रांची: कोविड-19 जैसे वैश्विक महामारी के दौरान कोई भूखा न रहे, इसके लिए सरकार लगातार कोशिश कर रही है. सरकार के स्तर पर न सिर्फ बाहर से आए लोगों का बल्कि मनरेगा के तहत काम कर रहे मजदूरों का भी विशेष ख्याल रखा जा रहा है. यही कारण है कि सरकार ने मनरेगा मजदूरों के खाते में मजदूरी के रूप में 350 करोड़ रुपए डाले हैं.
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मजदूरों का 350 करोड़ रुपये था बकाया
पूरे मामले में मनरेगा आयुक्त राजेश्वरी बी ने बताया है कि झारखंड के मनरेगा मजदूरों की मजदूरी मद में 350 करोड़ रुपये का बकाया था. राज्य सरकार की ओर से इसके लिए लगातार प्रयास किया जा रहा था. यह राशि अब तक झारखंड को नहीं मिली थी. केंद्र सरकार ने इस वित्तीय वर्ष में सोलहवां किस्त जारी कर दी है. 791 करोड़ जारी करने के बाद ये निर्देश दिया गया कि पूर्व में बकाया राशि जो मजदूरी मद में 350 करोड़ है उसका भुगतान जल्द से जल्द कर दिया जाए. जिसके बाद सभी मजदूरों के खाते में पैसे डाल दिया गया है.
मजदूरों को मिलेगी अधिक सुविधा
मनरेगा आयुक्त ने मनरेगा योजना से जुड़े कर्मचारी और पदाधिकारियों को मनरेगा मजदूरों को आवश्यक सुविधा उपलब्ध कराने का निर्देश दिया. उन्होंने कहा कोविड-19 महामारी को देखते हुए ऐसे मजदूरों का अधिक से अधिक ख्याल रखा जाना चाहिए.
मनरेगा अंतर्गत विभिन्न योजनाओं की समीक्षा
मनरेगा आयुक्त राजेश्वरी बी और ग्रामीण विकास विभाग के सचिव मनीष रंजन ने वर्चुअल माध्यम से मनरेगा योजनाओं की समीक्षा के लिए विभिन्न जिलों के अधिकारियों के साथ बैठक की. जिसमें मनरेगा योजना के तहत किए जा रहे कार्यों की जिलावार समीक्षा की गई. समीक्षा के क्रम में अपेक्षाकृत कम प्रगति करने वाले जिलों के डीडीसी को मनरेगा आयुक्त ने कार्य में तेजी लाने का निर्देश दिया.