रांची: गिरिडीह जिले में करीब 11 वर्षों से गुमशुदा लड़की को खोजने के मामले में दायर याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट (Jharkhand High Court) में सुनवाई हुई. अदालत ने झारखंड पुलिस की कार्यशैली (Working style of Jharkhand Police) पर कड़ी नाराजगी व्यक्त की. कोर्ट ने कहा कि 11 वर्ष बीत गए कितने एसपी आए और गए. अभी तक इस मामले को सुलझा नहीं पाए. अदालत ने शीघ्र मामले को सुलझाने का निर्देश दे दिया है.
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मामले में झारखंड हाई कोर्ट के अधिवक्ता इंद्रजीत सिन्हा को एमिकस क्यूरी नियुक्त किया गया है. अब वह इस मामले में अदालत में पक्ष रखेंगे. झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश राजेश शंकर की अदालत में इस मामले पर सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान अदालत ने हाई कोर्ट के अधिवक्ता इंद्रजीत सिन्हा को इस मामले में एमिकस क्यूरी नियुक्त करते हुए. उन्हें इस मामले में पक्ष रखने को कहा.
सुनवाई के दौरान अदालत ने यह जानना चाहा कि मामला कब से लंबित है इस पर कहा गया कि लगभग 11 वर्षों से यह जांच लंबित है जिस पर अदालत ने कड़ी नाराजगी व्यक्त की. कहा कि इतने दिनों में कितने आईपीएस ऑफिसर वहां आए और गए जिस पर जानकारी दी गई कि लगभग 8 आईपीएस आए और गए. मामले में बोधी पंडित के द्वारा याचिका दायर की गई है. उसी याचिका पर सुनवाई हुई.
उल्लेखनीय है कि गिरिडीह की एक युवती की गुमशुदगी की शिकायत करीब 11 वर्ष पूर्व उसके परिजनों ने करवाई थी. लेकिन 11 साल से इस युवती की गुमशुदगी के मामले में पुलिस के हाथ अब तक खाली हैं. इस दौरान गुमशुदा लड़की का केस लड़ रही उसकी मां की भी हत्या हो गई.