रांची: झारखंड की आन बान शान कही जाने वाली एचईसी आज अपने बुरे दौर से गुजर रही है. पिछले एक महीना से प्रदर्शन कर रहे पदाधिकारियों और कर्मचारियों ने कहा कि शनिवार को महारैली का आयोजन (HEC Employees Will Take Rally) किया जाएगा. जिसमें हजारों की संख्या में पदाधिकारी और कर्मचारी शामिल होंगे. धुर्वा के गोल चक्कर से एचईसी हेड क्वार्टर तक यह रैली निकाली जाएगी.
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मजदूर यूनियन के नेता विकास कुमार बताते हैं कि 7 और 8 दिसंबर को एचईसी प्रबंधन के लोगों ने कहा था कि वह दिल्ली जाकर अधिकारी से मुलाकात करेंगे. लेकिन लग रहा है कि अब प्रबंधन के बड़े अधिकारी अपने रिटायरमेंट का इंतजार कर रहे हैं. ताकि वह रिटायर होकर निश्चिंत हो जाए और मजदूर को उनके हाल पर छोड़ दिया जाए.
एचईसी में काम करने वाले कर्मचारी आज अपने अंतिम पायदान पर हैं. सभी कर्मचारी सड़क पर बैठकर कभी पकोड़े तलते नजर आते हैं, तो कभी चाय पिलाते नजर आते हैं. एचईसी कारखाने में काम करने वाले इंजीनियर बताते हैं कि एचईसी प्रबंधन, राज्य और केंद्र की सरकार मूकदर्शक बनी हुई है. या सिर्फ अपने कर्मचारियों को बरगला रही है. ताकि आंदोलन कर रहे कर्मचारी थक हार कर बैठ जाए और उनकी मांग पूरी ना हो सके.
एचईसी के पदाधिकारियों ने कहा कि वह इस तरह का प्रदर्शन करने को मजबूर हैं क्योंकि पिछले 14 महीनों से उन्हें वेतन प्राप्त नहीं हुआ है. वही कर्मचारियों और मजदूरों की बात करें तो उन्हें भी पिछ्ले 11 महीने से उनके हक का वेतन नहीं दिया गया है.
एचईसी के कर्मचारी पिछले कई दिनों से हेडक्वार्टर के सामने विभिन्न माध्यमों से अपना विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. ताकि प्रबंधन और सरकार के लोग उनकी समस्या पर गौर फरमाए. जिससे एचईसी फिर से अपने पुरानी स्थिति में लौट आए और वहां पर काम करने वाले कर्मचारियों को उनके हक का वेतन मिलना शुरू हो जाए.