रांची: झारखंड में दुर्गा पूजा भव्य तरीके से मनाया जाता है. 10 दिनों तक उत्सव का माहौल रहता है. लोग नए कपड़े खरीदते हैं मां दुर्गा की आराधना करते हैं और मेले में भी घूमने जाते हैं. हालांकि रांची में कुछ लोग ऐसे भी हैं जिनके लिए इस साल दुर्गा पूजा का उत्सव फीका साबित होने वाला है. ये भी संभव है कि उनके घर में ना अच्छे पकवान और ना ही उनके बच्चों को नए कपड़े नसीब हो. क्योंकि उन्हें पिछले 19 महीनों से वेतन ही नहीं मिला है.
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देश का मशहूर कारखाना एचईसी के कर्मी पिछले 19 महीने से लोग वेतन का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन उन्हें सिर्फ आश्वासन दिया जा रहा है. कर्मचारियों को यह उम्मीद थी कि दुर्गा पूजा जैसे पर्व में प्रबंधन और सरकार पहल कर उन्हें वेतन देगी ताकि एचईसी में काम करने वाले कामगार और पदाधिकारी भी अपने बच्चों के साथ धूमधाम से दुर्गा पूजा मना सकें. लेकिन ऐसा होता नहीं दिख रहा है.
एचईसी में काम करने वाले कर्मचारियों की गृहिणी बताती हैं कि 19 महीने से वेतन नहीं मिलने के कारण अब हालात ऐसे हो गए हैं कि घरों से निकलना बंद कर दिया हैं क्योंकि जब हाथ में पैसे ही नहीं रहेंगे तो घर से बाहर निकलने का क्या फायदा. रेखा कुमारी ने बताया कि इस बार उम्मीद थी कि शायद एचईसी प्रबंधन दुर्गा पूजा के मौके पर कुछ वेतन प्रदान करेगी, लेकिन अभी तक प्रबंधन की तरफ से किसी तरह का आश्वासन नहीं दिया गया है.
महिलाओं ने बताया कि घर के बड़े बुजुर्ग तो यह समझ जाएंगे कि वेतन नहीं मिलने के कारण धूमधाम से दुर्गा पूजा नहीं मनाया जा पा रहा है, लेकिन जिनके घरों में छोटे बच्चे हैं उन्हें कैसे समझाएं, उन्हें देखकर रुलाई आती है. क्योंकि वह उम्मीद लगाकर बैठे हैं कि दुर्गा पूजा पर उन्हें नए कपड़े मिलेंगे और अच्छे-अच्छे पकवान बनाए जाएंगे. वहीं, एचईसी में काम करने वाले कर्मचारी रामशंकर ने बताया कि 19 महीने बीत जाने के बावजूद भी प्रबंधन के कान पर जू तक नहीं रेंग रहा.
प्रबंधन के लोग हाथ पर हाथ रख कर बैठे हैं उन्हें अपने कर्मचारियों की समस्या से कोई मतलब नहीं है. एचईसी में काम करने वाले कई कर्मचारियों ने कहा कि यदि यही हालत रही तो अब घर की महिलाएं भी एचईसी के सामने धरना प्रदर्शन करने के लिए मजबूर हो जाएंगी.
एक वक्त हुआ करता था जब एचईसी के कर्मचारी को अच्छा खासा वेतन मिलता था और उसी हिसाब से वह अपना जीवन यापन करते थे, लेकिन अब वही कर्मचारी एक-एक पैसे के लिए मोहताज हैं. कई कर्मचारियों ने एचईसी से वेतन मिलने की उम्मीद छोड़ दी है, इसलिए वह अब ठेला लगाकर सामान बेचते नजर आते हैं. किसी कर्मचारी के बुरे हालात को देखते हुए मजदूर यूनियन के नेताओं ने दिल्ली के जंतर मंतर में भी धरना प्रदर्शन किया, लेकिन उसके बावजूद भी एचईसी में काम करने वाले कर्मचारियों की हालत जज के तस है.