रांची: हेमंत सरकार इन दिनों राज्य की अर्थव्यवस्था को नया आयाम देने की तैयारी में जुटी है. इस संबंध में न केवल 2024-25 के वार्षिक बजट की रूपरेखा तय की जा रही है, बल्कि 2030 तक राज्य की अर्थव्यवस्था को 10 लाख करोड़ रुपये तक ले जाने के लक्ष्य पर भी काम किया जा रहा है. इसके लिए सरकार ने कृषि, पर्यटन, खनन जैसे क्षेत्रों को विकसित कर आय के स्रोत बढ़ाने की तैयारी की है. राज्य की खाली बंजर भूमि को कृषि योग्य भूमि में परिवर्तित करने के लिए एक कार्य योजना तैयार की जा रही है, जिसके लिए अगले 6 वर्षों के भीतर राज्य की 24% ऐसी बंजर भूमि को कृषि योग्य भूमि में परिवर्तित करने का लक्ष्य रखा गया है. झारखंड मंत्रालय में चल रहे प्री-बजट सर्वेक्षण के पहले दिन कृषि, पर्यटन और खान विभाग के साथ-साथ नाबार्ड और सरकार के अन्य विभागों की ओर से मिशन 2030 को लेकर सुझाव दिये गये.
वित्त मंत्री डॉ. रामेश्वर उरांव ने कहा कि बजट तो हर साल पेश होता है लेकिन इस बार राज्य की जीएसडीपी को 2030 तक 10 लाख करोड़ करने का लक्ष्य लेकर बड़ी कार्ययोजना बनायी जा रही है. फिलहाल जीएसडीपी करीब 4 लाख करोड़ है. इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए कृषि, पर्यटन, खदान आदि क्षेत्रों को विकसित कर इस लक्ष्य को हासिल करने की कार्ययोजना बनायी जा रही है.
कृषि विभाग द्वारा जनगणना के दौरान दिये गये सुझावों की जानकारी देते हुए कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने कहा कि 2030 के लक्ष्य को प्राप्त करने में कृषि विभाग की महत्वपूर्ण भूमिका होगी. इसके लिए राज्य में बंजर भूमि को विकसित करने, डीप बोरिंग को कम करने, विशेष निदेशालय खोलने, योजनाओं की लंबी सूची को कम करने, बांस की खेती बढ़ाने, मकई उत्पादन बढ़ाने सहित कई सुझाव दिए गए.
दो दिनों तक होगी राय सुमारी: वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए झारखंड सरकार की ओर से 1.16 लाख करोड़ रुपये का बजट पेश किया गया. लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए इस साल फरवरी महीने में बजट पेश करने की तैयारी है. चल रहे प्री-बजट सर्वे के दूसरे दिन गुरुवार को शिक्षा विभाग, महिला कल्याण, स्वास्थ्य और आपदा प्रबंधन जैसे विभागों की ओर से सुझाव दिए जाएंगे. जाने-माने अर्थशास्त्री हरिश्वर दयाल का मानना है कि 2030 के लक्ष्य को लेकर सरकार की ओर से की गई यह तैयारी वाकई एक अच्छी पहल है.
हरिश्वर दयाल ने कहा कि इस दो दिवसीय सर्वेक्षण में विभिन्न विभागों से प्राप्त सुझाव महत्वपूर्ण होंगे, जिन पर आगे की कार्ययोजना बनायी जा सकती है. हालांकि, आगामी बजट और 2030 के लक्ष्य को देखते हुए राज्य सरकार ने कदम उठाने शुरू कर दिए हैं, ऐसे में मिले सुझावों और फिर लक्ष्य के मुताबिक कार्ययोजना तय की जाएगी, ताकि 10 लाख करोड़ रुपये जीएसडीपी का लक्ष्य हासिल की जा सके. इससे राज्य की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी.
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