपरांत अदालत ने उसकी सजा बदल दी.

रांची: आजीवन कारावास की सजायाफ्ता धनबाद के जितेंद्र भुइयां को झारखंड हाई कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. कोर्ट ने भुइयां के अपील याचिका पर सुनवाई के दौरान सभी पक्षों को सुनने के उपरांत उसके आजीवन कारावास की सजा को 10 साल की सजा में बदलने का आदेश दिया है. वह साढ़े 14 साल की सजा काट चुके हैं. इसलिए वे अब जेल से बाहर आ जाएंगे. जेल से बाहर आने से उनके परिजनों में खुशी का माहौल है.

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वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हुई सुनवाई

झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश एस चंद्रशेखर और न्यायाधीश रत्नाकर भेंगरा की अदालत में आजीवन कारावास के सजायाफ्ता जितेंद्र भुइयां की अपील याचिका पर सुनवाई हुई. न्यायाधीश ने अपने-अपने आवास से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मामले की सुनवाई की. याचिकाकर्ता के अधिवक्ता और सरकार के अधिवक्ता अपने-अपने आवास से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अपना पक्ष रखा.

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आजीवन कारावास की सजा 10 साल में बदली

अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के उपरांत यह माना कि निचली अदालत से दी गई सजा अधिक है. इसलिए अदालत ने उसे दफा 302 का दोषी नहीं मानते हुए, दफा 304 a का दोषी माना है और उसकी सजा को आजीवन कारावास से 10 साल में बदल दिया है. अभी वह साढ़े 14 साल से जेल में है, इसलिए शीघ्र ही वह जेल से बाहर आ जाएंगे.

बता दें कि धनबाद के शमीम अहमद को गोली मारने का आरोप जितेंद्र भुइयां पर था. धनबाद की निचली अदालत ने भुइयां को दफा 302 का दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी. उसी सजा के विरोध में हाई कोर्ट में अपील याचिका दायर की गई थी, जिस अपील याचिका पर सुनवाई के उपरांत अदालत ने उसकी सजा बदल दी.

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